सूरत कांग्रेस नेता नीलेश कुम्भाणी, जिनका लोकसभा उम्मीदवार के रूप में नामांकन कथित विसंगतियों के कारण खारिज कर दिया गया था, स्थानीय मीडिया ने आज बताया कि वह लापता हैं. नीलेश कुम्भाणी से फोन पर संपर्क नहीं हो पा रहा है. यह बात तब सामने आई है, जब एक दिन पहले ही सभी प्रतिद्वंद्वी उम्मीदवारों के चुनाव से हटने के बाद भाजपा के गढ़ से मुकेश दलाल को विजेता घोषित किया गया. अब ऐसी खबरें हैं कि नीलेश कुम्भाणी, भाजपा में शामिल हो सकते हैं. कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने उनके बंद घर के बाहर पोस्टर-बैनरों के साथ विरोध प्रदर्शन किया, जिस पर लिखा था, "जनता का गद्दार".
सूरत में भाजपा की पहली लोकसभा में निर्विरोध जीत के बाद नाटकीय घटनाक्रम देखने को मिल रहा है. गुजरात भाजपा प्रमुख सीआर पाटिल ने सोमवार को कहा कि सूरत ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को "पहला कमल" सौंपा है. उन्होंने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, "मैं सूरत लोकसभा सीट से हमारे उम्मीदवार मुकेश दलाल को निर्विरोध चुने जाने पर बधाई देता हूं."
कांग्रेस ने गुजरात में सत्तारूढ़ भाजपा पर "गलत और अनुचित प्रभाव" डालने का आरोप लगाते हुए चुनाव आयोग से संपर्क किया है और चुनाव प्रक्रिया फिर से शुरू करने की मांग की है. पार्टी प्रवक्ता अभिषेक सिंघवी ने सोमवार को चुनाव आयुक्तों से मुलाकात के बाद संवाददाताओं से कहा, "इसलिए हमने चुनाव आयोग से सूरत में चुनाव स्थगित करने और एक स्पष्ट संदेश देने के लिए दोबारा चुनाव कराने का अनुरोध किया है कि आप इस तरह के गलत अनुचित प्रभाव का फायदा नहीं उठा सकते."
सिंघवी ने दावा किया कि सूरत में कांग्रेस उम्मीदवार नीलेश कुम्भाणी को चार प्रस्तावकों द्वारा नामित किया गया था, "लेकिन, अचानक सभी चार खड़े हो गए और अपने हस्ताक्षर से इनकार कर दिया." उन्होंने कहा, "यह कोई संयोग नहीं है. उम्मीदवार कई घंटों से लापता है और जब वह दोबारा सामने आता है, तो हमें पता चलता है कि हर दूसरे उम्मीदवार ने अपनी उम्मीदवारी वापस ले ली है. रिटर्निंग अधिकारी ने उसकी उम्मीदवारी खारिज कर दी है."
गुजरात की सभी 26 सीट के लिए सात मई को मतदान प्रस्तावित है , लेकिन सूरत सीट का नतीजा पहले ही आ जाने के कारण अब उस दिन 25 सीट पर मतदान होगा. भाजपा ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के गृह राज्य गुजरात में 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान सभी 26 सीट पर जीत हासिल की थी.
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