लिव इन कपल को कोर्ट से नहीं मिली सुरक्षा, HC ने कहा- यह 'रिश्ता' सामाजिक रूप से अस्वीकार्य

पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय ने सुरक्षा की मांग करने वाले एक प्रेमी जोड़े द्वारा दायर याचिका को खारिज करते हुए कहा कि लिव-इन-रिलेशनशिप (सहजीवन) नैतिक और सामाजिक रूप से अस्वीकार्य है.

विज्ञापन
Read Time: 5 mins
लिव-इन-रिलेशनशिप नैतिक, सामाजिक रूप से अस्वीकार्य: पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय (प्रतीकात्मक तस्वीर)
चंडीगढ़:

पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय ने सुरक्षा की मांग करने वाले एक प्रेमी जोड़े द्वारा दायर याचिका को खारिज करते हुए कहा कि लिव-इन-रिलेशनशिप (सहजीवन) नैतिक और सामाजिक रूप से अस्वीकार्य है. याचिकाकर्ता गुलजा कुमारी (19) और गुरविंदर सिंह (22) ने याचिका में कहा कि वे एक साथ रह रहे हैं और जल्द ही शादी करना चाहते हैं. उन्होंने कुमारी के माता-पिता से अपनी जान को खतरा होने की आशंका जताई थी.

न्यायमूर्ति एचएस मदान ने अपने 11 मई के आदेश में कहा, "वास्तव में, याचिकाकर्ता वर्तमान याचिका दायर करने की आड़ में अपने लिव-इन-रिलेशनशिप पर अनुमोदन की मुहर की मांग कर रहे हैं, जो नैतिक और सामाजिक रूप से स्वीकार्य नहीं है और याचिका में कोई सुरक्षा आदेश पारित नहीं किया जा सकता है. तदनुसार याचिका खारिज की जाती है."

याचिकाकर्ता के वकील जे एस ठाकुर के अनुसार, सिंह और कुमारी तरनतारन जिले में एक साथ रह रहे हैं. उन्होंने कहा कि कुमारी के माता-पिता ने उनके रिश्ते को स्वीकार नहीं किया. कुमारी के माता-पिता लुधियाना में रहते हैं. ठाकुर ने कहा कि दोनों की शादी नहीं हो सकी क्योंकि कुमारी के दस्तावेज, जिसमें उसकी उम्र का विवरण है, उसके परिवार के पास हैं.

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
Featured Video Of The Day
Operation Sindoor पर India Air Force का बड़ा बयान, कहा- ऑपरेशन अभी जारी है | India-Pakistan Tension
Topics mentioned in this article