लता मंगेशकर का जन्म 28 सितंबर, 1929 को एक मध्यमवर्गीय मराठा परिवार में हुआ था. (फाइल फोटो)
अपनी आवाज से लोगों को मंत्रमुग्ध और मदहोश कर देने वाली सुर साम्राज्ञी, भारत रत्न लता मंगेशकर का 92 साल की उम्र में आज निधन हो गया. देश-विदेश से लोग उन्हें श्रद्धांजलि दे रहे हैं. उन्होंने पांच दशकों तक न केवल हिंदी संगीत उद्योग पर राज किया, बल्कि दुनिया भर में हर भारतीय के दिलों में एक विशेष स्थान बनाया था. लता मंगेशकर 30 हजार से ज्यादा गाने गा चुकी हैं. लता ही एकमात्र ऐसी जीवित शख्सियत थीं, जिनके नाम पर पुरस्कार दिए जाते रहे हैं. हम आपको बताने जा रहे हैं लता मंगेशकर की ऐसी ही कुछ अनसुनी बातें, जो बहुत कम लोग जानते हैं-
- लता मंगेशकर का जन्म 28 सितंबर, 1929 को एक मध्यमवर्गीय मराठा परिवार में हुआ था. उनके पिता पंडित दीनानाथ मंगेशकर एक थियेटर कलाकार थे और गायक भी थे. लता का पहले नाम हेमा था, लेकिन पिता दीनानाथ मंगेशकर ने नाटक 'भाव बंधन' में एक चरित्र लतिका से प्रभावित होकर बेटी का नाम लता कर दिया था.
- लता मंगेशकर ने अपने पिता दीनानाथ मंगेशकर के संगीत नाटकों में गायन और अभिनय तब शुरू किया था, जब वह केवल पांच वर्ष की थीं.
- स्कूल में अपने पहले दिन ही लता मंगेशकर ने अन्य बच्चों को संगीत की शिक्षा देना शुरू कर दिया था और जब शिक्षक ने उसे रोक दिया था तो ये बात लता को इतनी बुरी लगी थी कि उन्होंने स्कूल जाना बंद कर दिया था. हालांकि, कुछ सूत्रों का दावा रहा है कि चूंकि वह अपनी छोटी बहन आशा के साथ स्कूल जाती थीं, इस पर स्कूल ने आपत्ति जताई थी, इसलिए उन्होंने स्कूल जाना छोड़ दिया था.
- लता मंगेशकर जब 13 साल की थीं, तभी पिता दीनानाथ मंगेशकर की हृदयाघात से मौत हो गई थी. इसके बाद लता पर परिवार को चलाने का बोझ आ गया था. उन्होंने 1940 के दशक में संगीत की दुनिया में खुद को स्थापित करने के लिए कठोर संघर्ष किया. उन्होंने पहला गीत 1942 में मराठी फिल्म 'किती हसाल' में गाया था लेकिन ये फिल्म रिलीज नहीं हो सकी थी.
- लता मंगेशकर को पहली बार मंच पर गाने के लिए 25 रुपये दिए गए थे. यही उनकी पहली कमाई थी.
- 1945 में लता मंगेशकर मुंबई चली गईं, लेकिन उनकी पहली गीत 1949 में हिट हुई. फिल्म थी 'महल' और वह गाना था 'आएगा आने वाला', इसके बाद वह हिंदी सिनेमा की सबसे अधिक मांग वाली आवाजों में से एक बन गई थीं.
- जब लता मंगेशकर की उम्र 33 साल थी, तभी 1962 की शुरुआत में वह गंभीर रूप से बीमार पड़ गई थीं. तब डॉक्टरों ने बताया था कि उन्हें खाने में धीमा जहर दिया गया था. वह तीन दिन तक अस्पताल में जिंदगी और मौत के बीच जूझती रही थीं. अस्पताल से आने के बाद भी तीन महीने तक बेड पर ही रही थीं. जहर से उनका शरीर तब टूट चुका था. इस घटना के बाद तुरंत उनका कुक घर छोड़कर भाग गया था.
- 1963 में जब लता मंगेशकर ने 1962 के भारत-चीन युद्ध में शहीद हुए सैनिकों की याद में 'ऐ मेरे वतन के लोगों' गीत गाया था, तब देश के प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू कीआंखों में आंसू छलक पड़े थे. 1974 में वह पहली भारतीय शख्सियत बनीं जिसने लंदन के रॉयल अल्बर्ट हॉल में अपनी प्रस्तुति दी थी.
- लता मंगेशकर संगीत निर्देशक गुलाम हैदर को अपना गॉडफादर मानती थीं क्योंकि बतौर लता गुलाम हैदर ने ही सबसे पहले उनकी प्रतिभा में पूरा विश्वास जताया था.
- बॉलीवुड के शो मैन राजकपूर ने लता मंगेशकर की ही जिंदगी पर फिल्म सत्यम शिवम सुंदरम बनाई थी. इस फिल्म में लता मंगेशकर ने अभिनय करने का वादा किया था लेकिन बाद में उन्होंने मना कर दिया था. बाद में ज़ीनत अमान ने उनके कैरेक्टर रूपा का रोल निभाया था.
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