गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज में आक्सीजन की कमी के मामले में विभागीय कार्रवाई करते हुए उप्र सरकार में डॉ. कफील खान (Dr Kafeel Khan) को अब बर्खास्त कर दिया है. कफील बाल रोग विशेषज्ञ थे. इस पूरे मामले पर प्रियंका गांधी ने ट्वीट कर इस फैसले को दुर्भावना से भरा हुआ बताया है. वह बीते चार साल से निलंबित हैं, इस दौरान जेल भी रहे. जानें कफील खान उप्र सरकार के लिए क्यों किरकिरी बने हैं. बता दें कि उप्र सरकार ने आक्सीजन की कमी से 60 बच्चों की मौत के मामले में उन्हें बर्खास्त कर दिया है.पहले ये बात सामने आई कि इस संकट के दौरान डॉ कफील ने निजी तौर पर ऑक्सीजन जुटाने की काफ़ी कोशिश की, लेकिन बीते चार साल से डॉ कफील खान पर एक के बाद मामले दर्ज हुए.उप्र सरकार ने कहा कि मामला कोर्ट में है, लिहाजा बर्खास्तगी का आर्डर कोर्ट में पेश किया जाएगा, लेकिन कफील खान अब एक नई कानूनी लड़ाई के लिए अपने को तैयार कर रहे हैं. उनका कहना है कि आदेश की कॉपी मिलने के बाद वे इसे कोर्ट में चुनौती देंगे.
- 15 अप्रैल 2019 में कफील खान को जांच अधिकारी ने निर्दोष माना
- 24 फरवरी को 2020 को दोबारा विभागीय जांच का आदेश वापस ले लिया गया
- 2019 में CAA प्रदर्शन के दौरान कफील खान पर रासुका के तहत कार्रवाई की गई
- इस मामले में हाईकोर्ट से कफील खान को राहत मिली
डॉ कफील का ट्वीट- न्याय या अन्याय आप तय करें
इस पूरे मामले पर डॉ कफील ने अपने वैरिफाइड ट्विटर हैंडल से ट्वीट भी किया है. उन्होंने लिखा है कि 63 बच्चों ने दम तोड़ दिया क्योंकि सरकार ने O2 सप्लायरों को भुगतान नहीं किया. 8 डॉक्टर, कर्मचारी निलम्बित -7 बहाल. कई जांच/अदालत द्वारा चिकित्सा लापरवाही और भ्रष्टाचार के आरोप में क्लीन चिट मिलने के बावजूद- मैं बर्खास्त, माँ बाप-इंसाफ़ के लिए भटक रहे. न्याय? अन्याय ? आप तय करें.
प्रियंका गांधी ने कार्रवाई को दुर्भावना से ग्रस्त बताया
बीआरडी मेडीकल कॉलेज में आक्सीजन की कमी से बच्चों की मौत के मामले में कफील खान समेत 9 लोगों पर मामला दर्ज हुए और निलंबित हुए. कफील खान जहां उप्र सरकार के आंखों की किरकिरी बने हैं वहीं विपक्षी पार्टियां उनके पक्ष में खड़ी होती रही है. गुरुवार तो कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी ने ट्वीट किया कि कफील खान पर कार्रवाई दुर्भावना ग्रस्त है.नफरती एजेंडा से प्रेरित सरकार उनको प्रताड़ित करने के लिए ये सब कर रही है, लेकिन सरकार को ध्यान रखना चाहिए कि वो संविधान से ऊपर नहीं है. कांग्रेस पार्टी डॉ कफील की न्याय की लड़ाई में उनके साथ है और हमेशा रहेगी.