उदयपुर में आदमखोर तेंदुए ने मचाया आतंक, 3 दिन में 3 लोगों को निगला; नहीं पकड़ पा रही फोरेस्ट टीम

उदयपुर में तीन अलग-अलग घटनाओं में तेंदुए के हमले में तीन लोगों की मौत हो गई है. तेंदुए के हमले के कारण स्‍थानीय लोगों में दहशत है.

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नई दिल्‍ली:

राजस्‍थान (Rajasthan) के उदयपुर जिले में एक तेंदुए के हमले (Leopard Attack) में तीन लोगों की मौत हो गई है. यह तीनों मौतें तेंदुए के अलग-अलग हमलों में हुई हैं, जिसके बाद स्थानीय लोगों का गुस्‍सा फूट पड़ा है. स्‍थानीय लोगों ने झाड़ोल और गोगुंदा के बीच राज्य राजमार्ग को जाम कर दिया है. तीन दिनों में तीन लोगों को तेंदुए द्वारा शिकार बनाए जाने से लोगों में काफी दहशत है. हालांकि अभी तक वन विभाग की टीम तेंदुए को काबू में नहीं कर सकी है. 

पहली घटना 

पहली घटना छाली ग्राम पंचायत के ऊंडिथल गांव की है, जहां बुधवार को 9वीं कक्षा में पढ़ने वाली 16 साल की एक किशोरी कमला बकरियां चराने जंगल में गई थी.  जब लड़की शाम को वापस नहीं लौटी तो गांव के लोगों ने उसे तलाशना शुरू किया. हालांकि अगले दिन उसका शव बरामद किया गया. उसके शव को जंगल में करीब चार किमी तक घसीटा गया है.  

दूसरी घटना 

दूसरी घटना गुरुवार को छाली ग्राम पंचायत के बेवड़िया गांव में हुई. यह ऊंडिथल से करीब 3 किमी की दूरी पर स्थित है. गांव में 45 साल का एक शख्‍स खेमाराम अपने बेटे के साथ गांव लौट रहा था. उन पर तेंदुए ने हमला कर दिया. इस दौरान उनका बेटा मदद के लिए भागा. हालांकि तेंदुए ने खेमाराम पर गर्दन को पकड़ लिया था, जिससे उनकी मौके पर ही मौत हो गई. 

लोग मौके पर पहुंचे तो उन्‍होंने तेंदुए को आदमी के शव के पास बैठा पाया, जिससे ग्रामीणों में दहशत व्‍याप्‍त हो गई. उनका कहना है कि तेंदुआ आदमखोर हो सकता है और आरोप लगाया कि यही वही जंगली जानवर था, जिसने कमला और खेमाराम पर हमला किया था. वन विभाग तेंदुए की तलाश में जुटा है और उसे पकड़ने के लिए पिंजरा लगाया गया है.

तीसरी घटना 

तीसरी घटना आज छाली गांव में हुई है, जहां पर एक तेंदुए ने 50 साल की महिला को मार दिया है. ग्रामीण तेंदुए की शिकार महिला का शव निकालने की कोशिश कर रहे हैं. यह तीनों घटनाएं दो किलोमीटर के क्षेत्र में हुई हैं. 

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घने जंगल के कारण हो रही मुश्किल : उपाध्‍याय

चीफ वाइल्‍ड लाइफ वार्डन पीके उपाध्‍याय ने एनडीटीवी को बताया कि वन विभाग एक और टीम को मौके पर भेज रहा है, जो तेंदुए को ट्रैक्‍युलाइज करेगी. उन्होंने कहा कि बारिश के बाद घने जंगल के कारण जानवर का पता लगाना मुश्किल हो रहा है. 

8 सितंबर को भी हुआ था महिला पर हमला  

विशेषज्ञों का कहना है कि मानव और तेंदुओं के बीच संघर्ष बढ़ रहा है, क्योंकि तेंदुओं की संख्या बढ़ रही है. वहीं वन क्षेत्र सिकुड़ रहे हैं. तेंदुए अक्सर मानव निवास के करीब भटकते हैं और घरेलू जानवरों को ले जाते हैं. वे वन क्षेत्रों की परिधि पर मनुष्यों पर हमला करने के लिए भी जाने जाते हैं. 8 सितंबर को उदयपुर के झाड़ोल के पास एक महिला पर ऐसा ही हमला हुआ था.

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