"ये देश किसी एक का नहीं.. हम सबका है, इसे पुरखों ने अपने खून से सींचा है" : राजस्थान की रैली में सोनिया गांधी

देश में लोकतांत्रिक संस्थाओं के खतरे में होने की बात करते हुए उन्होंने कहा, ‘‘आज हमारे देश का लोकतंत्र खतरे में है. मेहनत से खड़ी की गई लोकतांत्रिक संस्थाओं को राजनीतिक सत्ता के हथियार से बर्बाद किया जा रहा है. यही नहीं हमारे संविधान को बदलने का षड्यंत्र रचा जा रहा है. पूरे तंत्र में भय बताया जा रहा है. यह सब क्या है? ये तो तानाशाही है और हम सब इस तानाशाही का जवाब देंगे.’’

विज्ञापन
Read Time: 4 mins
जयपुर:

कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर तीखा हमला बोला है. सोनिया गांधी ने कहा, ‘‘आज हमारे देश का लोकतंत्र खतरे में है. संविधान को बदलने का षड्यंत्र रचा जा रहा है. यह देश सिर्फ चंद लोगों की जागीर नहीं हैं, ये देश हम सबका है. इसे हमारे पुरखों ने अपने खून से सींचा है.'' सोनिया गांधी यहां विद्याधर नगर में आयोजित एक चुनावी जनसभा को संबोधित कर रही थीं.

उन्होंने कहा, ‘‘देश से ऊपर हो जाने की बात सपने में भी नहीं सोची जा सकती. क्या कोई देश से बड़ा हो सकता है? जो ऐसा सोचता है देश की जनता, मेरी प्यारी बहनें, नौजवान, किसान, मजदूर, आदिवासी उसे सबक सिखा देते हैं. विपक्षी नेताओं को डराने धमकाने, भाजपा (भारतीय जनता पार्टी) में शामिल कराने के लिए तरह तरह के हथकंडे अपनाए जा रहे हैं.''

सोनिया गांधी ने कहा, ‘‘हमारा देश पिछले 10 साल से एक ऐसी सरकार के हवाले है जिसने बेरोजगारी, महंगाई, आर्थिक संकट, असमानता व अत्याचार को बढ़ावा देने में कोई कसर नहीं छोड़ी. इस मोदी सरकार ने जो-जो किया है वो हमारे, आपके सामने है. इसलिए यह समय हताशा से भरा हुआ है.''

उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन जान लीजिए हताशा के साथ ही उम्मीद का भी जन्म होता है. मुझे पूरा यकीन है कि कांग्रेस के हमारे साथी न्याय के दीपक को अपने सीने की आग से जलाएंगे और हजार आंधियों से संभालकर आगे बढ़ेंगे.''

उन्होंने कहा, ‘‘... क्योंकि ये देश सिर्फ चंद लोगों की जागीर नहीं है, ये देश हम सबका है. इसे हमारे पुरखों ने अपने खून से सींचा है. इसकी हवाओं में हमारी मां बहनों के पसीने का नमक है. यह देश हमारे बच्चों का आंगन है. इस देश के मासूम बच्चों से उनके हिस्से का न्याय छीना नहीं जा सकता.''

उन्होंने कहा, ‘‘कभी हमारे महान पूर्वजों ने अपने कठिन संघर्ष के बल-बूते पराधीनता के अंधेरे में देश की स्वाधीनता के सूर्य को खोजा और पाया था. इतने वर्षों बाद वह महान ज्योति कुछ मद्धिम पड़ गई है. चारों ओर अन्याय का अंधकार बढ़ा है. हम सभी का संकल्प होना चाहिए कि हम इसके खिलाफ लड़ेंगे, न्याय की रोशनी खोजेंगे.''

Advertisement

देश में लोकतांत्रिक संस्थाओं के खतरे में होने की बात करते हुए उन्होंने कहा, ‘‘आज हमारे देश का लोकतंत्र खतरे में है. मेहनत से खड़ी की गई लोकतांत्रिक संस्थाओं को राजनीतिक सत्ता के हथियार से बर्बाद किया जा रहा है. यही नहीं हमारे संविधान को बदलने का षड्यंत्र रचा जा रहा है. पूरे तंत्र में भय बताया जा रहा है. यह सब क्या है? ये तो तानाशाही है और हम सब इस तानाशाही का जवाब देंगे.''

महंगाई व बेरोजगारी का जिक्र करते हुए सोनिया गांधी ने कहा, ‘‘आज रोज की कमाई से खाने पीने का सामान तक जुटा पाना मुश्किल है. मेहनकश कामगार के परिश्रम का मोल कम होता जा रहा है. रसोई की महंगाई बार-बार मेरी बहनों की अग्नि परीक्षा ले रही है. किसानों और मध्यम वर्गीय परिवारों के बच्चे बच्चियां बेरोजगार हैं. गरीब जितना जोर लगा ले उसके पास शक्ति, सफलता व रोशनी पहुंच नहीं पा रही है.''

Advertisement

उन्होंने कहा, ‘‘आज देश महान जनता का, आपकी जागरूकता का रास्ता देख रहा है. इसलिए भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने अपने 'न्याय घोषणा पत्र को पांच हिस्सों में बांटा है.'' रैली को कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाद्रा, राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी संबोधित किया. पार्टी ने इस अवसर पर आगामी लोकसभा चुनाव के लिए अपने घोषणा पत्र 'न्याय पत्र' को राजस्थान के लिए जारी किया.

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
Featured Video Of The Day
महाराष्ट्र चुनाव:Uddhav और Raj Thackeray की करारी शिकस्त,खतरे में विरासत