श्रीराम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा का अनुष्ठान शनिवार को पांचवें दिन सुबह नौ बजे से शुरू हुआ. शनिवार को पूजा अनुष्ठान शाम तक चला. प्राण प्रतिष्ठा का अनुष्ठान 16 जनवरी को दोपहर बाद सरयू नदी से प्रारम्भ हुआ था, जिसके बाद 17 जनवरी को श्रीरामलला की मूर्ति का मंदिर परिसर में आगमन हुआ था.
प्राण प्रतिष्ठा के अनुष्ठान में श्रीरामलला के विग्रह के अधिवास के साथ शनिवार को मुख्यतः वास्तुपूजा हुई. इस पूजा में श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र की तरफ से अनिल मिश्र सपरिवार और विश्व हिन्दू परिषद के कार्याध्यक्ष आलोक एवं अन्य लोगों ने पूजा की.
प्राण प्रतिष्ठा के लिए श्रीरामलला की मुख्य प्रतिमा गर्भ गृह में विराजमान है और विविध अधिवास में है. आज श्रीरामलला के विग्रह को पहले शर्करा अधिवास और फलाधिवास में रखा गया. इसके बाद 81 कलशों में एकत्रित विविध औषधियुक्त जल से स्नान कराया गया. फिर विग्रह को पुष्पाधिवास में रखकर अधिवास प्रक्रिया पूरी हुई.
रविवार 21 जनवरी को भी विग्रह के अधिवास की प्रक्रिया जारी रहेगी. श्रीरामलला का पुराना विग्रह अभी पूर्ववत् विद्यमान है. उचित समय पर उसे पूरे धार्मिक विधि विधान के साथ मंदिर में विराजमान किया जाएगा.
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