लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections 2024) का बिगुल बज गया है, चुनाव आयोग (Election Commission) ने तारीखों का ऐलान कर दिया है. राजनीतिक दल भी अब तेजी से अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर रहे हैं, हालांकि अभी भी बहुत सारी सीटों पर प्रत्याशियों का ऐलान नहीं हुआ है. कई जगह तो हालात ऐसे हैं, जैसे 'एक अनार और सौ बीमार'. ऐसे में NDTV अपने खास शो 'खबर पक्की है' में आपको ग्राउंड रिपोर्ट के आधार पर उत्तर प्रदेश की ग़ाज़ियाबाद, और बिहार की पटना साहिब तथा बेगूसराय सीट का हाल बता रहा है.
आइए जानते हैं कि इन सीटों पर किसे मिलेगा मौका और कौन होगा रिजेक्ट :-
ग़ाज़ियाबाद सीट (उत्तर प्रदेश)यूपी की ग़ाज़ियाबाद सीट राजधानी दिल्ली से सटा हुआ है. ये यूपी के सबसे बड़े शहरों में से एक और बहुत तेज़ी से विकसित होता औद्योगिक शहर है. यहां से चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों पर सबकी नज़र रहती है. फिलहाल रिटायर्ड जनरल वीके सिंह बीजेपी से यहां के मौजूदा सांसद हैं.
गाजियाबाद को गेटवे ऑफ यूपी, यानि यूपी का दरवाजा भी कहा जाता है. गाजियाबाद लोकसभा क्षेत्र 2008 में अस्तित्व में आया. इससे पहले ये हापुड़ लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत आता था. इस लोकसभा क्षेत्र में 5 विधानसभा सीटें आती हैं. ये सीटें लोनी, मुरादनगर, साहिबाबाद, गाजियाबाद और दोहलना हैं.
ग़ाज़ियाबाद में दूसरे चरण में 26 अप्रैल को मतदान होगा, लेकिन अब तक किसी भी राजनीतिक दल ने इस सीट के लिए अपने प्रत्याशियों के नाम की घोषणा नहीं की है. कई नामों की चर्चा है.
बीजेपी किस पर खेलेगी दांव?
बीजेपी की ओर से मौजूदा सांसद रिटायर्ड जनरल वीके सिंह का नाम सबसे आगे चल रहा है. वो दो बार के सांसद हैं. इस बार भी उन्हें ही टिकट मिलने की उम्मीद जताई जा रही है. हालांकि बीजेपी में एक नाम और जो दावेदारी में है, ये हैं अरुण सिंह. ये अमित शाह के बेहद करीबी माने जाते हैं. पार्टी के राष्ट्रीय महामंत्री भी हैं. लेकिन हमारी जानकारी के मुताबिक उनका नाम फ़िलहाल वेटिंग लिस्ट में है.
इंडिया गठबंधन का उम्मीदवार कौन?
बात दूसरी पार्टियों की करें तो इंडिया गठबंधन में ये सीट कांग्रेस के हिस्से में आई है, लेकिन नाम अभी तक फ़ाइनल नहीं हुआ है. संभावितों में पहला नाम डॉली शर्मा का है. डॉली 2019 में भी लोकसभा का चुनाव लड़ चुकी हैं. वो ग़ाज़ियाबाद के मेयर का चुनाव भी लड़ चुकी हैं. पार्टी में उनकी दावेदारी मज़बूत मानी जा रही है, हालांकि हमारे हिसाब से इनका नाम वेटिंग लिस्ट में है.
कांग्रेस प्रत्याशियों में सुशांत गोयल का नाम भी है. ये ग़ाज़ियाबाद शहर से विधानसभा का चुनाव लड़ चुके हैं. इनके पिता सुरेंद्र गोयल ग़ाज़ियाबाद-हापुड़ सीट से कांग्रेस के सांसद रहे थे. इनका परिवार क्षेत्र में काफ़ी पैठ रखता है. हमारे उम्मीदवार मीटर के हिसाब से इनका नाम भी वेटिंग लिस्ट में है. कांग्रेस से तीसरा नाम नरेंद्र त्यागी का है. ये कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय के करीबी बताए जाते हैं. इनका भी नाम वेटिंग लिस्ट में ही है.
पटना साहिब सीट (बिहार)पटना साहिब बिहार की बेहद हाई प्रोफ़ाइल लोकसभा सीट है. इस क्षेत्र में राजधानी पटना का मुख्य शहरी हिस्सा आता है. ये क्षेत्र बीजेपी का गढ़ माना जाता है. कभी फ़िल्म स्टार शत्रुघ्न सिन्हा यहां बीजेपी का चेहरा हुआ करते थे. वो 2009 और 2014 में यहां से सांसद भी बने, लेकिन अब वो बीजेपी छोड़ चुके हैं, लेकिन पटना साहिब सीट अभी भी बीजेपी के पास है.
पटना शहर में दो लोकसभा सीटें हैं. एक का नाम पाटलिपुत्र है जो शहर का प्राचीन नाम है और दूसरी सीट का नाम पटना साहिब रखा गया. इस लोकसभा क्षेत्र में 6 विधानसभा सीटें बख़्तियारपुर, दीघा, बांकीपुर, कुम्हरार, पटना साहिब और फ़तुहा आती हैं. ईवीएम के साथ VVPAT प्रणाली का उपयोग पहली बार इसी लोकसभा क्षेत्र में 2014 के चुनावों में किया गया था.
पटना साहिब से बीजेपी का उम्मीदवार कौन?
अगर हम पिछले दो लोकसभा चुनावों का ट्रेंड देखें तो यहां मुकाबला बीजेपी बनाम कांग्रेस का ही रहा है. बीजेपी दोनों बार जीती है. माना जा रहा है कि 2019 में बड़ी जीत हासिल करने वाले और केंद्र में मंत्री रहे रविशंकर प्रसाद को फिर से टिकट मिल सकता है. हालांकि चांस 50-50 हैं. ऐसे में अगर रविशंकर प्रसाद नहीं तो फिर कौन? ये भी बड़ा सवाल है. चर्चा में पहला नाम है ऋतुराज सिन्हा का है, युवा नेता हैं. ग्राउंड से जो रिपोर्ट आ रही हैं, उनके मुताबिक पिछले कई दिनों से ये काफ़ी सक्रिय भी हैं. पूरी कोशिश में हैं कि टिकट मिल जाए, लेकिन हमारे उम्मीदवार मीटर के हिसाब से ये अभी वेटिंग लिस्ट में हैं.
संभावित उम्मीदवारों में बीजेपी के एक और नेता नितिन नवीन राज्य में नगर विकास मंत्री हैं. बांकीपुर विधानसभा का प्रतिनिधित्व करते हैं. उम्मीदवार मीटर में ये भी अभी वेटिंग लिस्ट में हैं.
महागठबंधन से किसको मौका?
वहीं महागठबंधन में ये सीट कांग्रेस के पास जाने की उम्मीद ज़्यादा है. उम्मीदवारी को लेकर जिनका नाम चल रहा है, उनमें एक नाम है श्याम सुंदर सिंह 'धीरज', ये राज्य में पूर्व मंत्री रह चुके हैं. इसी लोकसभा के तहत मोकामा विधानसभा का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं. कांग्रेस की बिहार इकाई के कार्यकारी अध्यक्ष हैं. उम्मीदवार मीटर में ये अभी वेटिंग लिस्ट में हैं.
वैसे कांग्रेस ने पिछली तीन बार से यहां से अभिनेताओं पर दांव खेला है. 2009 में शेखर सुमन, 2014 में भोजपुरी फ़िल्मों के नायक कुणाल और 2019 में शत्रुघ्न सिन्हा, लेकिन जीत नहीं मिल पाई. यानि कांग्रेस में गए फ़िल्मी सितारे पटना साहिब सीट में हिट नहीं हो पाए.
बेगूसराय सीट (बिहार)बिहार का एक शहर है बेगूसराय, ये लोकसभा हमेशा सुर्खियों में रहता है. यहां अलग-अलग समय पर अलग-अलग पार्टियों ने जीत हासिल की है. लेकिन 2014 और 2019, दोनों बार बीजेपी ने यहां से बाजी मारी है.
बेगूसराय में चौथे चरण में 13 मई को वोटिंग होनी है. पार्टियों ने कमर कस ली है. यहां से उम्मीदवार की घोषणा भी जल्द होने वाली है.
बेगूसराय से बीजेपी का चेहरा कौन?
बीजेपी में बेगूसराय से सबसे मज़बूत उम्मीदवारी मौजूदा सांसद और केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह की ही दिख रही है. 2019 में इन्हें 56 फ़ीसदी से ज़्यादा वोट मिले थे. इस बार भी इनका टिकट पक्का लग रहा है. हमारे उम्मीदवार मीटर में फ़िलहाल ये कंफ़र्म हैं. हालांकि एक नाम जो तेज़ी से उभरकर मज़बूत दावेदार के रूप में सामने आ रहा है, वो राज्य सभा के सांसद राकेश सिन्हा हैं. सिन्हा संघ के विचारक हैं और दिल्ली विश्वविद्यालय में प्रोफ़ेसर हैं, फ़िलहाल इनका टिकट वेटिंग लिस्ट में है. तीसरा नाम रजनीश कुमार का है. मज़बूत स्थानीय नेता हैं. पूर्व एमएलसी हैं. अब लोकसभा चुनाव लड़ना चाहते हैं, ये भी वेटिंग लिस्ट में हैं.
महागठबंधन किस पर जताएगा भरोसा?
अब बात महागठबंधन की, तो कांग्रेस और आरजेडी दोनों में इस सीट को लेकर रस्साकशी जारी है. दोनों ही के पास मज़बूत उम्मीदवार हैं. कांग्रेस की ओर से पूर्व छात्र नेता कन्हैया कुमार चुनाव मैदान में उतरना चाहते हैं. पिछली बार वो सीपीआई के टिकट से लड़े थे, और दूसरे नंबर पर रहे थे. फ़िलहाल इनका नाम वेटिंग लिस्ट में है. वहीं बेगूसराय से पूर्व विधायक अमिता भूषण भी टिकट पाने की पूरी कोशिश में हैं. अमिता बिहार प्रदेश महिला कांग्रेस की अध्यक्ष हैं, लेकिन उम्मीदवार मीटर में ये वेटिंग में हैं.
बेगूसराय को बिहार में कम्यूनिस्टों का गढ़ भी माना जाता है. अगर यहां से सीपीआई अपना उम्मीदवार उतारती है तो शत्रुघ्न प्रसाद सिंह का नाम रेस में सबसे आगे है, ये लोकसभा के सांसद रह चुके हैं.