'दलित विरोधी हैं नीतीश कुमार, करेंगे बेनकाब' : चिराग पासवान

चिराग ने कहा कि वह अपनी आशीर्वाद यात्रा के दौरान नीतीश का असली चेहरा बेनकाब करेंगे और देश भर के दलितों, खासकर बिहार के सभी विधानसभा क्षेत्रों के दलितों का जायजा लेंगे.

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चिराग पासवान ने कहा कि वह अपनी यात्रा के दौरान नीतीश कुमार का असली चेहरा बेनकाब करेंगे. (फाइल फोटो)
पटना:

चिराग पासवान (Chirah Paswan) ने लोक जनशक्ति पार्टी (Lok Janshakti Party) में विभाजन और संसदीय टीम में टूट के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) को जिम्मेदार ठहराया है. अपनी ही पार्टी में अलग-थलग किए जाने के बाद, चिराग पासवान अब अपने पिता की सियासी विरासत को फिर से हासिल करने और अपने दिवंगत पिता रामविलास पासवान द्वारा स्थापित वास्तविक पार्टी पर नियंत्रण के लिए दोहरी (कानूनी और राजनीतिक) लड़ाई लड़ रहे हैं.  

NDTV से बात करते हुए चिराग ने साफ तौर पर कहा कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने ही उनकी पार्टी में तोड़फोड़ कराया है. पासवान ने कहा, "यदि आप राजनीतिक यात्रा देखते हैं, तो यह स्पष्ट है कि वह फरवरी 2005 से ही लोक जनशक्ति पार्टी को विभाजित कर रहे हैं, जब हमारे टिकट पर 27 विधायक चुने गए थे. इसके बाद से ही वह हमारी पार्टी तोड़ते रहे हैं. यह उनकी मानसिकता दिखाता है."

पासवान ने कहा, "उन्होंने मुख्य रूप से पासवानों और जाटवों को अलग-थलग करने के लिए ही साल 2006 में महादलितों का नया वर्ग गठित किया था, और यह दिखाने की कोशिश की थी कि वह दलितों के हितैषी हैं लेकिन उन्होंने अपनी ही पार्टी के भीतर दलितों के साथ कैसा व्यवहार किया, सभी जानते हैं. उन्होंने  जीतन राम मांझी को सत्ता से बेदखल कर दिया था."

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चिराग ने कहा कि वह अपनी आशीर्वाद यात्रा के दौरान नीतीश का असली चेहरा बेनकाब करेंगे और देश भर के दलितों, खासकर बिहार के सभी विधानसभा क्षेत्रों के दलितों का जायजा लेंगे.

हालांकि, चिराग ने स्वीकार किया कि उनके परिवार के ही कुछ सदस्य नीतीश के लिए मुखबिर बने हुए थे,  इस तथ्य को जानने के बावजूद कि नीतीश उनसे मुखबिरी करवा रहे हैं और चिराग के खिलाफ उन्हें इस्तेमाल कर रहे हैं. चिराग ने कहा कि नीतीश ने उसका इस्तेमाल कर उन्हें अपमानित किया. उनके अनुसार सार्वजनिक डोमेन में इसके कई सबूत हैं. उन्होंने कहा कि पिछले साल पोस्ट कोविड फेज में जब उन्होंने अधिक जरूरतमंद लोगों को खाद्यान्न उपलब्ध कराने का अनुरोध किया तो उनके अनुरोध को ठुकरा दिया गया.

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जब चिराग पासवान से हालिया घटनाक्रम में बीजेपी की भूमिका और उनकी राम-हनुमान की जोड़ी वाले बयान और भविष्य में बीजेपी से संबंधों पर सवाल पूछे गए तो उन्होंने स्वीकार किया कि यह विश्वास करना मुश्किल है कि पिछले सप्ताह जो कुछ हुआ, वह उनकी जानकारी में नहीं था और जिस तरह से चीजें हुईं, वह इस विश्वास को मजबूत करती हैं कि बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व के एक वर्ग ने इसमें अहम भूमिका निभाई.

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पासवान ने कहा कि लेकिन यह किसी को नहीं भूलना चाहिए कि हमने उनके साथ तब हाथ मिलाया, जब नरेंद्र मोदी का नाम प्रधानमंत्री के उम्मीदवार के रूप घोषणा हुई थी, तब नीतीश जैसे उनके पुराने सहयोगियों ने उन्हें छोड़ दिया था. उन्होंने कहा कि और वह पासवान मतदाता थे जिन्होंने 2014 या उसके बाद के चुनावों में मेजें बदल दीं लेकिन अब जनता ही मालिक है. राजनीति में 6 फीसदी दलित वोट मजबूती से हमारे साथ है, यहां तक ​​कि बीजेपी का कोई भी अदना सा कार्यकर्ता भी आपको यह बता देगा.


 

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