उत्तर प्रदेश सरकार आज विधानसभा में लिफ्ट एक्ट विधेयक पेश करेगी. प्रदेश में आए दिन हो रहे लिफ्ट से जुड़े हादसों को देखते हुए इस तरह का फैसला लिया गया है. यूपी विधान सभा में आज बहुमंजिला इमारतों में लिफ्ट के रखरखाव के लिए बने लिफ्ट एवम एक्सलेटर विधयेक 2024 को रखा जायेगा. 5 फरवरी को हुई कैबिनेट की बैठक में इसे मंजूरी दी गई थी और आज इसे सदन में पेश किया जाएगा.
बहुमंजिला भवनों में लिफ्ट में हो रही दुर्घटनाओं को रोकने और जवाबदेही तय करने के लिए ही अब कानून बनाने की तैयारी है. इसके लिए 'यूपी लिफ्ट और एस्केलेटर विधेयक' पेश किया जाएगा. दरअसल बहुमंजिला इमारतों की बढ़ी संख्या के चलते लिफ्ट व एस्केलेटर का उपयोग दिन-प्रतिदिन बढ़ रहा है. इसके चलते दुर्घटनाएं भी बढ़ रही हैं. सुरक्षा के लिए महाराष्ट्र, गुजरात, कर्नाटक, दिल्ली सहित 9 राज्यों ने लिफ्ट एक्ट लागू किया है. यूपी में भी अब इसे लागू करने की तैयारी है.
इस बिल के कानून बनने के बाद लिफ्ट को लेकर जवाबदेही तय होगी. यह कानून पास होने के बाद लिफ्ट गिरने, बंद होने या लिफ्ट से जुड़ा कोई हादसा होने पर बिल्डर और मेंटेनेंस एजेंसी को कार्रवाई के दायरे में लाया जा सकेगा. पिछले साल उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों को बहुमंजिला इमारतों में लगी लिफ्ट/ स्वचालित सीढ़ियों (एस्कलेटर) की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए एक कानून बनाने का निर्देश दिया था.
सीएम आदित्यनाथ ने बैठक के दौरान कहा था कि वर्तमान में तेजी से शहरीकरण और बहुमंजिला इमारतों के प्रसार के कारण लिफ्ट और एस्केलेटर का उपयोग बढ़ रहा है. भीड़ वाले सार्वजनिक स्थानों पर स्थापित लिफ्ट और एस्केलेटर के बारे में उनके डिजाइन, स्थापना के साथ-साथ अनुचित संचालन और रखरखाव के बारे में अक्सर शिकायतें मिलती हैं. उन्होंने निर्देश दिया था कि इसके लिए लिफ्ट और एस्केलेटर के निर्माण, गुणवत्ता, अंतर्निहित सुरक्षा सुविधाओं, स्थापना, संचालन और रखरखाव के लिए निर्धारित प्रक्रियाओं का सख्ती से पालन सुनिश्चित करना जरूरी है.
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