लोकसभा चुनाव: उत्तर-पूर्वी दिल्ली में मतदाताओं के बड़े मुद्दों में सांप्रदायिक सौहार्द व विकास शामिल

दिल्ली में वर्ष 2020 के सांप्रदायिक दंगों में मारे गए खुफिया ब्यूरो (आईबी) के अधिकारी अंकित शर्मा के भाई अंकुर शर्मा का कहना है कि चुनाव के बाद जो भी राजनीतिक दल सत्ता में आए उसे क्षेत्र में कानून-व्यवस्था और शांति बनाए रखने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए.

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नई दिल्ली:

उत्तर-पूर्वी दिल्ली में सांप्रदायिक दंगों के चार साल बाद क्षेत्र के लोगों को उम्मीद है कि नयी सरकार सांप्रदायिक सौहार्द एवं सद्भाव को बढ़ावा देने और क्षेत्र में विकास सुनिश्चित करने पर ध्यान केंद्रित करेगी. उत्तर-पूर्वी दिल्ली लोकसभा क्षेत्र के मतदाताओं के मुताबिक, यहां अच्छी सीवरेज प्रणाली, बेहतर सड़कें और साफ-सफाई की जरूरत है.

दिल्ली में वर्ष 2020 के सांप्रदायिक दंगों में मारे गए खुफिया ब्यूरो (आईबी) के अधिकारी अंकित शर्मा के भाई अंकुर शर्मा का कहना है कि चुनाव के बाद जो भी राजनीतिक दल सत्ता में आए उसे क्षेत्र में कानून-व्यवस्था और शांति बनाए रखने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए.

अंकुर शर्मा ने 'पीटीआई-भाषा' से कहा, ‘‘ दंगों की बुरी यादें हमें परेशान करती हैं. मेरे माता-पिता अक्सर मेरे भाई को याद कर बिलखने लगते हैं और जब हम बाहर निकलते हैं तो लोग हमसे भाई के बारे में बात करते हैं. हमारे लिए यह बेहद मुश्किल था और हम गाजियाबाद चले गए, लेकिन 25 मई को हम दिल्ली में अपना वोट डालेंगे. चुनाव के बाद चाहे कोई भी राजनीतिक दल सरकार बनाये, चाहे वह भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) हो या कांग्रेस, उसे कानून-व्यवस्था को मजबूत करने तथा लोगों के बीच सद्भाव बनाए रखने की दिशा में काम करना चाहिए.''

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शर्मा परिवार दो महीने पहले गाजियाबाद (उत्तर प्रदेश) चला गया. दंगों के पीड़ित मोहम्मद वसीम ने भी ऐसी ही भावना व्यक्त की है. वसीम का घर 2020 में दंगाइयों द्वारा जला दिया गया था.

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वसीम ने कहा, ‘‘ हम बचने में सफल रहे, लेकिन अपना सामान नहीं ले जा सके जो जलकर राख हो गया था. हम प्रार्थना करते हैं कि हमें दोबारा ऐसी स्थिति नहीं देखनी पड़े. दंगाई बाहरी थे. पहली बार मतदान करते हुए, मैं सांप्रदायिक सद्भाव और शांति के लिए अपना वोट डालूंगा. ''

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फरवरी 2020 में उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हुए दंगों में कम से कम 53 लोगों की मौत हो गई थी और सैकड़ों लोग घायल हुए थे. वहीं, उत्तर-पूर्वी दिल्ली लोकसभा क्षेत्र में रहने वाले अन्य लोगों के लिए सीवर प्रणाली और सड़कों से जुड़े मुद्दे अधिक महत्वपूर्ण हैं.

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बुराड़ी क्षेत्र में रहने वाले मीडिया पेशेवर राहुल राज ने कहा, ‘‘ मैं यहां 20 साल से रह रहा हूं. यह क्षेत्र कनेक्टिविटी समस्याओं से ग्रस्त है और सड़कों की स्थिति अच्छी नहीं है. इलाके में साफ-सफाई का अभाव है. अनधिकृत कॉलोनियों और जल निकासी के मुद्दे भी हैं. ''

उन्होंने कहा कि बुराड़ी में केवल एक सरकारी अस्पताल है जो कोविड-19 महामारी के दौरान खुला है और क्षेत्र में पर्याप्त सरकारी स्कूल नहीं हैं. दिलशाद कॉलोनी निवासी अनिल रावत ने कहा कि क्षेत्र में पार्किंग एक बड़ा मुद्दा है.

अनिल रावत ने कहा, ‘‘पार्किंग पर्याप्त स्थान की कमी भी एक बड़ी समस्या है. हालांकि, हमारे यहां दिल्ली नगर निगम के पार्किंग स्थल हैं, लेकिन ज्यादातर लोग अपने वाहन सड़कों पर पार्क करना पसंद करते हैं जिससे भीड़भाड़ होती है. ''

उत्तर-पूर्वी दिल्ली लोकसभा क्षेत्र में 24,63,159 पात्र मतदाता हैं, जिनमें 11.36 लाख से अधिक महिलाएं हैं. यहां बड़ी संख्या में पूर्वांचली और मुस्लिम आबादी है.

इस निर्वाचन क्षेत्र में 10 विधानसभा क्षेत्र शामिल हैं - बुराड़ी, तिमारपुर, सीमापुरी, रोहतास नगर, सीलमपुर, घोंडा, बाबरपुर, गोकलपुर, मुस्तफाबाद और करावल नगर. उत्तर-पूर्वी दिल्ली में दो पूर्वाचलियों - भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के मौजूदा सांसद मनोज तिवारी और कांग्रेस के कन्हैया कुमार के बीच सीधा मुकाबला होगा.

मनोज तिवारी ने 2014 और 2019 में इस सीट पर जीत दर्ज की थी और इस बार उनकी नजर चुनावी हैट्रिक पर है. वर्ष 2019 में, तिवारी ने दिल्ली की तीन बार की मुख्यमंत्री शीला दीक्षित को 3,66,102 मतों के रिकॉर्ड अंतर से हराया था.

तिवारी ने कहा कि उत्तर-पूर्वी दिल्ली निर्वाचन क्षेत्र में सबसे बड़ा मुद्दा यातायात जाम की समस्या है और सांसद के रूप में उनके कार्यकाल के दौरान सभी प्रमुख सड़कों पर जाम की समस्या को कम करने की कोशिश की गयी है.

भाजपा सांसद ने पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘शास्त्री पार्क चौराहा और शास्त्री पार्क से करावल नगर पुश्ता तक के इलाकों में भीड़भाड़ की समस्या कम हो गई है. दूसरी समस्या सीलमपुर फ्लाईओवर पर जाम की थी, जहां एक लेन थी और अब दो लेन है. नंद नगरी में फ्लाईओवर भी बनाया गया. लेकिन, चार से पांच सड़कें ऐसी हैं जिन्हें सोनिया विहार पुश्ता की तरह भीड़भाड़ से मुक्त करने की जरूरत है. गमरी सड़क को भी चौड़ा करने की जरूरत है. ''

उन्होंने कहा कि क्षेत्र में एक केंद्रीय विद्यालय का निर्माण किया गया है तथा दो और विद्यालयों को मंजूरी दी गई है. उन्होंने कहा कि इन स्कूलों पर काम जल्द ही शुरू होगा. कांग्रेस उम्मीदवार कन्हैया कुमार ने इस सीट से अपना नामांकन पत्र दाखिल करते समय कहा था कि वह क्षेत्र के युवाओं को रोजगार मुहैया कराना चाहते हैं.

कन्हैया कुमार ने कहा था, ‘‘ हम उत्तर-पूर्वी दिल्ली के युवाओं के लिए रोजगार चाहते हैं. हम दुकानदारों के लिए जीएसटी से राहत चाहते हैं. हम मजदूरों के लिए न्यूनतम वेतन 400 रुपये भी चाहते हैं. महिलाओं के लिए, हम उन्हें प्रति वर्ष एक लाख रुपये का भुगतान करना चाहते हैं. ''

उन्होंने कहा था कि कांग्रेस शिक्षा ऋण माफ करना चाहती है और यह सुनिश्चित करना चाहती है कि किसानों को उनकी उपज का सही मूल्य मिले. उत्तर-पूर्वी दिल्ली में लोकसभा चुनाव के छठे दौर में 25 मई को मतदान होगा.

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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