चंद्रयान 3: लैंडर विक्रम बुधवार शाम को 6:04 बजे चंद्रमा की सतह पर कामयाबी से उतरा...
भारत के महत्वाकांक्षी मिशन चंद्रयान 3 का लैंडर विक्रम चंद्रमा पर सफलतापूर्वक उतर गया है, जो भारत और दुनिया के लिए एक ऐतिहासिक दिन है. अगले कुछ घंटों में रोवर प्रज्ञान अपने मिशन को अंजाम देने के लिए लैंडर से बाहर निकलेगा.
अब क्या-क्या करेगा लैंडर विक्रम...
- लैंडर विक्रम की अंतिम टचडाउन गति उसकी सुरक्षित सीमा के भीतर थी. शुरुआती दौर में चार इंजन चलाए गए, जिनमें से दो को बाद में बंद कर दिया गया था, इसलिए चंद्र सतह पर टचडाउन दो इंजनों द्वारा संचालित था.
- जिस वक्त लैंडर विक्रम उतरा, उसके ऊपर चंद्रमा की धूल का बड़ा-सा बादल छा गया था. चंद्रमा के बेहद कमज़ोर गुरुत्वाकर्षण बल के कारण धूल जल्द ही नीचे नहीं बैठेगी, बल्कि अपनी ही गति से बिखर जाएगी.
- चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के पास लैंडर विक्रम के चंद्रमा की सतह पर उतरने के साढ़े तीन घंटे बाद रोवर प्रज्ञान लैंडर से बाहर निकलेगा. भारत चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के निकट अंतरिक्ष यान उतारने वाला दुनिया का पहला देश है.
- भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) नहीं चाहता था कि चंद्रमा की महीन धूल कैमरों और अन्य संवेदनशील उपकरणों पर चढ़ जाए, इसलिए उसने यह सुनिश्चित करने के लिए तीन घंटे से अधिक समय तक इंतज़ार करने का फैसला किया, ताकि धूल लैंडर विक्रम से दूर चली जाए.
- रोवर प्रज्ञान सबसे पहले अपनी सौर टेबल को आगे बढ़ाएगा, और लैंडर विक्रम से जुड़े एक तार के साथ बाहर निकलेगा. जैसे ही रोवर चंद्रमा की सतह पर स्थिर हो जाएगा, तार तोड़ दिया जाएगा. इसके बाद यह अपना वैज्ञानिक मिशन शुरू करेगा.
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