रियासी में बस पर हुए आतंकी हमले में लश्कर का हाथ होने का शक, POK में रची गई साजिश- सूत्र

शिवखोड़ी से मंदिर से कटरा की ओर जा रही 53 सीट वाली बस पर आतंकवादियों द्वारा की गई गोलीबारी में नौ लोगों की मौत हो गई और 41 अन्य घायल हो गए.

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कश्मीर में माहौल खराब करने की कोशिश

रियासी में बस पर हुए आतंकी हमले में लश्कर का हाथ होने का शक जताया जा रहा है. सूत्रों के मुताबिक इस हमले की साजिश POK में रची गई. शिवखोड़ी से मंदिर से कटरा की ओर जा रही 53 सीट वाली बस पर आतंकवादियों द्वारा की गई गोलीबारी में नौ लोगों की मौत हो गई और 41 अन्य घायल हो गए. आतंकवादियों के हमले की वजह से बस सड़क से फिसलकर गहरी खाई में गिर गई, बस के खाई में गिरने पर भी आतंकी लोगों पर गोलियां बरसात रहे. ये आतंकी हमला रविवार शाम रियासी के पोनी क्षेत्र के तेरयाथ गांव के पास हुआ.

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हमले का पैटर्न भी लश्कर जैसा ही

इस आतंकी हमले में FT यानी फॉरेन टेररिस्ट के शामिल होने के जांच एजेंसियों को कुछ अहम सुराग मिले हैं. जिनके आधार पर इस हमले में पाकिस्तान आतंकी संगठन लश्कर के होने का शक है. जानकारी के मुताबिक इस हमले का पैटर्न भी लश्कर से मेल खाता है. जांच एजेंसी के मुताबिक, हमलावर अभी भी घाटी में छिपे हैं, जिनकी तलाश की जा रही है. ये भी शक है कि लश्कर ने अबु हमजा इस हमले की जिम्मेदारी सौंपी थी. जांच एजेंसियों के सूत्रों के मुताबिक 3 मई को POK के खाइगल गांव में हमले की सजिश रची गई थी.

ISI के इशारे पर जुटे थे सैकड़ों जिहादी

सोपोर में मारे गए 2 आतंकियों अब्दुल वहाब और सैफुल्ला को लेकर 300 से 400 जेहादी इकठ्ठा हुए थे. जलसे में जल्द हिन्दुस्तान के खिलाफ बड़ी वारदात को अंजाम देने का आह्वान किया गया था. कश्मीर में मारे गए आतंकी अब्दुल वहाब के वारिसी खत पढकर युवाओं को भारत के खिलाफ जिहाद के लिए आह्वान किया गया. ये सभी ISI के इशारे पर बुलाई गई थी. कार्यक्रम में जैश ए मोहम्मद और लश्कर ए तैयबा के अलावा JKLF (Jammu Kashmir Liberation Front) से जुड़े चेहरे भी मौजूद थे.

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सैकड़ों की संख्या में आये लोगो को जिहाद के लिए खड़े होने के लिए आह्वान किया गया. ISI अपने जिहादी तंज़ीमों को दुबारा खड़ा कर रही है. 2019 बालाकोट एयरस्ट्राइक्स के बाद से ISI ने पीओके और अन्य जगहों पर बने टेरर इंफ्रास्ट्रक्चर को बंद या बेहद कम कर दिया था. उस दौर में पाकिस्तान पर FATF (Financial Action Task Force) की तलवार लटक रही थी, लेकिन अब हालात बदल चुके हैं.

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कश्मीर में माहौल करने की कोशिश

पाकिस्तान में चुनाव हो चुके और पाक सेना के लिए सरदर्द बने इमरान खान भी मैनेज हो चुके हैं. पाकिस्तान पर FATF की तलवार हट गई है और IMF चीन की मदद से आर्थिक संकट भी कम हुआ हैं. अब आने वाले महीनों में पाकिस्तान फिर से कश्मीर को डिस्टर्ब करने के लिए अपना पुराना जिहादी इंफ्रास्ट्रक्चर शुरू कर रहा है. अभी वर्तमान में पीओके से जैश ए मोहम्मद और लश्कर ए तैयबा के सबकॉन्टिनेंटल या फिर कहें तंजीमें PAFF और TRF जैसे संगठन कश्मीर घाटी में सक्रिय हैं. इनमें ज्यादातर लोग स्थानीय कश्मीरी युवा है जो ब्रेनवाश और अन्य वजहों से भटक कर अपनी जान गंवा रहे हैं. ISI की नज़र कश्मीर विधानसभा चुनाव पर भी है, वह हर हाल में विधानसभा चुनाव में अशांति कर उन्हें प्रभावित करने की कोशिश करेगा.

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