कोरोना नियंत्रण को लेकर तारीफ पाने वाली केके शैलजा को नहीं मिली केरल की नई कैबिनेट में जगह : सूत्र

पिछले साल सितंबर माह में ब्रिटेन की मैगजीन ने शैलजा टीचर को 'टॉप थिंकर ऑफ इ ईयर 2020' के तौर पर चुना था.

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KK Shailaja को 'शैलजा टीचर' के नाम से भी जाना जाता है
तिरुवनंतपुरम:

कोरोना महामारी के दौरान केरल के स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री के तौर पर अपनी काम को लेकर सराहना हासिल करने वाली केके शैलजा (KK Shailaja) को लेफ्ट डेमोक्रेटिक फ्रंट (LDF) की नई कैबिनेट में स्‍थान नहीं मिला है. सूत्रों ने यह जानकारी दी. 64 साल की पूर्व मंत्री केके शैलजा को 'शैलजा टीचर' के नाम से भी जाना जाता है. केरल में हाल में हुए विधानसभा चुनावों में शैलजा ने बड़े अंतर से जीत हासिल की है और LDF गठबंधन की सरकार मे वापसी हुई  है.

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केरल में दशकों से बारी-बारी LDF और UDF गठबंधन के सत्‍ता में आने की परंपरा सी रही है लेकिन इस बार LDF के सत्‍ता में आने के साथ ही इस सिलसिला टूट गया. शैलजा ने कन्‍नूर जिले की अपनी विधानसभा सीट पर 60 हजार से ज्‍यादा वोटों से जीत हासिल की है.  कोरोना वायरस की पहली लहर के दौरान स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री के तौर पर शैलजा ने स्थिति को जिस तरहह से नियंत्रित किया था, उसके लिए उन्‍हें काफी प्रशंसा हासिल हुई थी. इससे पहले निपाह वायरस संकट के खिलाफ उनके 'प्रबंधन' को भी सराहा गया था. पिछले साल सितंबर माह में ब्रिटेन की मैगजीन ने शैलजा टीचर को 'टॉप थिंकर ऑफ इ ईयर 2020' के तौर पर चुना था.

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