श्रीकृष्ण जन्मभूमि-शाही ईदगाह मस्जिद मामले में सुप्रीम कोर्ट में 7 नवंबर को होगी अगली सुनवाई

Krishna Janmabhoomi-Shahi Idgah Dispute: सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई में कहा था कि सारे केसों की एक साथ इलाहाबाद हाईकोर्ट में सुनवाई हो तो बेहतर होगा. सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाईकोर्ट से केस संबंधी ब्योरा मांगा था.

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Krishna Janmabhoomi-Shahi Idgah Dispute: सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के सारे केस अपने पास ट्रांसफर करने के आदेश के खिलाफ शाही ईदगाह कमेटी की याचिका पर सुनवाई की.(फाइल फोटो)
नई दिल्ली:

Shahi Idgah-Krishna Janmabhoomi Dispute: इलाहाबाद हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल ने मथुरा में श्री कृष्ण जन्मभूमि और शाही ईदगाह के बीच भूमि विवाद को लेकर सुप्रीम कोर्ट से बिना शर्त माफी मांगते हुए हलफनामा दाखिल किया है. इसमें बताया गया है कि मुकदमों का इलाहाबाद हाईकोर्ट में सुनवाई के लिए ट्रांसफर करने के मामले में सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के आदेश की अनुपालन में लापरवाही की जांच जारी है. प्रारंभिक जांच के बाद मामले में एक रजिस्ट्रार के खिलाफ समयबद्ध जांच के आदेश दिए गए हैं. हलफनामे में रजिस्ट्रार जनरल राजीव भारती ने लिखा है कि सुप्रीम कोर्ट आदेश के बाद हाईकोर्ट प्रशासन के संज्ञान में आते ही शुरुआती जांच की गई. फिर रजिस्ट्रार की निगरानी में भी जांच की जा रही है कि किसकी लापरवाही से सुप्रीम कोर्ट के 21 जुलाई और तीन अक्टूबर के आदेशों का अनुपालन नहीं हुआ.

इसकी रिपोर्ट आने पर जिम्मेदार अफसर के खिलाफ समुचित कार्रवाई की जाएगी .हलफनामे में ये भी कहा गया है कि मथुरा जिला अदालत में कुल 18 मुकदमे विभिन्न स्तर पर लंबित हैं. इसकी सूची भी हलफनामे के साथ दी गई है.

सुप्रीम कोर्ट को बताया गया है कि हाईकोर्ट चीफ जस्टिस ने इस मामले में जस्टिस मयंक कुमार जैन की बेंच का भी गठन किया है.इस बेंच ने याचिकाओं पर सुनवाई भी शुरु की है और अगली तारीख सात नवंबर है.

दरअसल, तीन अक्टूबर को सुप्रीम कोर्ट ने 30 अक्टूबर को हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार को केस रिकॉर्ड  पेश करने का आदेश दिया था और नाराजगी जताई थी.पिछली सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने केस का डिटेल हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार से मांगा था.कोर्ट ने पूछा था कि कितने केस दाखिल हैं ओर क्या स्टेटस है.

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सुप्रीम कोर्ट ने दिया संकेत, इलाहाबाद हाईकोर्ट में सुनवाई हो तो बेहतर
 सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई में कहा था कि सारे केसों की एक साथ इलाहाबाद हाईकोर्ट में सुनवाई हो तो बेहतर होगा. सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाईकोर्ट से केस संबंधी ब्योरा मांगा था. हाईकोर्ट रजिस्ट्रार  से पूछा था कि इस मामले में कौन- कौन सी याचिकां एक साथ जोड़ी जानी हैं. सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान संकेत दिया था कि इलाहाबाद हाईकोर्ट ही सारे मामले सुनेगा. जस्टिस संजय किशन कौल ने  टिप्पणी करते हुए कहा था कि बेहतर है कि ये मामला हाईकोर्ट ही सुने क्योंकि मामले में कई सारी याचिकाएं दाखिल हैं.

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ऐसे में सभी हितधारकों के लिए ये सही है कि हाईकोर्ट सारे मामलों को सुने. ये सभी के बड़े हित में है. इन मामलों पर किसी ना किसी को तो विवेक का इस्तेमाल करना है .इस तरह का मामलों का जितनी जल्दी निपटारा हो वो बेहतर होगा.

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शाही ईदगाह कमेटी की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने की सुनवाई
इलाहाबाद हाईकोर्ट के सारे केस अपने पास ट्रांसफर करने के आदेश के खिलाफ शाही ईदगाह कमेटी की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई कर रहा है. जस्टिस संजय किशन कौल और जस्टिस सुधांशु धूलिया की बेंच ने मथुरा की शाही  ईदगाह कमेटी की याचिका पर सुनवाई की थी. शाही ईदगाह कमेटी (मुस्लिम पक्ष) ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले पर सुप्रीम कोर्ट से रोक लगाने की मांग की है.

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इस मामले में हिन्दू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन पहले ही सुप्रीम कोर्ट में कैविएट याचिका दाखिल कर मांग कर चुके चुके है कि सुप्रीम कोर्ट इस मामले पर कोई आदेश पारित करने से पहले उनकी दलीलों को भी सुना जाए.

हाईकोर्ट का फैसला तथ्यों और कानून के आधार पर सही नहीं: शाही ईदगाह कमेटी
मथुरा की शाही ईदगाह मस्जिद समिति (Shahi Idgah Masjid Committee) ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल अपनी याचिका में इलाहाबाद हाई कोर्ट के 26 मई के आदेश पर रोक लगाने की मांग की है. ईदगाह कमेटी की याचिका में कहा गया है कि हाईकोर्ट का फैसला तथ्यों और कानून के आधार पर सही नहीं है. इतना ही नहीं हाईकोर्ट का फैसला, मुस्लिम पक्ष के अपील के वैधानिक अधिकार को खत्म कर देता है क्योंकि यह मुकदमे के दो अपीलीय चरणों को खत्म कर रहा है .

दरअसल 26 मई को, इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मथुरा की जिला जज की अदालत में चल रहे कृष्ण जन्मभूमि से संबंधित सभी याचिकाओं को खुद के पास सुनवाई के लिए ट्रांसफर कर लिया था.
 

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