Kunal Kamra Eknath Shinde Bombay High Court: बॉम्बे हाई कोर्ट ने महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के खिलाफ कथित रूप से अपमानजनक टिप्पणी करने के लिए ‘स्टैंड-अप कॉमेडियन' कुणाल कामरा के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी रद्द करने संबंधी याचिका पर बुधवार को अपना आदेश सुरक्षित रख लिया और कहा कि तब तक उन्हें (कामरा को) गिरफ्तार करने की जरूरत नहीं है. न्यायमूर्ति एस कोतवाल और न्यायमूर्ति एस मोदक की पीठ ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अपना आदेश सुरक्षित रख लिया. अदालत ने पुलिस से कहा कि इस मामले में आदेश पारित होने तक कामरा को गिरफ्तार न किया जाए.
कुणाल कामरा का क्या है मामला
मुंबई के एक कॉमेडी शो के दौरान शिंदे के बारे में परोक्ष रूप से ‘‘गद्दार'' टिप्पणी करने के आरोप में खार थाने में कामरा के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है. कामरा (36) ने शिवसेना विधायक की शिकायत पर दर्ज प्राथमिकी के खिलाफ हाई कोर्ट का रुख किया है. उनके खिलाफ अन्य थानों में भी शिकायतें दर्ज हैं. कामरा ने अपनी याचिका में दावा किया है कि उनके खिलाफ शिकायतें उनके भाषण और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, कोई भी पेशा और व्यवसाय करने के अधिकार तथा संविधान के तहत प्रदत्त जीवन और स्वतंत्रता के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन हैं. तमिलनाडु के निवासी कामरा को पिछले महीने मद्रास हाई कोर्ट से इस मामले में अंतरिम ट्रांजिट अग्रिम जमानत मिली थी. तीन बार समन भेजे जाने के बावजूद कामरा मुंबई पुलिस के समक्ष पूछताछ के लिए पेश नहीं हुए.
कुणाल कामरा मामले में हाई कोर्ट में क्या हुआ
- सरकारी वकील हितेन वेनेगाओंकर ने सबसे पबले शिकायतकर्ता द्वारा FIR के लिए दिए गए बयान को कोर्ट में पढ़ा. साथ ही कुणाल कामरा द्वारा शिंदे के बारे में जो गाना गाया गया था, वो भी पढ़ा.
- इसके बाद कहा, ये एक इंडिविजुअल का क्रिटिसिज्म है, जो पब्लिक के वोट से जीत कर DCM बना है, इसीलिए इसे पॉलिटिकल Sattaire नहीं कह सकते हैं।
- ना ही इसे सरकार के कामकाज पर पर्सनल ओपिनियन कहा जा सकता है.
- ये एक Malicious टारगेटिंग है.
- ये एक इंडिविजुअल को टारगेट किया गया है.
- शिकायत के कंटेंट बताते हैं कि ये कॉग्निसेबल Offence है और जांच की ज़रूरत है.
- जो आरोप लगाए गए हैं, उसकी जांच की ज़रूरत है. सच जानना है. एविडेंस कलेक्ट करना है, इसलिए FIR ज़रूरी है. पुलिस ने FIR दर्ज किया है.
- शिकायतकर्ता 23 मार्च को रात 10.45 को पुलिस थाने पहुंचे. पुलिस ने वीडियो लिंक सुना और फिर 24 मार्च को 12.08 मध्य रात्री को FIR दर्ज किया. ये FIR MIDC पुलिस थाने में दर्ज किया गया था. बाद में इसे खार पुलिस थाने में ट्रांसफ़र किया गया. कामरा ने जो कहा, उसे उसके Consequence के बारे में पता था.
- याचिकाकर्ता की ये दलील की किसी और ने गद्दार कहा तो कोई कार्रवाई नहीं हुई, बिल्कुल गलत है. ये इस देश का कानून नहीं कि उनके ख़िलाफ़ कार्रवाई नहीं हुई तो मेरे खिलाफ क्यों?
- बहन को लेकर गाली दी गयी है. ये कोई कॉमेडी नहीं है.
- कोर्ट ने पूछा कि कामरा की सिक्योरिटी की ज़िम्मेदारी लेंगे क्या?
- सरकारी वकील ने कहा कि अगर रिक्वेस्ट किया जाता है तो ज़रूर प्रोटेक्ट करेंगे.
- कोर्ट - क्या जहां कामरा रहता है, वहां जाकर बयान लिया जा सकता है?
- सरकारी वकील - ये गलत परिपाटी होगी.
- कोर्ट - जब हम परमिशन देंगे तो क्या दिक्कत है?
- कोर्ट - कामरा के वकील से - क्या वो कभी मुंबई नहीं आता?
- कामरा के वकील - कभी कभी आता है. अगर बयान दर्ज करने के लिए उसे चेन्नई आने की ज़रूरत है, तो वो आ जायेगा.
- कोर्ट - सरकारी वकील से - हम वहां की पुलिस से बयान दर्ज करने में सहयोग के लिए कह सकते हैं.
- कोर्ट - बयान दर्ज कीजिये, लेकिन गिरफ्तारी की अभी ज़रूरत नहीं है और ये पुलिस की तरफ़ जो नोटिस दी जा रही है, उससे भी यही लगता है कि आप गिरफ्तार नहीं करना चाहते हैं. चेन्नई जाकर बयान दर्ज करवाइए.
- सरकारी वकील - जी, अभी जो सबूत दिख रहे हैं, उसमें तो अरेस्ट नहीं करेंगे, लेकिन जांच के दौरान नए मटेरियल आते हैं तो गिरफ्तारी के लिए कोर्ट के पास आएंगे.
- कोर्ट - पुलिस ने 35(3) BNSS के तहत नोटिस दिया है, जिसमें गिरफ्तारी की ज़रूरत नहीं है.
- कोर्ट - FIR रद्द करने पर बॉम्बे हाइकोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रखा है और जब तक इस पर फैसला नहीं आता, तब तक कुणाल कामरा की गिरफ्तारी पर रोक रहेगी.