- किश्तवाड़ के चशोती गांव में बादल फटने से आई बाढ़ में अब तक साठ लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है.
- पीड़ित परिवारों का आरोप है कि नेताओं के फोटो खिंचवाने के कारण रेस्क्यू ऑपरेशन बार-बार बाधित हो रहा है.
- तीन दिन से राहत कार्य में सिर्फ दो जेसीबी मशीनें काम कर रही हैं जबकि कुल 20 जेसीबी उपलब्ध हैं.
जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ ज़िले के चशोती गांव इन दिनों बहुत ही (Kishwar Cloud Burst) दुख में है. बुधवार को बादल फटने से अचानक आई बाढ़ में न जाने कितने लोग कीचड़ में दफन हो गए. कई तो बाढ़ में बह गए. अब तक 60 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है. कई लोग लापता हैं. जिसकी तलाश की जा रही है. बहुत से लोगों के शव अब तक मिले नहीं है. रोते-बिलखते परिवार बेसब्री से अपनों की लाशों का इंतजार कर रहे हैं. पिछले तीन दिनों से ये लोग गांव में ही डंटे हुए हैं. ये लोग बुरी तरह हताश और निराश हो चुके हैं. क्यों कि रेस्क्यू ऑपरेशन चलने के बाद भी इके अपनों के शव इनको मिल नहीं सके हैं. वजह है बार-बार रेस्क्यू का काम रोक दिया जाना. इनका गुस्सा सीएम उमर अब्दुल्ला के सामने भी फूट पड़ा.
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धीमे रेस्क्यू ऑपरेशन पर फूटा पीड़ित परिजनों का गुस्सा
पीड़ित परिवारों का धैर्य अब जवाब देने लगा है. उनका दुख गुस्से में बदलता जा रहा है. जम्मू का एक शख्स अपने एक दर्जन से ज़्यादा रिश्तेदारों के शवों का इंतज़ार कर रहा है. उसका आरोप है कि बचाव स्थल नेताओं के लिए फ़ोटो खिंचवाने का अड्डा बन गया है, इससे राहत कार्य में रुकावट पैदा हो रही है.
'नेता फोटो खिंचवाने के लिए काम रुकवा दते हैं'
उन्होंने एनडीटीवी से अपना दर्द साझा करते हुए कहा," यहां पर 20 जेसीबी हैं, लेकिन सिर्फ दो ही काम कर रही हैं, बाकी नहीं. मंत्री और विधायक यहां आते हैं और पुलिस और सेना को अपना काम नहीं करने दे रहे. तीन दिन हो चुके हैं, सिर्फ़ दो पत्थर ही हटाए गए हैं. उन्होंने गुस्से में कहा कि क्या यही काम है? जब भी मंत्री आते हैं, जेसीबी बंद करवा देते हैं. क्या हमारे परिवार नहीं हैं?" वहीं दूसरे शख्स ने कहा, "हमारे छोटे-छोटे बच्चे लापता हैं."
जम्मू के शख्स ने अपील करते हुए कहा, "अगर ज़िंदा नहीं हैं, तो हमें लाश दे दो. विधायक अपने साथ 10 और लोगों को ला रहे हैं. वे लोग फोटो खिंचवाने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन रोक रहे हैं."
'प्लीज हमारे परिजनों के शव दे दीजिए'
ये लोग एनडीटीवी के कैमरे पर अपना दर्द बता ही रहे थे कि इस दौरान मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला वहां पहुंच गए. उन्होंने पूछा क्या हुआ है मुझे बताओ. इस दौरान पीड़ित शख्स ने कहा, " हम तीन दिन से इंतजार कर रहे हैं. प्लीज हमारे परिजनों के शव हमें दे दीजिए. हर नेता यहां आकर फोटो खिंचवाने के लिए काम रुकवा देता है." इस पर सीएम ने कहा कि हम सबकुछ कर रहे हैं. हम इसीलिए यहां आए हैं कि रेस्क्यू अच्छी तरह हो सके.
सीएम अब्दला ने उसे भरोसा देने की कोशिश की. इस दौरान उसने कहा, "सर, मेरी सुनो. पुलिस और सेना काम कर रही है हर विधायक एक मंत्री को दस बार बुला रहा है और कह रहा है कि 'जेसीबी रोको और हमारी तस्वीरें खींचो. क्या हर जगह तस्वीरों की ज़रूरत होती है? हम लाचार और चिंतित हैं."
जम्मू के13 लोग लापता, फूटा परिवार का गुस्सा
उसने मुख्यमंत्री को बताया कि उनके परिवार के 13 सदस्य लापता हैं, जिनमें उनकी मां और उनकी मौसी भी शामिल हैं. एक अन्य व्यक्ति ने बताया कि गुरुवार को बादल फटने के बाद से उनकी पत्नी, दो बच्चे और दो अन्य रिश्तेदार भी लापता हैं. उन्होंने कहा कि मंदिर में डीजे चल रहा था इसीलिए आते सैलाब की आवाज सुनाई ही नहीं दी. कुछ सेकेंड में सबकुछ तबाह हो गया. उन्होंने कहा कि एक जेसीबी आपके आने के बाद शुरू हुई है. कल से सिर्फ़ दो जेसीबी ही काम कर रही हैं. कुछ नहीं चाहिए, बस हमें शव दे दीजिए. उसने गुस्से में कहा कि अगर यह किसी विधायक या मंत्री के साथ या आपके साथ हुआ होता, तो कार्रवाई तेज़ी से होती."
शनिवार सुबह किश्तवाड़ पहुंचे सीएम अब्दुल्ला ने बचाव और राहत कार्यों का जायजा लेते हुए एनडीटीवी से कहा कि शवों को निकालने के लिए हर संभव प्रयास किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि कम से कम 80 लोग अभी भी लापता हैं.