मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) की हाईप्रोफाइल सीट इंदौर (Indore Seat)से बतौर कांग्रेस प्रत्याशी अक्षय कांति बम (Akhsay Kanti Bam) का सोमवार को अचानक नामांकन पत्र वापस ले लिया. नामांकन वापस लेने के बाद उन्होंने बीजेपी (BJP) भी जॉइन कर ली. बीजेपी नेता कैलाश विजयवर्गीय (Kailash Vijayvargiya) ने इसका ऐलान किया. इस घटना से कांग्रेस (Congress) हैरान है. कांग्रेस कार्यकर्ता भी बम के इस फैसले के पीछे की वजह जानना चाहते हैं. कांग्रेस कार्यकर्ता वास्तव में उन्हें इंदौर से उम्मीदवार बनाने के फैसले के समर्थन में नहीं थे. एक कार्यकर्ता ने बताया कि उन्होंने पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के साथ बैठक में अक्षय कांति को लेकर चेतावनी दी थी. उन्होंने अंदेशा जताया था कि बम ऐसे नेता हैं, जो बाद में बीजेपी के दबाव में अपनी उम्मीदवारी वापस ले लेंगे.
कांग्रेस कार्यकर्ता ने कहा, "मैंने शुरू से ही पार्टी लीडरशिप को चेताया था. हमारे नेताओं को संकेत दिया था कि अक्षय कांति बम को टिकट न दें. मेरे जैसे किसी वफादार पार्टी कार्यकर्ता को उम्मीदवार बनाया जाए. मैं अपनी पूरी ताकत से चुनाव लड़ूंगा. हालांकि, पार्टी ने सुनवाई नहीं की."
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चुकानी पड़ेगी पार्टी कार्यकर्ताओं की अनदेखी की कीमत
उन्होंने कहा, "मैंने यह सब कांग्रेस कार्यालय में बताया था. सज्जन वर्मा, सुरजीत चड्ढा और रवि जोशी समेत तमाम लोग मीटिंग में मौजूद थे... अब कांग्रेस को पार्टी कार्यकर्ताओं की अनदेखी की कीमत चुकानी पड़ेगी. जो कार्यकर्ता वर्षों से पार्टी के साथ जुड़ा हुआ है, अगर पार्टी उसपर भरोसा नहीं दिखाएगी, तो हार जाएगी.''
कैलाश विजयवर्गीय ने शेयर की अक्षय कांति के साथ फोटो
मध्य प्रदेश के मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर अक्षय कांति बम के साथ एक तस्वीर पोस्ट की. विजयवर्गीय ने लिखा- "बीजेपी में आपका स्वागत है."
शिवराज सिंह चौहान ने भी कसे तंज
मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और विदिशा सीट से बीजेपी उम्मीदवार शिवराज सिंह चौहान ने इस मामले को लेकर कांग्रेस पर कटाक्ष किया. चौहान ने कहा कि पार्टी की हालत ऐसी हो गई है कि उम्मीदवार भी उनके साथ नहीं रहना चाहते. शिवराज सिंह चौहान ने न्यूज एजेंसी ANI से कहा, "सभी नेताओं और कार्यकर्ताओं की आस्था प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी में है. कांग्रेस की हालत ऐसी हो गई है कि उम्मीदवार भी उसकी पार्टी में नहीं रहना चाहते. आज इंदौर लोकसभा से एक कांग्रेस उम्मीदवार बीजेपी में शामिल हो गए. कांग्रेस के उम्मीदवारों को ही पार्टी पर भरोसा नहीं है."
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इंदौर में भी बन सकती है सूरत जैसी स्थिति
अक्षय कांति बम का नामांकन वापस होने के बाद इंदौर में भी सूरत जैसी स्थिति बनती दिख रही है. सूरत में कांग्रेस उम्मीदवार के नामांकन के समय एक भी प्रस्तावक नहीं पहुंचे. ऐसे में उनका नामांकन रद्द हो गया. इसके बाद सभी उम्मीदवारों ने भी नाम वापस ले लिए. जिसके बाद सूरत में बीजेपी उम्मीदवार का निर्विरोध जीतना तय है. इसी तरह इंदौर में भी अब तक 23 में से 9 उम्मीदवारों ने नाम वापस लिए हैं. अब इस सीट पर बीजेपी के शंकर लालवानी समेत 14 उम्मीदवार मैदान में हैं.
इंदौर में 13 मई को चौथे फेज में वोटिंग
इंदौर में 13 मई को चौथे चरण में वोटिंग होगी. राज्य की सात अन्य संसदीय सीटों पर भी इसी तारीख को मतदान होंगे. मध्य प्रदेश में कुल 29 लोकसभा क्षेत्र हैं. संसदीय प्रतिनिधित्व के मामले में यह छठा सबसे बड़ा राज्य है. इनमें से 10 सीटें अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित हैं. जबकि शेष 19 सीटें अनारक्षित हैं.