अगले माह होने वाले राष्ट्रपति चुनाव में ‘लालू प्रसाद यादव' भी अपनी किस्मत आजमाते नजर आएंगे क्योंकि उनका मानना है कि इस चुनाव में एक ‘बिहारी' उम्मीदवार होना चाहिए. रुकिये, आप गलत समझ रहे हैं-यह लालू प्रसाद यादव राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के प्रमुख नहीं हैं, बल्कि बिहार के सारण जिले के एक निवासी हैं. संयोग है कि राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव की ‘‘कर्मभूमि'' भी सारण ही रही है.
यादव का दावा है कि उन्होंने पहले ही दिल्ली जाने के लिए विमान की एक टिकट बुक करा ली है, जहां उनकी योजना 15 जून को अपना नामांकन पत्र दाखिल करने की है.
उन्होंने 2017 में हुए राष्ट्रपति चुनाव में भी अपना नामांकन पत्र दाखिल किया था, जब मुकाबला बिहार के तत्कालीन राज्यपाल रामनाथ कोविंद और लोकसभा की पूर्व अध्यक्ष मीरा कुमार के बीच था.
यादव ने ‘पीटीआई-भाषा' से कहा, ‘‘मेरे कागजात पिछली बार खारिज कर दिए गए थे क्योंकि मेरे पास प्रस्तावक पर्याप्त संख्या में नहीं थे. इस बार, मैं बेहतर तरीके से तैयार हूं.''
सारण के मरहौरा विधानसभा क्षेत्र के यादव रहीमपुर गांव के निवासी, यादव लगभग 42 साल के हैं. उन्होंने कहा, ‘‘मैं जीविका के लिए खेती करता हूं और सामाजिक कार्यों में संलग्न हूं. मेरे सात बच्चे हैं. मेरी बड़ी बेटी की शादी हो चुकी है.''
यादव ने कहा, ‘‘मैं पंचायतों से लेकर राष्ट्रपति पद तक अपनी किस्मत आजमाता रहता हूं. अगर और कुछ नहीं तो मैं सबसे ज्यादा चुनाव लड़ने का रिकॉर्ड बना सकता हूं.''
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