संदेशखाली पर ममता बनर्जी की चुप्पी अब क्यों टूटी, जानें कब करेंगी दौरा

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मंगलवार को कहा था,''संदेशखाली की माताओं और बहनों के लिए, जो कुछ हुआ और जिस तरह से मेरी मां और बहन का अपमान किया गया, उसके लिए मुझे गहरा खेद है. हम यह सुनिश्चित करेंगे कि ऐसा न हो. वो बशीरहाट में चुनाव प्रचार करने गई थीं.

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नई दिल्ली:

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (CM Mamta Banerjee) ने मंगलवार को पहली बार संदेशखाली पर कुछ बोलीं. उन्होंने मंगलवार को चुनाव प्रचार के दौरान संदेशखाली की महिलाओं से माफी मांगी.उनका कहना था कि बीजेपी (BJP) ने राजनीतिक फायदे के लिए संदेशखाली की महिलाओं का इस्तेमाल किया.वो बशीरहाट सीट (Basirhat lok sabha Constituency) से टीएमसी (Trinmool Congress)उम्मीदवार हाजी नुरूल इस्लाम का चुनाव प्रचार करने गई थीं.उन्होंने कहा कि जैसे ही इस्लाम जीतेंगे, मैं पहले संदेशखाली जाउंगी और लोगों से मिलूंगी. संदेशखाली बशीरहाट लोकसभा सीट के तहत आता है, जहां लोकसभा चुनाव (Loksabha Election 2024) के अंतिम चरण में एक जून को मतदान होना है.

ममता बनर्जी ने संदेशखाली पर कहा क्या है?

संदेशखाली का विवाद फरवरी से ही मीडिया में छाया हुआ है. हाई कोर्ट के आदेश पर इस मामले की जांच सीबीआई कर रही है.इससे पहले विपक्ष संदेशखाली न जाने को लेकर ममता बनर्जी की आलोचना कर रहा था. यह पहली बार है कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इस मामले पर कुछ बोला है.उन्होंने कहा कि बशीरहाट लोकसभा क्षेत्र में चुनाव प्रचार के दौरान वो संदेशखाली जाएंगी. मुख्यमंत्री बीजेपी ने एक बार फिर बीजेपी पर संदेशखाली को लेकर साजिश रचने का आरोप लगाया.

ममता ने मंगलवार को कहा,''संदेशखाली की माताओं और बहनों के लिए, जो कुछ हुआ और जिस तरह से मेरी मां और बहन का अपमान किया गया, उसके लिए मुझे गहरा खेद है. हम यह सुनिश्चित करेंगे कि ऐसा न हो.माताओं और बहनों का अपमान किया गया. ऐसा नहीं होना चाहिए था. बीजेपी का असली चेहरा सामने आ गया है. उन्होंने मां-बहनों के सम्मान का इस्तेमाल राजनीति के लिए किया है.''

उन्होंने कहा,''हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि अनादर का ये खेल फिर कभी कोई नहीं खेल सके. अगर चीजें सामने नहीं आई होतीं तो लोगों को बीजेपी की संदेशखाली साजिश की सीमा कभी समझ नहीं आती.''

इस दौरान ममता बनर्जी ने उन वीडियो का भी जिक्र किया, जो पिछले दिनों सोशल मीडया पर सामने आए हैं. इन वीडियो में दावा किया गया है कि एक स्थानीय बीजेपी नेता ने सादे कागज पर संदेशखाली की कई महिलाओं के दस्तखत लिए थे.उन वीडियो में दावा किया गया है कि इन कागजों का इस्तेमाल टीएमसी नेताओं के खिलाफ यौन उत्पीड़न की शिकायत दर्ज कराने के लिए किया गया.हालांकि एनडीटीवी इन वीडियो की सत्यतता को प्रमाणित नहीं करता हैं.

इन वीडियो को देखते हुए ममता की टिप्पणियां महत्वपूर्ण हो जाती हैं. इस मामले की वजह से टीएमसी बैकफुट पर थी. लेकिन  इन वीडियो के बाद उसका भरोसा बढा है. 

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बंगाल की महिला मतदाता

एक दूसरी बात यह है कि पश्चिम बंगाल में महिलाएं मतदान में बढ़चढ़कर हिस्सा लेती हैं. इसे देखते हुए बाकी के दो चरण के मतदान होने से पहले ही ममता ने संदेशखाली जाने का फैसला किया है. छठे चरण की वोटिंग 25 मई और सातवें चरण की वोटिंग एक जून को होनी है.

खबरों के मुताबिक राज्य में राज्य में पहले तीन चरण के मतदान में महिलाओं ने पुरुषों की तुलना में अधिक मतदान किया है. वहीं आंकड़ों के मुताबिक 2019 के चुनाव में राज्य की 42 में से 18 सीटों पर महिलाओं ने पुरुषों की तुलना में अधिक मतदान किया था.

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पश्चिम बंगाल में महिला वोटरों की संख्या तीन करोड़ 70 लाख से अधिक है.वहीं पुरुष वोटरों की संख्या तीन करोड़ 90 लाख है.

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