अरुणाचल प्रदेश में 100 वर्ष बाद ‘लिपस्टिक’ पौधे को फिर से खोजा गया

इस पौधे एस्किनैन्थस मोनेटेरिया डन की पहचान पहली बार ब्रिटिश वनस्पतिशास्त्री स्टीफन ट्रॉयट डन ने 1912 में की थी

विज्ञापन
Read Time: 5 mins
प्रतीकात्मक फोटो.
ईटानगर:

भारतीय वनस्पति सर्वेक्षण (BSI) के शोधकर्ताओं ने एक सदी से भी अधिक समय बाद अरुणाचल प्रदेश के सुदूर अंजॉ जिले में एक दुर्लभ पौधे की खोज की है, जिसे 'भारतीय लिपस्टिक पौधा' कहा जाता है. इस पौधे (एस्किनैन्थस मोनेटेरिया डन) की पहचान पहली बार ब्रिटिश वनस्पतिशास्त्री स्टीफन ट्रॉयट डन ने 1912 में की थी, जो अरुणाचल प्रदेश से एक अन्य अंग्रेज वनस्पतिशास्त्री इसहाक हेनरी बर्किल द्वारा एकत्र किए गए पौधों के नमूनों पर आधारित थी.

बीएसआई वैज्ञानिक कृष्णा चौलू ने खोज के बारे में 'करंट साइंस जर्नल' में प्रकाशित एक लेख में कहा, ''ट्यूबलर रेड कोरोला की उपस्थिति के कारण, जीनस एस्किनैन्थस के तहत कुछ प्रजातियों को लिपस्टिक प्लांट कहा जाता है.''

चौलू ने अरुणाचल प्रदेश में फूलों के अध्ययन के दौरान, दिसंबर 2021 में अंजॉ जिले के ह्युलियांग और चिपरू से 'एस्किनैन्थस' के कुछ नमूने एकत्र किए.

उन्होंने कहा कि प्रासंगिक दस्तावेजों की समीक्षा और ताजा नमूनों के अध्ययन से पुष्टि हुई कि नमूने एस्किनैन्थस मोनेटेरिया के हैं, जो 1912 के बाद से भारत में कभी नहीं मिले.

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
Featured Video Of The Day
Parliament के गेट पर सांसद नहीं कर सकेंगे धरना, OM Birla ने जारी किए सख्त आदेश | Breaking News
Topics mentioned in this article