प्रधानमंत्री होता तो 1971 में पाकिस्तानी सैनिकों को छोड़ने से पहले करतारपुर साहिब वापस ले लेता: PM मोदी

PM मोदी ने कहा कि 70 साल तक हम करतारपुर साहिब गुरुद्वारे के दर्शन केवल दूरबीन से ही कर सके. 1971 में करतारपुर साहिब गुरुद्वारे को वापस लेने का मौका मिला था, जब 90,000 से अधिक पाकिस्तानी सैनिकों ने भारतीय सेना के सामने आत्मसमर्पण कर दिया था.

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पटियाला (पंजाब):

PM नरेन्द्र मोदी ने बृहस्पतिवार को 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध का जिक्र करते हुए कहा कि अगर वह उस वक्त सत्ता में होते तो आत्मसमर्पण करने वाले 90,000 से अधिक पाकिस्तानी सैनिकों को मुक्त करने से पहले पड़ोसी मुल्क से करतारपुर साहिब वापस ले लेते. PM मोदी ने पटियाला में एक रैली को संबोधित करते हुए कहा कि पंजाब और सिख समुदाय हमेशा राष्ट्र निर्माण के प्रयासों में सबसे आगे रहे हैं.

उन्होंने भ्रष्टाचार और मादक पदार्थों के कारोबार के मुद्दों पर मौजूदा आम आदमी पार्टी (आप) की सरकार को आड़े हाथ भी लिया और मुख्यमंत्री भगवंत मान को केवल ‘कागजी सीएम' करार दिया.

प्रधानमंत्री ने करतारपुर साहिब गुरुद्वारे का भावनात्मक मुद्दा उठाया और देश के विभाजन के लिए कांग्रेस को जिम्मेदार ठहराया और कहा कि उसने सत्ता के लिए ऐसा किया था. विभाजन के बाद करतारपुर साहिब पाकिस्तान के पंजाब वाले हिस्से में चला गया था. यह भारत के साथ सीमा से कुछ किलोमीटर दूर ही स्थित है.

पीएम मोदी ने कहा, ‘‘70 साल तक हम करतारपुर साहिब गुरुद्वारे के दर्शन केवल दूरबीन से ही कर सके. 1971 में करतारपुर साहिब गुरुद्वारे को वापस लेने का मौका मिला था, जब 90,000 से अधिक पाकिस्तानी सैनिकों ने भारतीय सेना के सामने आत्मसमर्पण कर दिया था.

उन्होंने इस अवसर को और भारत के हाथ में ‘ट्रम्प कार्ड' जैसा बताया और कहा, ‘‘यदि उस वक्त मोदी होता तो मैं उनसे करतारपुर साहिब ले लेता और फिर उनके जवानों को मुक्त करता.''

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘‘उसने (कांग्रेस) ऐसा नहीं किया लेकिन मैं जितना कर सकता था, किया.'' उन्होंने 2019 में करतारपुर साहिब गलियारा खोले जाने का जिक्र करते हुए कहा कि इससे सिख श्रद्धालुओं के लिए गुरुद्वारे की यात्रा आसान हुई. पटियाला से भाजपा की लोकसभा उम्मीदवार एवं पूर्व मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह की पत्नी परनीत कौर के लिए प्रचार करते हुए मोदी ने कहा कि वह गुरूओं की भूमि पर ‘सिर झुकाकर' आशीर्वाद लेने आए हैं.

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PM मोदी जब सिखों की पारंपरिक पगड़ी पहने बोल रहे थे तब भाजपा के अन्य उम्मीदवार- बठिंडा से परमपाल कौर सिद्धू, संगरूर से अरविंद खन्ना, फरीदकोट से हंसराज हंस और फतेहगढ़ साहिब सीट से गेजा राम वाल्मीकि भी मंच पर मौजूद थे. कृषि से लेकर उद्योग तक विभिन्न क्षेत्रों में देश का नेतृत्व किया है. उन्होंने कहा कि लेकिन मौजूदा ‘भयंकर भ्रष्ट' भगवंत मान सरकार ने यह सब बदल दिया है.

प्रधानमंत्री ने कहा कि यहां राज्य सरकार का आदेश नहीं चलता है बल्कि रेत, ड्रग माफिया और शूटर गैंग का राज चलता है. उन्होंने कहा, ‘‘सभी मंत्री मौज मना रहे हैं और कागजी मुख्यमंत्री हमेशा दिल्ली दरबार में अपनी उपस्थिति दर्ज कराने में व्यस्त रहते हैं. क्या ऐसे लोग पंजाब में विकास ला सकते हैं?''

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उन्होंने दिल्ली में लोकसभा चुनाव साथ लड़ने और पंजाब में एक दूसरे के खिलाफ लड़ने के लिए भी ‘आप' और कांग्रेस पर निशाना साधा. पंजाब में वे सिर्फ लोगों को दिखाने के लिए चुनाव में एक-दूसरे के खिलाफ लड़ रहे हैं. दिल्ली की घोर भ्रष्ट पार्टी और सिख विरोधी दंगों की दोषी पार्टी यहां एक दूसरे के खिलाफ लड़ने का नाटक कर रही है.''

प्रधानमंत्री ने कहा कि लेकिन सच्चाई यह है कि पंजा (कांग्रेस का चुनाव चिह्न) और झाड़ू (आप का चुनाव चिह्न) दो संगठन हैं, लेकिन दुकान एक ही है. यहां वे (एक दूसरे के खिलाफ) कोई भी बयान दे सकते हैं, लेकिन दिल्ली में दोनों एक साथ नाच रहे हैं. इसलिए मैं पंजाब के लोगों से उनसे सावधान रहने का आग्रह करता हूं.''

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उन्होंने कहा कि जिस पार्टी ने अपने गुरू अन्ना हजारे को 'धोखा' दिया और दिन में 10 बार झूठ बोलती है, वह पंजाब या इसके बच्चों का कभी भला नहीं कर सकती.

मोदी ने सिख समुदाय के लाभ के लिए अपनी सरकार द्वारा उठाए गए कदमों का उल्लेख किया और कहा कि उनकी ही सरकार ने सिखों के दसवें गुरु के सपूतों की शहादत की याद में 'वीर बाल दिवस' की घोषणा की. उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन कुछ लोग नहीं समझते कि 'वीर बाल दिवस' घोषित करने का क्या अर्थ है. मुझे दुख होता है कि कुछ ऐसे लोग हैं जिन्हें इसकी कोई समझ नहीं है. मैं चाहता हूं कि हर बच्चे को गुरु गोबिंद सिंह के बेटों के बलिदान को जानना चाहिए.''

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उन्होंने कहा कि गुरु गोविंद सिंह के 'पंज प्यारे' में से एक गुजरात से ताल्लुक रखता था. उन्होंने कहा कि वह जब गुजरात के मुख्यमंत्री थे तो उन्होंने गुरुद्वारे का पुनर्निर्माण किया, जहां पहले सिख गुरु नानक देव कभी रुके थे और जो भूकंप में क्षतिग्रस्त हो गया था. मोदी वोट के लिए ऐसा नहीं करता. सिख गुरुओं के बलिदान के आगे मोदी का सिर झुकता है.''

'इंडिया' गठबंधन पर हमला जारी रखते हुए, उन्होंने कहा कि 'अरे इनके पास न तो कोई नेता है, न ही इरादा' और उनका सबसे बड़ा उद्देश्य अपने वोट बैंक का तुष्टीकरण है, जबकि भाजपा का मंत्र 'सबका साथ सबका विकास' है.

संशोधित नागरिकता कानून का विरोध करने के लिए कांग्रेस की आलोचना करते हुए मोदी ने कहा कि सिख परिवारों को पाकिस्तान, बांग्लादेश जैसे देशों में सताया गया और उनकी सरकार ने उन्हें नागरिकता देने का फैसला किया. उन्होंने कहा, ''यह वोट बैंक के लिए नहीं है.''

उन्होंने कहा, ‘‘ 'इंडिया' गठबंधन किसानों से झूठ बोलता है. उन्होंने किसानों से वादा किया था लेकिन पूरा नहीं किया. यह भाजपा ही है जो किसानों के कल्याण को प्राथमिकता देती है.''

उन्होंने कहा कि पिछले 10 वर्ष में पंजाब से गेहूं और धान की रिकॉर्ड खरीद हुई है. उन्होंने कहा, ‘हमने पिछले 10 वर्षों में एमएसपी को ढाई गुणा बढ़ाया.'' मोदी के खिलाफ प्रदर्शन करने के किसान संगठनों के आह्वान के मद्देनजर रैली स्थल और उसके आसपास सुरक्षा बढ़ा दी गई थी.

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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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