समंदर की जिस चट्टान पर मोदी करेंगे ध्यान, वहां 134 साल पहले तैरकर पहुंचे थे विवेकानंद

यह पहली बार नहीं है जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लोक सभा चुनाव प्रचार अभियान समाप्त कर इस तरह के महत्वपूर्ण स्थान का दौरा कर रहे हैं.

Advertisement
Read Time: 4 mins
नई दिल्ली:

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक जून को अंतिम चरण के मतदान से ठीक पहले तमिलनाडु के कन्याकुमारी में विवेकानंद मेमोरियल पर चौबीस घंटे ध्यान करेंगे. करीब तीन महीने चले चुनावी अभियान के समापन पर प्रधानमंत्री मोदी का यह ध्यान विकसित भारत के संकल्प को लेकर होगा. प्रधानमंत्री मोदी 30 मई को पंजाब के होशियारपुर में अपने मौजूदा लोक सभा प्रचार अभियान की आखिरी चुनावी सभा को संबोधित करने के बाद तमिलनाडु रवाना हो जाएंगे. 

Advertisement

वे 30 मई से एक जून तक कन्याकुमारी के दौरे पर रहेंगे. वे कन्याकुमारी में विवेकानंद रॉक मेमोरियल जाएंगे. वहां 30 मई की शाम से एक जून की शाम तक ध्यान मंडपम में ध्यान करेंगे. यह वही स्थान है जहां स्वामी विवेकानंद ने पूरे देश का भ्रमण करने के बाद तीन दिनों तक ध्यान किया था और विकसित भारत का सपना देखा था. 

बेहद खास है यह जगह 
कन्याकुमारी का विवेकानंद रॉक मेमोरियल बेहद खास जगह है. पूरे देश का भ्रमण करने के बाद स्वामी विवेकानंद कन्याकुमारी पहुंचे थे. अपने भारत दर्शन में उन्होंने आम लोगों की तकलीफ, दर्द, गरीबी, आत्म सम्मान और शिक्षा की कमी को नजदीक से देखा था. वे 24 दिसंबर 1892 को कन्याकुमारी पहुंचे थे और समुद्र तट से करीब 500 मीटर दूर इस चट्टान पर तैर कर पहुंचे. 25 से 27 दिसंबर तक यानी तीन दिनों तक वे इस चट्टान पर ध्यान करते रहे. उनके ध्यान का केंद्र भारत का भूत, वर्तमान और भविष्य था. यहीं उन्होंने एक भारत और विकसित भारत का सपना देखा. 

Advertisement

कहा जाता है कि जैसे सारनाथ भगवान गौतम बुद्ध के जीवन में विशेष स्थान रखता है क्योंकि वहां उन्हें बोध या ज्ञान प्राप्त हुआ था, ठीक वैसे ही यह चट्टान भी स्वामी विवेकानंद के लिए बेहद खास है क्योंकि यहां उन्होंने भारत के गौरवशाली अतीत का स्मरण करते हुए एक भारत और विकसित भारत का सपना देखा. यहीं उन्हें भारत माता के दर्शन हुए. यहीं उन्होंने अपने बाकी बचे जीवन को भारत के गरीबों को समर्पित करने का निर्णय किया था. उसी स्थान पर ध्यान करना स्वामी जी के विकसित भारत के दृष्टिकोण को जीवन में लाने और उसके माध्यम से देशवासियों के उत्थान के लिए पीएम मोदी की प्रतिबद्धता को दर्शाता है. 

Advertisement

विवेकानंद शिला पर विवेकानंद स्मारक बनाने के लिए लंबा संघर्ष चला था और इसमें एकनाथ रानाडे ने बड़ी भूमिका निभाई थी. इस चटटान का पौराणिक महत्व भी है. कहा जाता है कि यहां देवी पार्वती एक पैर पर बैठ कर भगवान शिव की प्रतीक्षा करती रहीं. 

Advertisement

कन्याकुमारी का महत्व 
यह भारत का सबसे दक्षिणी छोर है. इसके अलावा, यह वह स्थान है जहाँ भारत की पूर्वी और पश्चिमी तटरेखाएँ मिलती हैं. यह हिंद महासागर, बंगाल की खाड़ी और अरब सागर का मिलन बिंदु भी है. पीएम मोदी कन्याकुमारी जाकर राष्ट्रीय एकता का संकेत दे रहे हैं. हालांकि तमिलनाडु में चुनाव समाप्त हो चुके हैं. लेकिन पीएम मोदी का यह दौरा बताता है कि वे राजनीति से ऊपर उठ कर विकसित भारत के अपने संकल्प को पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध हैं. साथ ही यह भी कि तमिलनाडु पर उनका फोकस चुनाव के बाद भी जारी रहेगा. 

Advertisement

चुनाव समापन से पहले यात्राएं 
यह पहली बार नहीं है जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लोक सभा चुनाव प्रचार अभियान समाप्त कर इस तरह के महत्वपूर्ण स्थान का दौरा कर रहे हैं.  2019 में उन्होंने अंतिम चरण के मतदान से ठीक पहले केदारनाथ का दौरा किया था. वे केदारनाथ मंदिर से करीब एक किलोमीटर दूर रूद्र गुफा में ध्यान करने गए थे. गुफा में ध्यान करते हुए उनकी तस्वीरें बेहद प्रचारित हुईं थीं और उसके बाद ये गुफा धार्मिक पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र बन चुकी है. इसी तरह 2014 में भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने छत्रपति शिवाजी महाराज के प्रतापगढ़ का दौरा किया था.  

Featured Video Of The Day
Delhi Weather Update: कोई डूबा, कोई फंसा, कोई तैरा... दिल्ली पर आज क्या-क्या गुजरी?
Topics mentioned in this article