लोकसभा अध्यक्ष ने Covid-19 की स्थिति पर पीठासीन अधिकारियों के साथ की बैठक, दिये ये अहम सुझाव

राज्य विधानमंडलों के पीठासीन अधिकारियों के अलावा राज्य विधानमंडलों के संसदीय कार्य मंत्री, मुख्य सचेतक तथा नेता प्रतिपक्ष भी इस बैठक में उपस्थित थे

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लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने कोविड-19 पर पीठासीन अधिकारियों के साथ बैठक की अध्यक्षता की.

लोकसभा अध्यक्ष तथा अखिल भारतीय पीठासीन अधिकारी सम्मेलन के अध्यक्ष ओम बिड़ला (Om Birla) ने ‘कोविड-19 (Covid-29) की वर्तमान स्थिति - जनप्रतिनिधियों की भूमिका और दायित्व' विषय पर आज भारत के विधायी निकायों के पीठासीन अधिकारियों और अन्य नेताओं की एक बैठक की अध्यक्षता की. राज्य विधानमंडलों के पीठासीन अधिकारियों के अलावा राज्य विधानमंडलों के संसदीय कार्य मंत्री, मुख्य सचेतक तथा नेता प्रतिपक्ष भी इस बैठक में उपस्थित थे .इस अवसर पर लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि कोविड-19 के संकट के एक वर्ष से भी अधिक समय के बाद आज यह महामारी पुनः नए रूप में नई चुनौतियों के साथ हमारे सामने आयी है. कोरोना संक्रमण का यह नया स्ट्रेन पिछले वर्ष की तुलना में और अधिक तेजी से फैल रहा है और यह हम सबके लिए गम्भीर चिंता का विषय है.

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ओम बिड़ला ने यह भी कहा कि सरकारें अपने स्तर पर सभी आवश्यक प्रयास कर रही हैं. परंतु संकट की इस घड़ी में विधायिका को भी और अधिक तत्परता से अपना कर्तव्य निभाना है. उन्होने जनप्रतिनिधियों का आह्वान किया कि वे सभी पूरी एकजुटता और  सामूहिकता की भावना से अपने कर्तव्यों का पालन करें तथा समाज और देश को इस आपदा से शीघ्र मुक्ति दिलाने में अपना योगदान दें.

बिड़ला ने पीठासीन अधिकारियों से आग्रह किया कि वह कोरोना के संबंध में जागरूकता और कोरोना प्रोटोकॉल का पालन कराने के लिए अपने-अपने राज्यों के जनप्रतिनिधियों के माध्यम से जनता में आवश्यक संदेश पहुंचाने का प्रयास करे. उन्होंने जनप्रतिनिधियों से जनता के बीच यह सन्देश देने को कहा कि कोरोना के साथ लड़ाई में निजी सावधानी ही सबसे बड़ा हथियार है और इस बारे में कोई भी लापरवाही अत्यंत खतरनाक सिद्ध हो सकती है. इस विषय पर  बिड़ला ने  निम्नलिखित सुझाव भी दिये:

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i. महामारी के नियंत्रण के लिए जनप्रतिनिधि सामाजिक संगठनों की सहायता ले सकते हैं.
ii. ग्राम पंचायतों एवं शहरी क्षेत्रों के स्थानीय निकायों सहित लोकतांत्रिक संस्थाओं को सामूहिक रूप से कोरोना संक्रमण को कम करने के लिए जनता के बीच में रहकर व्यापक प्रयास करने हेतु प्रेरित किया जाये.
iii. पीठासीन अधिकारीगण अपने-अपने राज्यों के विधान मण्डलों में कंट्रोल रूम स्थापित करें, जो सभी जनप्रतिनिधियों से जुड़े रहे. इसके माध्यम से प्राप्त सूचनाएं एवं जनता की कठिनाइयों को सरकार तक पहुंचाने का काम करें.
iv. केन्द्र से संबंधित कोई विषय हो, तो वह लोक सभा कंट्रोल रूम तक पहुंचाएं. ऐसा होने से राज्यों के विधान मण्डलों एवं लोक सभा का एक साझा तंत्र स्थापित हो सकेगा और जो मिलजुलकर इस भीषण महामारी को रोक पाने में कारगर साबित होगा.

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ओम बिड़ला ने इस बात पर संतोष व्यक्त किया कि देश भर में कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए अब तक 12 करोड़ से भी अधिक लोगों को टीका लगाया जा चुका है. उन्होने इस बात पर जोर दिया कि इस टीकाकरण कार्यक्रम को देश भर में और अधिक तेज करने की आवश्यकता है. इसलिए सभी जनप्रतिनिधि इस दिशा में स्थानीय प्रशासन के प्रयासों के सहभागी बनें.उन्होंने पीठासीन अधिकारियों  से अपनी best practices एक दूसरे से साझा करने का आग्रह किया ताकि जनता की समस्याओं के निवारण के लिए एक मानक प्रक्रिया स्थापित हो  और  एक SOP develop हो सके. इस बैठक में 34 विधान सभाओं और विधान परिषदों के पीठासीन अधिकारियों और अन्य नेताओं ने भाग लिया.

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