आतंकी संगठन हिज्ब-उत-तहरीर (HUT) ने भारत में सुरक्षा एजेंसियों की चिंताओं को बढ़ा दिया है. सुरक्षा एजेंसियों के अनुसार बीते कुछ समय में ये एक बड़े आतंकी संगठन की तरह अपनी पहुंच को लगातार बढ़ा रहा है. ये आतंकी संगठन सिर्फ भारत में ही नहीं बल्कि कई पश्चिमी देशों में भी सक्रिय है. भारत ने भी इस संगठन पर पाबंदी लगाया है. बताया जाता है कि भारत में ये संगठन अभी तक चार राज्यों में सक्रिय है.
इस्लामिक राष्ट्र बनाना चाहता है ये गुट
कहा जाता है कि इस गुट का मकदस चरमपंथी विचारधारा को और ज्यादा बढ़ावा देना है. जिसका उद्देश्य हिंसक गतिविधियों के माध्यम से भारत में शरिया आधारित इस्लामी राष्ट्र का निर्माण करना है. इस आतंकी संगठन का स्लीपर सेल तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और मध्य प्रदेश में भी पाया गया था. ये आतंकी संगठन भोले भाले लोगों को खास तौर पर टारगेट करता है. ऐसे लोगों को धर्म के आधार पर दूसरे धर्म के प्रति उकसाया जाता है. और कहा जाता है कि अगर आप हमारे साथ हैं तो हम आपके लिए कुछ भी करेंगे. भोले भाले लोगों को पैसे का लोभ भी दिया जाता है. यह आतंकी संगठन चाहता है कि वह भारत में लोकतांत्रिक रूप से चुनी गई सरकार को हटाकर वह भारत समेत पूरी दुनिया में इस्लाम राज्य की स्थापना करे.
अलग-अलग राज्यों में पैर पसारने की तैयारी में है यह आतंकी संगठन
सूत्रों के अनुसार अभी ये आतंकी संगठन भले ही देश के चार राज्यों तक ही सीमित दिख रहा है लेकिन इंटेल तो ऐसी भी है कि ये दूसरे राज्यों तक भी अपने स्लीपर सेल बनाने की तैयारी कर रहा है. अगर ऐसा हुआ तो इससे कहीं ना कहीं भारतीय सुरक्षा जांच एजेंसियों की समस्या और बढ़ेगी.
विभिन्न सोशल प्लटफॉर्म के जरिए अपनी ताकत बढ़ाने में जुटा है ये गुट
सूत्रों के अनुसार ये आतंकी संगठन भारत में अलग-अलग सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल कर लोगों तक ना सिर्फ अपनी पैठ बढ़ा रहा है बल्कि उन्हें इस आतंकी संघटन को ज्वाइन करने के लिए भी प्रेरित कर रहा है. इस आतंकी संगठन ने युवाओं और खासकर बेरोजगारों को अपना निशाना बना रहे हैं.
1953 में हुई थी हिज्ब-उत-तहरीर की स्थापना
हिज्ब-उत-तहरीर की स्थापना 1953 में यरुशलम में की गई थी. इसकी फिलिस्तीनी शाखा में सैकड़ों सदस्य हैं.ये एक ऐसा आतंकी संगठन है जिसे मध्य एशिया और पश्चिमी यूरोप में ज्यादा समर्थन हासिल होता दिख रहा है. इस आतंकी संगठन की विचारधारा इस्लामिक कट्टरता पर आधारित है. यह लोकतांत्रिक व्यवस्थाओं को अस्वीकार करता है. साथ ही ये एक एकीकृत इस्लामिक राज्य की स्थापना पर जोर देता है. इस आतंकी संगठन का दावा है कि ये गैर-हिंसात्मक से काम करता है. लेकिन ये बातें सिर्फ कहने भर ही सीमित दिखती है क्योंकि इसके समर्थक कई बार सरकार विरोधी और हिसंक गतिविधियों में शामिल पाए गए हैं.