केरल, पुडुचेरी में जून से अगस्त तक जलवायु परिवर्तन सूचकांक का स्तर सबसे खराब रहा: अध्ययन

जलवायु परिवर्तन सूचकांक में प्रेक्षित या पूर्वानुमानित तापमान की तुलना उन मॉडलों द्वारा उत्पन्न तापमान से की जाती है जो मानव-जनित जलवायु परिवर्तन के प्रभाव को दूर करते हैं.

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तिरुवनंतपुरम:

केरल, पुडुचेरी और अंडमान-निकोबार द्वीपसमूह में इस वर्ष जून से अगस्त तक अधिकतम तापमान तीन डिग्री अधिक दर्ज किया गया, जो दुनिया भर में सबसे अधिक है. बृहस्पतिवार को एक नयी रिपोर्ट में यह दावा किया गया. ‘क्लाइमेट सेंट्रल' द्वारा तैयार की गई रिपोर्ट में कहा गया है कि जलवायु परिवर्तन के कारण इन तीनों भारतीय क्षेत्रों में 60 से अधिक दिन तक तीन या उससे अधिक जलवायु परिवर्तन सूचकांक स्तर दर्ज किया गया.

जलवायु परिवर्तन सूचकांक में प्रेक्षित या पूर्वानुमानित तापमान की तुलना उन मॉडलों द्वारा उत्पन्न तापमान से की जाती है जो मानव-जनित जलवायु परिवर्तन के प्रभाव को दूर करते हैं. क्लाइमेट सेंट्रल ने एक बयान में कहा, “तीन भारतीय राज्यों केरल, पुडुचेरी, अंडमान -निकोबार में 60 से अधिक दिन तक सीएसआई स्तर 3 या उससे अधिक रहा. 11 भारतीय राज्यों में औसत तापमान दीर्घकालिक (1991-2020) औसत से 1 डिग्री सेल्सियस या अधिक दर्ज किया गया और पांच भारतीय राज्यों केरल, अंडमान और निकोबार, पुडुचेरी, मेघालय, गोवा में ग्रीष्मकालीन औसत सीएसआई 3 से ऊपर था.”

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(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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