केंद्र सरकार ने भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता लाल कृष्ण आडवाणी (Lal Krishna Advani) को सर्वोच्च नागरिक सम्मान 'भारत रत्न' (Bharat Ratna) से सम्मानित करने का ऐलान किया है. कला, साहित्य, विज्ञान, समाज सेवा और खेल के क्षेत्र में देश के लिए असाधारण योगदान देने वाले लोगों को 'भारत रत्न' से नवाजा जाता है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने आडवाणी को सर्वोच्च नागरिक सम्मान 'भारत रत्न' दिये जाने पर खुशी जाहिर की है.
लालकृष्ण आडवाणी 5 बार लोकसभा और 4 बार राज्यसभा से सांसद रहे हैं. 3 बार भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष भी रहे चुके हैं लालकृष्ण आडवाणी. 2002 से 2004 तक वह देश के उपप्रधानमंत्री भी रहे हैं.
प्रधानमंत्री मोदी ने इस अवसर पर सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा, "मुझे यह बताते हुए बेहद हर्ष हो रहा है कि श्री लालकृष्ण आडवाणी जी को भारत रत्न से सम्मानित किया जाएगा. मैंने उनसे बात की और इस सम्मान से सम्मानित होने पर उन्हें बधाई दी. हमारे समय के सबसे सम्मानित राजनेताओं में से एक, भारत के विकास में उनका योगदान अविस्मरणीय है. उनका जीवन जमीनी स्तर पर काम करने से शुरू होकर हमारे उपप्रधानमंत्री के रूप में देश की सेवा करने तक का है. उन्होंने हमारे गृह मंत्री और सूचना एवं प्रसारण मंत्री के रूप में भी अपनी पहचान बनाई. उनके संसदीय हस्तक्षेप हमेशा अनुकरणीय और समृद्ध अंतर्दृष्टि से भरे रहे हैं."
लालकृष्ण आडवाणी का जन्म 8 नवंबर 1927 को कराची (अब पाकिस्तान) में हुआ था. 2015 में उन्हें पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया था. 2002 से 2004 के बीच अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में 7वें उप-प्रधानमंत्री रहे. वह भाजपा के फाउंडर मेंबर्स में शामिल हैं. आडवाणी के राजनीतिक करियर की शुरुआत 1942 में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्यकर्ता के रूप में हुई थी. यहां से उन्होंने देश के उपप्रधानमंत्री तक का सफर तय किया.
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