उत्तराखंड के जोशीमठ में धंस रही है जमीन, 500 से ज्यादा घरों में आई दरारें

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी स्थिति का जायजा लेने और आवश्यक कार्रवाई शुरू करने के लिए जल्द ही जोशीमठ का दौरा करेंगे.

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जोशीमठ के अधिकारी ने कहा कि पानी के रिसाव के कारण घरों में बड़ी दरारें आ गई हैं.
खटीमा (उत्तराखंड):

उत्तराखंड के जोशीमठ में जमीन धंसने के कारण 561 घरों में दरारें आ गई हैं. जिला आपदा प्रबंधन विभाग ने कहा कि घरों में दरारें आने के बाद अब तक कुल 66 परिवार जोशीमठ से पलायन कर चुके हैं.

जोशीमठ नगरपालिका अध्यक्ष शैलेंद्र पवार ने कहा, "अब सिंहधार और मारवाड़ी में दरारें बढ़ने का सिलसिला शुरू हो गया है. सिंहधर जैन मोहल्ले के पास बद्रीनाथ एनएच और मारवाड़ी में वन विभाग की चेक पोस्ट के पास जेपी कंपनी गेट में लगातार दरारें आ रही हैं. यह दरार हर घंटे बढ़ रही है जो चिंताजनक है." 

जोशीमठ सिटी बोर्ड के अध्यक्ष ने कहा कि मारवाड़ी के नौ घरों में दरारें आने की सूचना है और साथ ही वार्ड की अधिकांश सार्वजनिक सड़कों में दरारें दिखाई देने लगी हैं. जिला आपदा प्रबंधन विभाग ने बताया कि जोशीमठ के मारवाडी वार्ड की जेपी कॉलोनी में भी जमीन से पानी रिसने के मामले सामने आए हैं.

शैलेंद्र पंवार ने कहा, "सुनील वार्ड की सभी मुख्य सड़कों पर भी दरारें बढ़ रही हैं, जिससे लोगों को चलने में काफी परेशानी हो रही है."

जोशीमठ में लगातार हो रही जमीन धंसने के बाद जिलाधिकारी चमोली ने संयुक्त दंडाधिकारी दीपक सैनी को जोशीमठ में पदस्थापित किया है.

इससे पहले दिन में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जोशीमठ में जमीन धंसने और कस्बे के कई घरों में दरारें आने की खबर के मद्देनजर कहा कि जिले के लोगों को बचाने के लिए आवश्यक कार्रवाई की जाएगी.

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स्थिति का जायजा लेने और आवश्यक कार्रवाई शुरू करने के लिए मुख्यमंत्री धामी जल्द ही जोशीमठ का दौरा करेंगे. यह बयान भूमि धंसने के कारण क्षेत्र के घरों में दिखाई देने वाली बड़ी दरारों की रिपोर्टों की पृष्ठभूमि में आया है.

सीएम पुष्कर सिंह धामी ने एएनआई से बात करते हुए कहा, "मैं आने वाले दिनों में जोशीमठ का दौरा करूंगा और स्थिति को संभालने के लिए कदम उठाऊंगा. सभी रिपोर्टों की निगरानी की जाएगी और सभी आवश्यक कदम उठाए जाएंगे. मैंने स्थिति की निगरानी के लिए नगर निगम के अध्यक्ष शैलेंद्र पवार से बात की है."

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जोशीमठ नगर पालिका अध्यक्ष शैलेंद्र पवार ने कहा कि मारवाड़ी वार्ड में जमीन के अंदर से पानी का रिसाव होने से घरों में बड़ी दरारें आ गई हैं. मैं पूरी स्थिति पर चर्चा करने के लिए सीएम धामी से मिलने देहरादून गया था. ऐसी खबरें आई हैं कि मारवाड़ी वार्ड में जमीन के अंदर से पानी के रिसाव के कारण घरों में दरारें आ गई हैं.

इस बीच, उत्तराखंड के चमोली जिले के जोशीमठ कस्बे में भूस्खलन की घटनाओं के बाद लोग अपने घरों से सुरक्षित स्थानों की ओर पलायन कर रहे हैं.

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जोशीमठ कस्बे में सर्दी का मौसम और भूस्खलन के कारण मकान गिरने का खतरा अब एक प्रमुख मुद्दा बन गया है. जोशीमठ शहर के नौ वार्ड भूस्खलन से व्यापक रूप से प्रभावित हुए हैं. शहर के इलाके में घरों की दीवारों और फर्श में दरारें दिन-ब-दिन गहरी होती जा रही हैं, जो लोगों के लिए खतरे की घंटी है.

शैलेंद्र पवार ने बताया कि इस धंसने से नगर क्षेत्र के 576 घरों के 3000 से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं. उन्होंने कहा, "नगर पालिका द्वारा सभी घरों का सर्वेक्षण किया जा रहा है. कई लोगों ने अपना घर भी छोड़ दिया है."

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कस्बे के अन्य 574 मकानों की तरह ही जोशीमठ नगर क्षेत्र की पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष माधवी सती के मकान को भी जमीन धंसने ने पूरी तरह अपने कब्जे में ले लिया है, जिसमें भी बड़ी-बड़ी दरारें आ गई हैं.

उन्होंने कहा कि मेरे पास एक खंडहर घर में रहने के अलावा और कोई विकल्प नहीं है. चमोली के डीएम ने भी इलाके का दौरा किया था, लेकिन अभी तक कोई निष्कर्ष नहीं निकला है. जोशीमठ के लोग शहर के भविष्य को लेकर चिंतित हैं.

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