- कांग्रेस अध्यक्ष खरगे ने कर्नाटक में सीएम बदलने पर कहा कि इसका फैसला पार्टी हाईकमान करेगा
- सिद्धारमैया ने भी आलाकमान के फैसले का पालन करने की बात कही और नेतृत्व परिवर्तन को अटकल बताया
- बीजेपी नेता सुरेश कुमार ने सवाल किया कि अगर कांग्रेस अध्यक्ष आलाकमान नहीं हैं, तो कौन है
कर्नाटक में मुख्यमंत्री बदलने की अटकलों के बीच कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे का अहम बयान आया है. उन्होंने रविवार को कहा कि यह जो कुछ भी है, इस पर पार्टी आलाकमान फैसला लेगा. फिलहाल उनके पास इस बारे में कहने के लिए कुछ नहीं है. उनके बयान के बाद बीजेपी नेताओं ने तंज कसा है कि अगर कांग्रेस पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष आलाकमान नहीं है, तो और कौन है! यह सच में एक बड़ा मजाक है.
खरगे ने कहा, मेरे पास कहने को कुछ नहीं
खरगे ने बेंगलुरू में अपने आवास पर पत्रकारों से कहा कि जो भी घटनाक्रम हुए हैं, उनके बारे में कहने के लिए मेरे पास कुछ नहीं है. इसलिए आप (मीडिया) यहां खड़े होकर अपना समय बर्बाद कर रहे हैं और मुझे भी बुरा लग रहा है. जो होना है, आलाकमान करेगा. आपको इस बारे में और चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है.
आलाकमान का फैसला मानूंगाः सिद्धारमैया
कांग्रेस प्रमुख खरगे के बयान से एक दिन पहले मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के साथ उनकी एक घंटे से अधिक समय तक बैठक हुई थी. खरगे से मुलाकात के बाद शनिवार रात सिद्धारमैया ने पत्रकारों से मुख्यमंत्री के रूप में अपने कार्यकाल से जुड़े सवाल के जवाब में कहा था कि वह आलाकमान के फैसले का पालन करेंगे और सभी को ऐसा ही करना चाहिए. हालांकि उन्होंने नेतृत्व परिवर्तन को लेकर जारी चर्चाओं को अटकल करार दिया था. सिद्धारमैया की एक हफ्ते से भी कम समय में खरगे के साथ यह दूसरी मुलाकात थी.
खरगे आलाकमान नहीं तो कौन, BJP का तंज
इस बीच, विपक्षी बीजेपी के नेताओं ने खरगे के बयान के बाद उन पर और कांग्रेस पार्टी पर निशाना साधा. भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं विधायक सुरेश कुमार ने सोशल मीडिया पर सवाल किया कि अगर कांग्रेस पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष आलाकमान नहीं है, तो और कौन है! यह सच में एक बड़ा मजाक है.
'नकली गांधी खरगे की बेइज्जती कर रहे'
राज्य विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष आर. अशोक ने कहा कि खरगे के बयान में बेबसी और कांग्रेस पार्टी में उनकी असली हैसियत दिखती है. उन्होंने एक्स पर पोस्ट में लिखा कि खरगे को सिर्फ नाम के लिए राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाने वाले नकली गांधी सारी ताकत अपने पास रखकर खरगे जैसे वरिष्ठ नेता की बेइज्जती कर रहे हैं.
कर्नाटक में कुर्सी के लिए सिद्दा Vs डीके
गौरतलब है कि कर्नाटक में कांग्रेस सरकार के पांच में से ढाई साल का कार्यकाल 20 नवंबर को पूरा हो चुका है. इसी के साथ राज्य में मुख्यमंत्री बदलने की अटकलों के बीच सत्तारूढ़ पार्टी में सत्ता संघर्ष तेज हो गया है. मुख्यमंत्री की एआईसीसी प्रमुख के साथ बैठक से पहले उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार के समर्थक कुछ विधायकों ने 20 नवंबर को सरकार का ढाई साल का कार्यकाल पूरा होने पर दिल्ली जाकर खरगे से मुलाकात की थी. हालांकि शिवकुमार ने कहा था कि उन्हें यह जानकारी नहीं थी कि विधायक खरगे से मिलने दिल्ली गए हैं.
कैबिनेट फेरबदल चाहते हैं सिद्धारमैया
पार्टी सूत्रों के अनुसार, एक तरफ सिद्धारमैया अपनी कैबिनेट में फेरबदल के लिए दबाव डाल रहे हैं, तो दूसरी ओर शिवकुमार चाहते हैं कि पार्टी पहले नेतृत्व परिवर्तन पर फैसला करे. पार्टी सूत्रों का कहना है कि अगर कांग्रेस आलाकमान कैबिनेट फेरबदल को मंजूरी देता है तो यह संकेत होगा कि मुख्यमंत्री सिद्धारमैया पांच साल का कार्यकाल पूरा करेंगे. इससे शिवकुमार की मुख्यमंत्री बनने की संभावनाएं कमजोर पड़ जाएंगी.
'सिद्धा और डीके में CM का 50-50 फॉर्मूला'
मई 2023 में विधानसभा चुनाव नतीजों के बाद मुख्यमंत्री पद के लिए सिद्धारमैया और शिवकुमार में कड़ा मुकाबला हुआ था. कांग्रेस नेता शिवकुमार को मनाने में कामयाबी रहे और उन्हें उपमुख्यमंत्री बनाया. उस समय खबरें आई थीं कि बारी-बारी से मुख्यमंत्री पद संभालने के फॉर्मूले पर समझौता हुआ है. कथित समझौते के मुताबिक, शिवकुमार ढाई साल बाद मुख्यमंत्री बनेंगे. हालांकि पार्टी ने इस फॉर्मूले की पुष्टि नहीं की थी.














