कोलकाता लॉ स्टूडेंट गैंगरेप केस, CJI से स्वत: संज्ञान लेने की मांग

दक्षिण कलकत्ता लॉ कॉलेज की 24 वर्षीय पीड़िता के साथ 25 जून को संस्थान के दो वरिष्ठ छात्रों और एक पूर्व छात्र ने गार्ड रूम में कथित तौर पर बलात्कार किया था. पीड़िता की शिकायत के बाद पुलिस ने मुख्य आरोपी मनोजीत मिश्रा, प्रोमित मुखर्जी और जैद अहमद को गिरफ्तार किया.

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नई दिल्‍ली:

कोलकाता लॉ स्टूडेंट गैंगरेप का मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया है. इस मामले को सीजेआई से स्वत: संज्ञान लेने की मांग की गई है. सुप्रीम कोर्ट ने इस मांग को लेकर याचिका एक वकील ने भेजी है. याचिका में सीबीआई जांच के आदेश देने का आग्रह किया गया है. वकील सत्यम सिंह राजपूत ने 'संस्थागत विफलताओं की मजिस्ट्रेट जांच की मांग की, जिसके कारण अपराध हुआ और जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ उचित अनुशासनात्मक कार्रवाई की मांग की.'
 

वकील ने कहा है... 

  • मामले में छात्रा से गैंगरेप की तुरंत और निष्पक्ष जांच के आदेश दिए जाएं. 
  • मामले की जांच CBI को दी जाए और अदालत की निगरानी में एक निर्धारित समय सीमा में जांच पूरी हो. 
  • पीड़िता और उससे संबंधित व्यक्तियों को पूर्ण सुरक्षा दी जाए.  
  • पश्चिम बंगाल सरकार को राज्य के सभी शैक्षणिक संस्थानों में  सुरक्षा उपाय तुरंत लागू कहने को कहा जाए. 
  • राज्य सरकार को पीड़िता को ₹50 लाख की अंतरिम मुआवज़ा राशि देने को कहा जाए. 
  • TMC  नेताओं  कल्याण बनर्जी, मदन मित्रा एवं अन्य सार्वजनिक प्रतिनिधियों के खिलाफ उचित कानूनी कार्रवाई की जाए, जिन्होंने पीड़िता के खिलाफ बयान दिए हैं.

दक्षिण कलकत्ता लॉ कॉलेज की 24 वर्षीय पीड़िता के साथ 25 जून को संस्थान के दो वरिष्ठ छात्रों और एक पूर्व छात्र ने गार्ड रूम में कथित तौर पर बलात्कार किया था. पीड़िता की शिकायत के बाद पुलिस ने मुख्य आरोपी मनोजीत मिश्रा, प्रोमित मुखर्जी और जैद अहमद को गिरफ्तार किया. इस घटना को लेकर बढ़ते जन आक्रोश के बीच कोलकाता पुलिस ने मामले की जांच के लिए एक विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया है. 

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