किसान आंदोलन : कुमारस्वामी ने संतुलन साधते हुए कृषि कानूनों पर पेश किया समाधान

जेडीएस नेता और कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी ने ट्वीट कर कहा कि आंदोलन से ऐसी धारणा बन रही है कि भारत में मुश्किलें बढ़ रही हैं

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कुमारस्वामी ने किसानों के आंदोलन को खत्म करने के लिए "निर्णायक बैठक" बुलाने की मांग रखी
नई दिल्ली:

कर्नाटक (Karnataka) के पूर्व मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी (HD Kumaraswamy) ने केंद्र के कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के आंदोलन (Farmers Protest) को खत्म करने के लिए बेहद संतुलित समाधान पेश किया है. जेडीएस नेता और कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी ने ट्वीट कर कहा कि आंदोलन से ऐसी धारणा बन रही है कि भारत में अंसतोष बढ़ रहा है.एक तरफ उन्होंने मोदी सरकार (Modi government) से समस्या का जल्द से जल्द समाधान करके भारत की अंतरराष्ट्रीय प्रतिष्ठा को महफूज करने की मांग की है. साथ ही जेडीएस (JDS)  नेता ने किसानों से रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के उस सुझाव को मानने की सलाह दी है, जिसमें नए कृषि कानूनों को कम से कम एक साल मानने को कहा गया था.  

किसानों ने सरकार के बातचीत के प्रस्ताव को शनिवार को स्वीकार कर लिया है. किसान संगठनों ने सरकार को 29 दिसंबर को सुबह 11 बजे बैठक का प्रस्ताव दिया है. किसानों की मांग है कि सरकार के साथ होने वाली बैठक में तीनों कृषि क़ानूनों को रद्द करने और न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) को क़ानूनी दर्जा देने पर बात की जाए. इसके साथ ही पराली से जुड़े कानून और विद्युत संशोधन बिल को लेकर भी चर्चा हो. संयुक्त किसान मोर्चा ने इस संबंध में सरकार को प्रस्ताव भेजा है. 

गौरतलब है कि पंजाब (Punjab) , हरियाणा (Haryana) और अन्य राज्यों के किसान दिल्ली की सीमाओं पर नए कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे हैं. किसानों को आशंका है कि नए कानूनों से खेती कारपोरेट घरानों के हाथों में चली जाएगी. साथ ही न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की व्यवस्था खत्म हो जाएगी. केंद्र सरकार के मंत्रियों और किसानों के बीच कई दौर की वार्ता हो चुकी है, लेकिन अभी तक कोई समाधान नहीं निकल पाया है.

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