"अगर हालात अच्छे हैं तो अमित शाह जम्मू से लाल चौक पैदल क्यों नहीं जाते" : श्रीनगर में बोले राहुल गांधी

राहुल गांधी ने कहा, ''भारत जोड़ो यात्रा समाप्त हुई, चलना खत्म हुआ, कल मेन फंक्शन है हमारा, मुझे बहुत कुछ सीखने को मिला, बहुत कुछ समझने को मिला, लाखों लोगों से मिला, बातचीत की, मेरे पास शब्द नहीं है आपको समझाने के लिए. यात्रा का लक्ष्य भारत को एक करने का था, जोड़ने का था."

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राहुल गांधी ने पिछले साल 7 सितंबर को कन्याकुमारी से भारत जोड़ो यात्रा शुरू की थी.
श्रीनगर:

कांग्रेस सांसद राहुल गांधी (Rahul Gandhi) की भारत जोड़ो यात्रा (Bharat Jodo Yatra) तय समय से एक दिन पहले 29 जनवरी को श्रीनगर में खत्म हो गई. राहुल गांधी ने लाल चौक पर तिरंगा फहराकर इस यात्रा के समापन का ऐलान किया. इसके साथ ही उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को चुनौती भी दे दी है. कश्मीर घाटी के हालात का जिक्र करते हुए राहुल गांधी ने कहा, 'अगर घाटी में स्थिति इतनी अच्छी है, तो बीजेपी नेता या गृह मंत्री अमित शाह(Amit Shah) जैसा कोई व्यक्ति जम्मू से लाल चौक तक पैदल मार्च क्यों नहीं करते?' विपक्षी एकता के लिए एक मजबूत संदेश में राहुल गांधी ने स्वीकार किया कि पार्टियों के बीच कुछ मतभेद थे. हालांकि, उन्होंने आश्वासन दिया कि विपक्ष निश्चित रूप से एकजुट होगा.


दरअसल, भारत जोड़ो यात्रा के समापन के बाद राहुल गांधी प्रेस कॉन्फ्रेंस में सवालों का जवाब दे रहे थे. राहुल गांधी से पूछा गया कि बीजेपी का दावा है 370 हटने के बाद यहां सुरक्षा की स्थिति काफी सुधरी है, क्या आप सहमत है बीजेपी के इस दावे से? इस पर राहुल गांधी ने जवाब दिया, ''नहीं, यहां पर तो टारगेटेड किलिंग्स हो रही हैं, बम धमाके हो रहे हैं, अगर सुरक्षा के हालात में सुधार हुआ है, तो कॉन्वर्सेशन सिक्योरिटी वाले मेरे से कर रहे हैं वो तो होते ही नहीं. बीजेपी के लोग यात्रा क्यों नहीं कर देते? जम्मू से लाल चौक.. अगर हालात इतने ही अच्छे हैं तो अमित शाह जम्मू-कश्मीर में क्यों नहीं चलते हैं.. जम्मू से कश्मीर तक.''

राहुल गांधी ने पिछले साल 7 सितंबर को कन्याकुमारी से भारत जोड़ो यात्रा शुरू की थी. यात्रा के अंतिम दिन उन्होंने श्रीनगर के लाल चौक पर राष्ट्रीय ध्वज फहराया. इस दौरान उनकी बहन प्रियंका गांधी वाड्रा और पार्टी के अन्य नेता मौजूद रहे. उन्होंने कहा कि भारत जोड़ो यात्रा के दौरान बहुत कुछ सीखने को मिला है. इसका लक्ष्य लोगों को जोड़ना और नफरत खत्म करना था.

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राहुल गांधी ने श्रीनगर में कहा, ‘5 महीने लंबी यात्रा का भारतीय राजनीति पर प्रभाव पड़ेगा, लेकिन यह क्या होगा, मैं अभी नहीं बता सकता.' वहीं जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा पर लेकर राहुल गांधी ने कहा कि मैं जम्मू-कश्मीर में जो कुछ भी देखता हूं उससे खुश नहीं हूं. जब मैं घाटी से गुजरा तो मुझे दुख हुआ.

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बता दें कि जम्मू-कश्मीर में भारत जोड़ो यात्रा के दौरान राहुल गांधी की सुरक्षा को लेकर सवाल उठे थे. कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने रविवार को कहा, ‘भारत जोड़ो यात्रा का नेतृत्व करना उनके जीवन का सबसे गहरा और सबसे खूबसूरत अनुभव था.' इसके साथ ही उन्होंने आश्वस्त किया कि इस यात्रा का भारतीय राजनीति पर प्रभाव पड़ेगा.

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राहुल गांधी ने कहा, ''भारत जोड़ो यात्रा समाप्त हुई, चलना खत्म हुआ, कल मेन फंक्शन है हमारा, मुझे बहुत कुछ सीखने को मिला, बहुत कुछ समझने को मिला, लाखों लोगों से मिला, बातचीत की, मेरे पास शब्द नहीं है आपको समझाने के लिए. यात्रा का लक्ष्य भारत को एक करने का था, जोड़ने का था, जो नफरत फैलाई जा रही है, हिंसा फैलाई जा रही है, उसके खिलाफ हमने यात्रा की और जबरदस्त रिस्पॉन्स मिला है. सच बताऊं तो कोई उम्मीद नहीं कर रहा था कि ऐसा प्यार भरा रिस्पॉन्स मिले. हिदुस्तान की जनता की जो ताकत है वो सीधे देखने को मिली." 

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कांग्रेस सांसद ने कहा, "महंगाई और बेरोजगारी के मुद्दे हमने उठाए और जो अलग-अलग सेक्शंस पर दबाव पड़ रहा है, चाहे वो किसान हों.. मजदूर हों, बेरोजगार युवा हों, छोटे व्यापारी हों, उनकी आवाज हमें सुनने को मिली. मेरे लिए व्यक्तिगत रूप से बहुत अच्छा अनुभव रहा. मेरी जिंदगी का सबसे गहरा और सबसे सुंदर अनुभव रहा है. मैं सबको धन्यवाद देना चाहता हूं."

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