अमेरिका की तरफ़ से कहा गया है कि उसे हानिऐह पर हमले की न तो कोई जानकारी थी और न ही वह इसमें शामिल है. अमेरिका के विदेश मंत्री की तरफ़ से ये बयान तब आया है आरोप ये लगाए जा रहे हैं कि हमास के राजनीतिक प्रमुख इस्माइल हानिया की हत्या में अमेरिका भी शामिल है. हानिया के मारे जाने के बाद ईरान के साथ साथ तुर्कीए ने बहुत ही कड़ी प्रतिक्रिया दी है. ईरान के सुप्रीम लीडर ने कहा है कि क्योंकि ये हमला ईरान की ज़मीन पर किया गया है इसलिए इसका बदला लेना ईरान की ज़िम्मेदारी है.
क्या ईरान लेगा बदला?
रिवोल्यूशनली गार्ड भी कह चुका है कि ईरान इस अपराध का बहुत ही कठोर और दुखदायी जवाब देगा. वहीं क़तर और रूस जैसे देश में भी इसे राजनीतिक हत्या क़रार दिया है. तुर्कीए के राष्ट्रपति ने इसे बहुत ही घिनौना कृत्य करार दिया है और कहा है कि तुर्कीए फिलिस्तीनियों के हक़ के लिए कुछ भी करेगा और इज़राइल अपने इस तरह के आपराधिक तौर तरीक़े से अपना मक़सद हासिल नहीं कर पाएगा.
क्या इज़रायल में होगी तुर्कीए की एंट्री?
तुर्कीए के राष्ट्रपति ने तीन दिन पहले ही धमकी दी थी कि वह फिलिस्तीनियों की मदद के लिए इज़राइल में घुस सकता है. इसके जवाब में इज़राइल की तरफ से कहा गया कि एर्दोआन इराक के पूर्व राष्ट्रपति सद्दाम हुसैन के नक़्शे क़दम पर चल रहे हैं और उनका हाल भी सद्दाम हुसैन जैसा ही होगा जिन्हें फ़ांसी पर लटका का मारा गया.
लेकिन इज़राइल के पीएम किसी की धमकी या चेतावनी में नहीं आ रहे. गोलान हाइट्स इलाक़े में हमला हुआ तो हिज्बुल्लाह के टॉप कमांडर फौद शुक्र को इज़राइल ने बेरूत में मार गिया. एक तरफ हमास के ज़मीनी लड़ाकों को ग़ाज़ा में ख़त्म करने की कोशिश कर रहा है तो दूसरी तरफ़ हमास और हिज्बुल्लाह के टॉप कमांडरों को निशाना बना रहा है.
हूती ने तेल अवीव पर ड्रोन हमला किया तो इज़राइल ने 2000 किलोमीटर दूर यमन में हूती के ठिकानों पर हवाई हमला किया. घात-प्रतिघात का ये सिलसिला बहुत ऊपरी स्तर पर जा पहुंचा है और ऐसे में ईरान या तुर्कीए जैसे किसी एक देश का इज़राइल पर सीधा हमला पूरे मध्यपूर्व में भारी तबाही ला सकता है क्योंकि इज़राइल को और भारी हमले का आधार मिल जाएगा. ऑस्ट्रेलिया जैसे देश ने हानिएह के मारे जाने के बाद मध्यपूर्व में हालत ख़तरनाक होने का अंदेशा जताया है.