"संसद की सुरक्षा मेरी जिम्मेदारी": लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला

कांग्रेस ने दावा किया कि महात्मा गांधी, डॉ. भीम राव आंबेडकर और छत्रपति शिवाजी की प्रतिमाओं को अन्यत्र स्थानांतरित करने के पीछे का विचार यह सुनिश्चित करना है कि वे किसी प्रमुख स्थान पर न हों जहां सांसद शांतिपूर्ण और लोकतांत्रिक तरीके से विरोध प्रदर्शन कर सकें.

विज्ञापन
Read Time: 3 mins
नई दिल्ली:

उपराष्ट्रपति एवं राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ रविवार को प्रेरणा स्थल का उद्घाटन करेंगे, जहां स्वतंत्रता सेनानियों और अन्य नेताओं की वे सभी प्रतिमाएं रखी जाएंगी जो पहले संसद परिसर में विभिन्न स्थानों पर रखी गई थीं. लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने एनडीटीवी से विशेष बातचीत के दौरान कहा कि संसद परिसर के अंदर देश के महापुरुषों के प्रतिमा को एक जगह रखा जाए. संसद परिसर में प्रेरणा स्थल बनाया गया है. उपराष्ट्रपति आज लोकापर्ण करेंगे.  पहले अलग-अलग जगह पर थे अब सबको एक ही जगह पर कर दिया गया है. आने वाले पीढ़ी इससे प्रेरणा ले सकेगी.

"संसद की सुरक्षा की जिम्मेदारी मेरी"

कांग्रेस ने प्रतिमाओं को उनके मौजूदा स्थान से हटाने के निर्णय की आलोचना की है. विपक्ष के आरोप पर उन्होंने कहा कि राष्ट्रपिता हो या अम्बेडकर जी की प्रतिमा सबको एक जगह लाया गया है. 15 ऐसी प्रतिमा है उनके योगदान को सब जान सके . संसद के अंदर जो भी होता है वह अध्यक्ष की जिम्मेदारी होती है. इसके बारे में समय-समय पर चर्चा की है. डिप्टी स्पीकर समेत तमाम फैसले राजनीतिक दल द्वारा किए जाते है. संसद की सुरक्षा की जिम्मेदारी मेरी है, पहले अलग-अलग एजेंसी थी. अब एक ही एजेंसी करेगी जो ठीक होगा.

एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि इस कार्यक्रम में सभी संसद सदस्यों को आमंत्रित किया गया है. निवर्तमान लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला और अन्य गणमान्य व्यक्ति भी उपस्थित रहेंगे. 

इस वजह से किया गया प्रेरणा स्थल का निर्माण

लोकसभा सचिवालय ने कहा है कि विभिन्न स्थानों पर उनकी स्थापना के कारण आगंतुकों के लिए उन्हें ठीक से देखना मुश्किल हो गया था. बयान में कहा गया, ‘‘प्रेरणा स्थल का निर्माण इसलिए किया गया है ताकि संसद भवन परिसर में आने वाले गणमान्य व्यक्ति और अन्य आगंतुक एक ही स्थान पर इन प्रतिमाओं को आसानी से देख सकें और श्रद्धांजलि अर्पित कर सकें.''

बयान में कहा गया, ‘‘इन महान भारतीयों की जीवन गाथाओं और संदेशों को नयी तकनीक के माध्यम से आगंतुकों तक पहुंचाने के लिए एक कार्य योजना बनाई गई है.''

लोकसभा सचिवालय ने कहा कि इससे पहले भी नए संसद भवन के निर्माण कार्य के दौरान महात्मा गांधी, मोतीलाल नेहरू और चौधरी देवीलाल की प्रतिमाओं को परिसर में अन्य स्थानों पर स्थानांतरित कर दिया गया था. (भाषा इनपुट के साथ)

Advertisement

Video : दिल्ली के Mundka इलाक़े में गत्ता फ़ैक्टरी में लगी भीषण आग

Featured Video Of The Day
Sambhal Jama Masjid: हिदू पक्ष के दावे के बाद कोर्ट ने कराया सर्वे, पुलिस ने निकाला फ्लैग मार्च