कांग्रेस में कुछ दिन पहले ही अपनी पार्टी का विलय करने वाले पप्पू यादव ने आखिरकार बतौर निर्दलीय बिहार के पूर्णिया से अपना नामांकन कर दिया है. अब वह आगामी लोकसभा चुनाव में राष्ट्रीय जनता दल (राजद) की उम्मीदवार बीमा भारती को चुनाव में सीधी टक्कर देंगे. खास बात ये है कि कांग्रेस और राजद में गठबंधन होने के बाद यह सीट राजद के पास है. और इसी गठबंधन के तहत राजद ने यहां से अपने उम्मीदवार के नाम की घोषणा की है. राजद के इस फैसले को पप्पू यादव अपने लिए राजनीतिक हत्या का प्रयास बता रहे हैं.
ऐसे में अब ये बेहद दिलचस्प है कि पूर्णिया की जनता यहां से बीजेपी के उम्मीदवार को अपना आशीर्वाद देगी या फिर महागठबंधन के तहत राजद की बीमा भारती को या फिर कांग्रेस में शामिल होने के बाद भी बतौर निर्दलीय उम्मीदवार नामांकन करने वाले पप्पू यादव को. NDTV ने बिहार में पूर्णिया सीट पर चल रही राजनीतिक खींचतान के बीच पप्पू यादव से खास बातचीत की.
"लालू यादव की वजह से नहीं मिला कांग्रेस का चुनाव चिन्ह"
इस बातचीत के दौरान पप्पू यादव ने राजद सुप्रीमो लालू यादव पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि उनकी वजह से ही उन्हें कांग्रेस का चुनाव चिन्ह नहीं मिला है. उन्होंने आगे कहा कि मुझे तो ये भी नहीं पता कि आखिर तेजस्वी यादव मुझसे इतनी नफरत क्यों करते हैं. मुझे चुनाव में हराने के लिए वह पूर्णिया हेलीकॉप्टर से आए और प्रचार किया.
"मैं लालू जी के बड़े बेटे की तरह हूं "
पप्पू यादव ने आगे कहा कि अगर आप पहले के लोकसभा चुनाव को देखेंगे तो हम कांग्रेस के खिलाफ नहीं लड़ना चाहते थे इसलिए हम मधेपुरा चले गए. बीते 20 साल से राजद का रिकॉर्ड देखेंगे तो इस क्षेत्र से वह कभी चुनाव नहीं जीते हैं. ऐसे में एकाएक मेरे खिलाफ यहां से अपना उम्मीदवार उतार देना कहीं से भी जायज नहीं था. मैं हमेशा लालू यादव के साथ रहा हूं. मैं उनके बड़े बेटे की तरह हूं. मैं उनके बुरे वक्त में हमेशा साथ खड़ा रहा हूं. लालू यादव मुझे मधेपुरा भेजना चाहते थे पर मैंने कहा कि पूर्णिया मेरी मां की तरह है. मैं इसे छोड़कर नहीं जाऊंगा.
"राहुल और प्रियंका गांधी का हमेशा मिला है आशीर्वाद "
पप्पू यादव ने आगे कहा कि मुझे राहुल और प्रियंका गांधी का हमेशा आशीर्वाद रहा है. यह मामूली बात नही है. मैं पूर्णिया को छोड़ नही सकता. मुझे सबका आशीर्वाद प्राप्त हैं. धर्मयुद्ध में अर्जुन की तरह सबका आशीर्वाद है. उन्होंने आगे कहा कि लालू यादव कई बार हारे हैं. यह मधेपुरा नही है यह पूर्णिया है, जो चुनौती का सामना कर सकता है.