Kisan Aandolan: कृषि कानूनों (Farm laws) के खिलाफ किसानों का आंदोलन (Kisan Aandolan)वक्त के साथ तेज होता जा रहा है. प्रदर्शनकारी किसानों की सरकार के साथ बातचीत अब तक समाधान तक नहीं पहुंच पाई है. सरकार और आंदोलनकारी किसानों के बीच अब तक 10 से अधिक राउंड की बातचीत हो चुकी है लेकिन कोई सर्वसम्मत राय नहीं बन पाई है. जहां किसान तीनों कृषि कानूनों को पूरी तरह से खत्म करने पर अड़े हैं जबकि सरकार का जोर कानून में सुधारों पर है. आंदोलनकारी किसान अपने इस आंदोलन के अंतर्गत आज रेल रोको आंदोलन (Rail Roko Andolan) कर रहे हैं. किसान नेता राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) ने किसान को सख्त शब्दों में कहा है कि मांगों को माने जाने तक हम हटने को तैयार नहीं हैं.
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हरियाणा के खरक पूनिया में राकेश टिकैत ने कहा, ''सरकार को इस मुगालते में नहीं रहना चाहिए कि किसान अपनी फसल की कटाई के लिए वापस लौट जाएंगे. यदि इसके लिए जोर दिया गया तो वे अपनी फसल को जला देंगे.'' किसान नेता टिकैत ने कहा, 'उन्हें (आशय सरकार से है) यह नहीं समझना चाहिए कि प्रदर्शन दो माह में खत्म हो जाएगा. हम फसल काटने के साथ विरोध भी करते रहेंगे.'
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गौरतलब है कि किसानों के रेल रोको आंदोलन के मद्देनजर आज देशभर में सुरक्षा के इंतजाम किए गए हैं. रेलवे ने पंजाब, हरियाणा, यूपी, पश्चिम बंगाल पर ध्यान केंद्रित करने के साथ ही रेलवे सुरक्षाबलों की 20 अतिरिक्त कंपनियां तैनात की हैं. भारतीय किसान यूनियन का कहना है कि आंदोलन को शांतिपूर्ण रखा जाएगा लेकिन इसके बावजूद पुलिस अपनी ओर से हरसंभव सावधानी बरत रही है.देश के कई राज्यों में पुलिस अलर्ट है. कई संवेदनशील जिलों में स्टेशनों के बाहर पुलिसकर्मियों की बड़ी संख्या में तैनाती की गई है.
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