मुझसे कोई उम्मीद ना रखें : ..जब कोलकाता के RG Kar अस्‍पताल की नई प्रिंसिपल ने खोया आपा

कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज की नई प्रिंसिपल सुहृता पाल प्रदर्शनकारी छात्रों के सामने गुस्‍सा हो गईं. उन्‍होंने कहा कि यदि आप मुझ पर विश्वास नहीं कर सकते हैं तो मुझसे कोई उम्मीद न करें.

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नई दिल्‍ली:

देशभर में कोलकाता के आरजी कर अस्‍पताल (RG Kar Hospital) में एक ट्रेनी डॉक्‍टर के साथ रेप और मर्डर का मामला छाया हुआ है. डॉक्‍टरों के विभिन्‍न संगठन हड़ताल और धरने-प्रदर्शन में जुटे हैं. इन सबके बीच आरजी कर मेडिकल कॉलेज की नई प्रिंसिपल सुहृता पाल आज अपना आपा खो बैठीं. प्रदर्शनकारी डॉक्टरों ने मांग की थी कि वह आधी रात को भीड़ के हमले को लेकर तत्‍काल कार्रवाई करे और छात्रों की मांगों को पूरा करें. इस पर पाल ने कहा, "यदि आप मुझ पर एक घंटे के लिए भरोसा नहीं कर सकते हैं तो मुझे भी घर भेज दें." 

सुहृता पाल का 'घर भेजने' का इशारा पूर्ववर्ती संदीप घोष की ओर था. घोष को हाई कोर्ट ने लंबी छुट्टी पर भेज दिया है. पाल को इस्‍तीफा देने के 12 घंटे से भी कम वक्‍त में नई पोस्टिंग दे दी गई थी, जिससे अदालत नाराज थी. 

आपको मुझे पर विश्‍वास करना होगा : सुहृता पाल 

सुहृता पाल ने कहा, "मुझे ऑफिशियल काम के लिए एक घंटे की जरूरत है. आपको मुझ पर विश्वास करना होगा, मैं कहीं नहीं जाऊंगी. आपको मुझ पर विश्वास करना होगा. यदि आप मुझ पर विश्वास नहीं कर सकते हैं तो मुझसे कोई उम्मीद ना रखें."

सुहृता पाल राज्य सरकार के स्वास्थ्य विभाग में थीं. उन्‍हें संदीप घोष के इस्तीफा देने के बाद इस पद पर नियुक्त किया गया. संदीप घोष ने जिस दिन आरजी कर से इस्तीफा दिया, उसी दिन उन्हें शहर के नेशनल मेडिकल कॉलेज और अस्‍पताल का प्रिंसिपल नियुक्‍त किया गया था. सरकारी नोटिफिकेशन में कहा गया कि दोनों नियुक्तियां तत्काल प्रभाव से लागू होंगी. 

हाई कोर्ट ने लंबी छुट्टी पर जाने का दिया था आदेश 

घोष की नई पोस्टिंग की घोषणा होने के बाद ही छात्रों ने विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया था. छात्रों और जूनियर डॉक्टरों ने सोमवार शाम को प्रिंसिपल के कमरे को बाहर से बंद कर दिया था. मंगलवार सुबह मेडिकल छात्र और जूनियर डॉक्टर उसी कमरे के सामने एकत्र हुए ताकि घोष अंदर न जा सकें. इसके एक दिन बाद हाई कोर्ट ने उन्हें लंबी छुट्टी पर जाने का आदेश दे दिया.

31 साल की डॉक्‍टर के रेप और हत्‍या मामले ने देश को झकझोर कर रख दिया. इस मामले को अदालत ने सीबीआई को सौंप दिया. इसके बावजूद छात्रों का विरोध प्रदर्शन जारी रहा. 

आधी रात में अस्‍पताल को भीड़ ने बनाया निशाना 

14 अगस्त को शहर में जैसे ही आधी रात को विरोध प्रदर्शन शुरू हुआ, आरजी कर अस्पताल को अज्ञात लोगों की भीड़ ने निशाना बनाया और इमरजेंसी विभाग में जमकर तोड़फोड़ की. अस्‍पताल में लोगों ने वाहनों पर हमला किया गया और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाया. स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज किया और आंसू गैस के गोले दागे थे. इस दौरान 15 पुलिसकर्मी घायल हो गए. 

इसे लेकर छात्रों ने अस्पताल प्रशासन पर एक बार फिर सुरक्षा मुहैया कराने में नाकाम रहने का आरोप लगाया है. 

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