महाराष्ट्र में कांग्रेस टॉप परफॉर्मर, MVA में सीटों को लेकर बनाएगी दबाव? पटोले हो सकते हैं CM चेहरा

महाराष्ट्र कांग्रेस के अध्यक्ष  नाना पटोले ने कहा कि कार्यकर्ताओं में बहुत जोश है. ख़ुशी ज़ाहिर कर रहे हैं, कमाल का परफॉरमेंस रहा. इस ख़ुशी को आगे बढ़ाना है. जीत की समीक्षा में यही समझते हैं कि श्रेय राहुल गांधी की दोनों यात्रा को जाता है.

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मुंबई:

महाराष्ट्र में कांग्रेस का कमबैक चर्चा का विषय बना हुआ है. पूरे देश में कांग्रेस की परफॉर्मेंस देखी जाए तो सबसे ज्यादा महाराष्ट्र में सुधार हुआ है. अब महाराष्ट्र के आने वाले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस दमखम से उतरने की तैयारी में है. तो वहीं कांग्रेस मुख्यमंत्री चेहरे का दावेदार भी खड़ा कर सकती है. नाना पटोले सीएम चेहरा पेश किए जा सकते हैं. 96 किलो लड्डुओं से कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष नाना पटोले का अनोखा सत्कार हुआ.

कांग्रेस ने जिन 17 सीटों पर चुनाव लड़ा और उनमें से 13 सीटों पर जीत हासिल की. एनडीटीवी से कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष,  नाना पटोले ने कहा, "कार्यकर्ताओं में बहुत जोश है. खुशी जाहिर कर रहे हैं, कमाल का परफॉर्मेंस रहा. इस ख़ुशी को आगे बढ़ाना है."

2014 में कांग्रेस ने सिर्फ 2 सीटें जीती थीं. 2019 में मात्र एक सीट हासिल कर पाई थी. 2024 के चुनाव में कांग्रेस 13 सीटें जीतकर राज्य में नंबर वन पार्टी बन गई है. विदर्भ की सभी सीटें खासकर आदिवासी बेल्ट में गढ़चिरौली, चिमूर, चंद्रपुर, भंडारा गोंदिया, अमरावती में कांग्रेस ने जीत हासिल की है. रामटेक जैसी सीट भी कांग्रेस ने कई सालों बाद जीती है. मराठवाड़ा में भी कांग्रेस ने अपने पुराने गढ़ पर फिर से कब्जा कर लिया. नांदेड में चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस के वरिष्ट नेता रहे अशोक चव्हाण ने पाला बदला और बीजेपी में चले गए. इस नांदेड़ सीट पर भी कांग्रेस ने फतह की. करीब 15 साल बाद लातूर सीट भी कांग्रेस जीती.

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जालना लोकसभा सीट BJP का गढ़ मानी जाती है लेकिन इस बार कांग्रेस ने उलटफेर कर दिया. कांग्रेस के कल्याण वैजिनाथराव काले ने इस सीट से एतिहासिक जीत दर्ज की. इस सीट पर केंद्रीय मंत्री रावसाहेब दानवे पाटिल का कब्जा था और वो कभी यहां से चुनाव नहीं हारे थे. तो वहीं कांग्रेस ने अपनी परंपरागत सीट नंदुरबार में भी जबरदस्त जीत दर्ज की, यहां बीजेपी 2014 और 2019 में बड़े अंतर से चुनाव जीती थी. 

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कांग्रेस मानती है कि महाराष्ट्र में राहुल गांधी की यात्राओं का असर दिखा. भारत जोड़ो यात्रा और न्याय यात्रा दोनों जहां-जहां से गुजरी, वहां कांग्रेस ने अच्छा प्रदर्शन किया.

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नाना पटोले ने एनडीटीवी से बात करते हुए कहा, “जीत की समीक्षा में यही समझते हैं कि श्रेय राहुल गांधी की दोनों यात्रा को जाता है, जिससे लोगों में जोश भरता हुआ दिखा. मेहनत रंग लायी. कन्याकुमारी से कश्मीर की यात्रा, हमारी गारंटी ये सब काम करती हुई दिख रही है. महाराष्ट्र से बीजेपी को सत्ता से बाहर करना है तो कांग्रेस ही विकल्प है, बीजेपी मुक्त महाराष्ट्र होने में समय नहीं लगेगा, बैठेंगे और रणनीति तैयार करेंगे.” 

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विदर्भ में खोयी अपनी सुरक्षित सीटें फिर हासिल कर कांग्रेस ने पार्टी में बड़ी जान फूंकी है. नाना पटोले कहते हैं “विदर्भ, मराठवाड़ा,उत्तर और पश्चिम महाराष्ट्र. सभी जगह कांग्रेस का बेहतरीन प्रदर्शन हुआ है, बड़ी ताक़त के साथ सामने आयी है. आने वाले चुनाव में पार्टी दमखम से उतरेगी.”

राजनीतिक विश्लेषक अब नाना पटोले को भी मुख्यमंत्री के प्रबल दावेदार मान रहे हैं. गठबंधन में कांग्रेस अब मुख्यमंत्री चेहरे की डिमांड रख सकती है. राजनीतिक विश्लेषक अनुराग त्रिपाठी ने कहा, “कांग्रेस के अच्छे दिन आये हैं, विदर्भ में कमाल की परफॉर्मेंस, पंद्रह सालों से कांग्रेस गायब थी. विदर्भ में खासतौर से बाहर के कैंडिडेट भी आकर लड़ लेते थे जैसे गुलाम नबी आजाद, नरसिम्हा राव, ऐसी सेफ सीटें रहीं यहां की कांग्रेस के लिए लेकिन अब लंबे समय के बाद अच्छी वापसी हुई है. मुख्यमंत्री चेहरा पहले उद्धव को देख रहे थे लोग अब गठबंधन में नाना पटोले भी बड़े दावेदार रहेंगे.”

मुंबई में भी लगातार दो चुनाव हारने के बाद कांग्रेस ने जीत हासिल की है. जहां माना जाता है कि शिवसेना का वोट कांग्रेस को ट्रांस्फर हुआ. लोकसभा चुनाव में मिली 13 सीटें कांग्रेस के लिए ऐसी बूस्टर डोज़ बनी है कि आने वाले चुनावों में वो अपने गठबंधन में ज्यादा सीटों के लिए दबाव बना सकती है.

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