देश के मामले में तो सीरियस होना चाहिए... लीडर ऑफ अपोजिशन को : राहुल गांधी पर भड़के किरेन रिजिजू

संसद के बजट सत्र के तीसरे दिन सोमवार को राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा हुई. लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा के दौरान कहा कि राष्ट्रपति के अभिभाषण में कुछ भी नया नहीं था.

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बजट सत्र के तीसरे दिन आज से राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा
नई दिल्‍ली:

बजट सत्र में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर हो रही चर्चा के दौरान लीडर ऑफ अपोजिशन राहुल गांधी ने मोदी सरकार को घेरने की कोशिश की, लेकिन इस दौरान वह फिर विवादित बयान देकर सरकार के निशाने पर आ गए. इसके बाद केंद्रीय मंत्री किरण रिजिजू ने आपत्ति जताते हुए कहा कि देश विदेश नीति पर कैसे ये सवाल उठाया जा सकता है. लीडर ऑफ अपोजिशन ने जो कहा है, उससे देश की एकता पर सवाल उठता है. कम से कम विदेशी मुद्दों पर तो हमें एक रहना चाहिए.

राहुल गांधी ने कहा, 'दुनिया में तेजी से बदलाव हो रहे हैं और हमें उससे कदम से कदम मिलाने पढ़ेंगे. लेकिन दुनियाभर में हो रहे इन बदलावों को लेकर हमारी सरकार जागरुक नहीं है. हमें अपने छात्रों को स्‍कलों में ही बैट्री और इंजन की पढ़ाई करानी चाहिए. इस दिशा में चीन पिछले 10 साल से काम कर रहा है, इसलिए वो आज हमसें 10 साल आगे हैं. हमारे पास बचत और उपभोग का भी डेटा नहीं है. फिर हमें आर्टिफिशल इंटेलिजेंटस (AI) में आगे कैसे बढ़ेंगे?' 

राहुल गांधी और किरेन रिजिजू के बीच हुए ये सवाल-जवाब

  • भारतीय विदेश मंत्री के अमेरिकी दौरे को लेकर राहुल गांधी ने कहा, 'हम प्रोडक्‍शन में बहुत पीछे हैं, इसी का परिणाम है कि हम अपने प्रधानमंत्री को बुलाने का न्योता लाने अमेरिका नहीं भेजते. अमेरिका के राष्‍ट्रपति यहां हमारे प्रधानमंत्री को बुलाने खुद आते.' 
  • राहुल गांधी के इतने कहने पर किरेन रिजिजू ने आपत्ति जताई और कहा कि लीडर ऑफ अपोजिशन को कुछ जिम्‍मेदारी से अपनी बात कहनी चाहिए. विपक्ष के नेता को इस तरह की बयानबाजी नहीं करनी चाहिए. यह गंभीर विषय पर चर्चा चल रही है. राहुल गांधी के पास अगर इसके बारे में कोई ठोस जानकारी है, तो उसे सामने रखें. 
  • इस पर राहुल गांधी ने कहा कि विदेश मंत्री एस. जयशंकर को तीन बार अमेरिका भेजा गया. इस सवाल से अगर आप परेशान हुए, तो मैं माफी चाहता हूं. मुझे माफ कीजिएगा.  

राहुल गांधी ने लोकसभा में कहा, 'हम बेरोजगारी की समस्या को सुलझा नहीं पाए हैं, ना तो संप्रग सरकार बेरोजगारी को लेकर युवाओं को कोई मार्ग दिखा पाई और ना ही मौजूदा सरकार कुछ कर पाई। मेरी इस बात से प्रधानमंत्री भी सहमत होंगे. लोग एआई के बारे में बात करते हैं, लेकिन यह समझना महत्वपूर्ण है कि एआई अपने आप में बिल्कुल निरर्थक है क्योंकि एआई डेटा के ऊपर काम करता है। डेटा के बिना एआई का मतलब कुछ भी नहीं है और अगर हम आज डेटा को देखते हैं, तो एक बात है जो बहुत स्पष्ट है। प्रत्येक डेटा का एक टुकड़ा जो विश्व में उत्पादन प्रणाली से बाहर आता है। इस डेटा का फोन को बनाने के लिए इस्तेमाल किया गया, जो कि इलेक्ट्रिक कारों को बनाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है.' 

लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने कहा, 'मुझे याद है कि चुनाव से पहले आप सभी (भाजपा) '400 पार' कह रहे थे और कह रहे थे कि आप इसे (संविधान का हवाला देते हुए) बदल देंगे। फिर मुझे यह देखकर खुशी हुई कि प्रधानमंत्री अंदर आए और फिर उन्हें संविधान के सामने अपना सिर झुकाने के लिए मजबूर होना पड़ा। यह सभी कांग्रेसियों के लिए गर्व का क्षण था। मुझे पता है कि आरएसएस ने इसे कभी स्वीकार नहीं किया। मोहन भागवत ने कहा है कि भारत को 1947 में आजादी नहीं मिली। उन्होंने कहा है कि यह निरर्थक है। हम आपके सपने को कभी पूरा नहीं होने देंगे। यह संविधान हमेशा भारत पर राज करने वाला है.'

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