लोक जनशक्ति पार्टी (Lok Janshakti Party) में चाचा और भतीजे के बीच जारी लड़ाई थम नहीं रही है. अब भतीजा चिराग पासवान (Chirag Paswan) सोमवार से आशीर्वाद यात्रा निकालने जा रहे हैं, वो भी अपने चाचा के संसदीय इलाके से. इस मौके पर NDTV से बातचीत में चिराग ने कहा कि हाजीपुर को चाचा जी का संसदीय क्षेत्र कहना गलत होगा. चिराग ने कहा, "हाजीपुर मेरे पिता जी की कर्मभूमि है. पापा ने उसे मां का दर्जा दिया है. जब अपनों ने धोखा दिया तो फिर क्या करें? जनता ही मार्गदर्शन कर सकती है. मुझे भी जनता आशीर्वाद देगी, जैसा पापा को दिया था."
जब चिराग से पूछा गया कि आपके चाचा कह रहे है कि आपको अपने संसदीय क्षेत्र जमुई से श्रद्धांजलि यात्रा निकालनी चाहिए तो उन्होंने कहा, "चाचा मेरे उद्देश्य को समझ नहीं पाए. श्रद्धांजलि मन में होती है. अपनों ने धोखा दिया है, इसलिए जनता का आशीर्वाद लेने जा रहा हूँ. एक साल में ऐसा कोई दिवस नहीं मनाया जाता, जैसा ये करने जा रहे है." चिराग ने कहा कि भोज करना गलत है. एक साल तक ऐसा नहीं करना चाहिए. यह सब बरखी के बाद करते तो ठीक होता.
नीतीश कुमार द्वारा चिराग पर पब्लिशिटी स्टंट के आरोप पर कहा, "पब्लिसिटी के लिये मुझे मौजूदा मुख्यमंत्री के नाम के इस्तेमाल करने की जरूरत नहीं है. चिराग कितने लोकप्रिय हैं, यह जनता तय करती है. उनसे पूछें जो मेरी वजह से चुनाव हारे हैं. जब मुझे अपनों ने धोखा दिया तो फिर गैरो से क्या शिकवा?" चिराग ने कहा कि वह लंबी लड़ाई लड़ने जा रहे हैं और उम्मीद करते हैं कि इस लड़ाई में उन्हें राम (पीएम मोदी) का साथ मिलेगा.
जब चिराग से पूछा गया कि पार्टी तोड़ने में बीजेपी की भूमिका पर क्या कोई कन्फ्यूजन है और बीजेपी के खिलाफ खुलकर क्यों नहीं बोल रहे तो उन्होंने कहा, "मेरी प्राथमिकता अभी यह नहीं है. मेरी प्राथमिकता अभी पार्टी को खड़ा करने की है. 95 फीसदी कार्यकर्ता मेरे साथ है कुछ हैं. कुछ ही हैं, जो धोखा देकर अलग गए हैं." उन्होंने कहा कि कौन किसके साथ है, जब चुनाव आएगा , तब पता चल जाएगा.
NDTV ने जब उनसे पूछा कि नीतीश कुमार, लालू यादव और नरेंद्र मोदी इन तीनों को आप कैसे describe करेंगे? तो उन्होंने कहा, ये सारे मुझसे बड़े हैं, तीनो सम्मानित हैं. नीतीश की बात करें तो बिहार की मौजूदा हालत के लिये वही जिम्मेदार हैं. वो बेहतर कर सकते थे लेकिन उन्होंने खास नहीं किया. उनकी नीतियों का विरोधी रहा हूँ और आगे भी रहूंगा. मोदी जी के कारण ही बीजेपी से जुड़ा.
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चिराग ने कहा कि 2014 में बीजेपी से गठबंधन हुआ. उसमें मेरी भूमिका थी. पापा ने अंतिम सांस तक साथ दिया. मेरे साथ देते हैं या नहीं? अब ये उनपर निर्भर करता है. मेरे अपने अगर मेरे साथ होते तो किसी में दम नही था कि चिराग को तोड़ देते.
क्या तेजस्वी से आपको कोई परहेज़ है? इस पर चिराग ने कहा, "तेजस्वी हमारे छोटे भाई के समान हैं. अभी उनके साथ जाने की जरूरत नहीं है. उनका प्रस्ताव आया है, चुनाव के वक्त देखेंगे.
चिराग ने कहा कि उनके पिता रामविलास पासवान का 50 साल का करियर बेदाग रहा है. उन्होंने कहा, लोग 89 से मुझे जानने लेकिन पहले नहीं जानते थे जबकि पापा ने 69 से कैरियर की शुरुआत की. मैंने संघर्ष का रास्ता खुद चुना है. मेरे पास पहले भी रास्ता था. चाहता था तो मेरे लोग बिहार में मंत्री बन जाते और मैं भी केंद्र में बन जाता लेकिन मैंने तब भी समझौता नहीं किया.