ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (All India Majlis-e-Ittehadul Muslimeen) और अपना दल (कमेरावादी) ने रविवार को लोकसभा चुनाव के लिए उत्तर प्रदेश में गठबंधन की घोषणा की है. अपना दल (कमेरावादी) की नेता पल्लवी पटेल और AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) के नेतृत्व वाले इस गठबंधन को पीडीएम नाम दिया गया है, जिसका अर्थ है "पिछड़ा, दलित और मुसलमान". इन दोनों दलों के साथ ही गठबंधन में प्रेमचंद बिंद की प्रगतिशील मानव समाज पार्टी और राष्ट्रीय उदय पार्टी जैसी अन्य पार्टियां भी शामिल हैं.
समाजवादी पार्टी ने हाल ही में अपने गठबंधन सहयोगी अपना दल (कमेरावादी) के साथ लंबे समय से चल रहे मतभेदों के बाद रिश्ते खत्म कर लिए थे.
समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने गुरुवार को मीडिया के एक सवाल का जवाब देते हुए कहा, "हम 2022 के विधानसभा चुनाव में अपना दल (कमेरावादी) के साथ गठबंधन में थे, लेकिन 2024 में ऐसा नहीं है."
दोनों दलों के बीच आ गई थी दरार
दोनों दलों के बीच दरार उस वक्त खुलकर सामने आ गई जब अपना दल (कमेरावादी) नेता और एसपी विधायक पल्लवी पटेल ने फरवरी में हुए राज्यसभा चुनाव में दो सपा उम्मीदवारों को वोट देने से इनकार कर दिया था. साथ ही उन्होंने कहा उनका कहना है कि सपा ने उम्मीदवारों के चयन में पीडीए (पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक) फॉर्मूले को नजरअंदाज कर दिया. उन्होंने दावा किया कि उन्होंने तीन सपा उम्मीदवारों में से सिर्फ एक दलित उम्मीदवार को वोट दिया था.
अपना दल (कमेरावादी) ओबीसी नेता डॉ. सोनेलाल पटेल द्वारा स्थापित अपना दल का एक गुट है, जिनका 2009 में एक सड़क दुर्घटना में निधन हो गया था.
उत्तर प्रदेश की 80 लोकसभा सीटों के लिए 19 अप्रैल से सात चरणों में मतदान होना है. वहीं चार जून को परिणाम आएंगे.
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