राज्यसभा सदस्य किरोड़ी लाल मीणा ने राजस्थान शिक्षक पात्रता परीक्षा 2021 रीट के पेपर लीक मामले में राज्य की कांग्रेस सरकार के एक कैबिनेट मंत्री और मुख्यमंत्री कार्यालय के एक वरिष्ठ नौकरशाह के शामिल होने का आरोप लगाते हुए मामले की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो से करवाने की मांग की है. मीणा ने बिना किसी का नाम लिये कहा कि वह पहले ही कह चुके हैं कि पेपर शिक्षा संकुल से ही लीक हुआ था, जिसे पुलिस की विशेष शाखा (एसओजी) ने स्वीकार किया था.
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उन्होंने कहा कि पेपर की छपाई का टेंडर कोलकाता के एक प्रकाशक को दिया गया जो कैबिनेट मंत्री के परिचित है. पेपर लीक के बाद वसूले गए रिश्वत के धन को प्रकाशक, कैबि.आयोजित की जानी चाहिए. उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि एसओजी निरीक्षक मोहन पोसवाल और कांस्टेबल नाथ ने कई निर्दोष लोगों को गिरफ्तार किया है और असली दोषियों को गिरफ्तार नहीं किया है.
इस बीच राजस्थान बेरोजगार संघ के अध्यक्ष उपेन यादव ने भी मामले की सीबीआई जांच की मांग करते हुये रिक्त पदों की संख्या बढ़ाने के लिये भी कहा. उन्होंने कहा कि पेपर लीक के मामलों को गैर जमानती अपराध बनाने के लिये राज्य सरकार को राजस्थान विधानसभा के आगामी सत्र में एक संशोधन विधेयक लेकर आना चाहिए.
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वहीं भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनियां ने मामले में पूर्व शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि डोटासरा ने राजस्थान लोक सेवा आयोग को रिश्तेदार लोक सेवा आयोग में बदल दिया. पूनियां ने पारदर्शी जांच के लिये मामले को सीबीआई को सौंपने की भी मांग की.
पेपर लीक मामले में एसओजी ने अब तक 35 लोगों को गिरफ्तार किया है. राजस्थान सरकार की ओर से 26 सितंबर को आयोजित की गई राजस्थान शिक्षक पात्रता परीक्षा (रीट) 2021 के दौरान संदिग्ध गतिविधियों और अनियमितताओं में शामिल राजस्थान प्रशासनिक सेवा के एक अधिकारी और राजस्थान पुलिस सेवा के दो अधिकारियों, शिक्षा विभाग के 13 कर्मियों और तीन अन्य पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया था.
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