ब्रिटेन में केरल की नर्स और उसके दो बच्चों की मौत, पति पर 'क्रूरता' का आरोप

केरल में नर्स का परिवार परेशान, शवों को भारत वापस लाने के लिए लगभग 30 लाख रुपये की है जरूरत

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प्रतीकात्मक फोटो.
कोट्टयम (केरल):

केरल की एक भारतीय मूल की नर्स और उसके दो छोटे बच्चों की ब्रिटेन में हत्या की खबर के एक दिन बाद उसके परिवार ने शनिवार को आरोप लगाया कि उसका पति अतीत में भी एक "क्रूर" व्यक्ति था और उसने अपनी पत्नी पर हमला किया था. परिवार ने कहा कि उनकी मुश्किलें और बढ़ गई हैं. उन्हें शवों को भारत वापस लाने और अपनी बेटी और पोते-पोतियों को आखिरी बार देखने के लिए करीब 30 लाख रुपये की जरूरत है.

नर्स 35 वर्षीय अंजू अशोक और उसके बच्चे, छह साल के बेटे और चार साल की लड़की, गुरुवार को पूर्वी इंग्लैंड के केटरिंग में नॉर्थम्प्टन क्षेत्र के अपने घर पर गंभीर रूप से घायल पाए गए थे. पुलिस के मुताबिक अंजू अशोक की घटनास्थल पर ही मौत हो गई थी और बच्चों ने अस्पताल में दम तोड़ दिया.

केरल के कोट्टायम जिले के वैकोम इलाके में अपने घर पर मीडिया से बात करते हुए अंजू अशोक के माता-पिता ने कहा कि स्थानीय पुलिस ने उन्हें पिछली रात को सूचित किया था कि उनकी बेटी के पोस्टमॉर्टम के अनुसार, उसकी कपड़े या रस्सी से गला दबाकर हत्या की गई थी. आज उनके पोते-पोतियों का पोस्टमार्टम होना था.

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अंजू अशोक की मां ने आरोप लगाया कि उनका दामाद  सजू एक "क्रूर" व्यक्ति है और उसने उसे अपनी बेटी और पोते पर तब हमला करते देखा था जब वे दोनों सऊदी अरब में रह रहे थे.

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उन्होंने पत्रकारों से कहा कि, "जब मेरी पोती का जन्म हुआ तब मैं उनके साथ रह रही थी. मैंने उसे अंजू और मेरे पोते को मारते हुए देखा है. वह एक क्रूर व्यक्ति है. वह बहुत जल्दी क्रोधित हो जाता है. मैं वहां घर में उसके साथ अकेले रहने से डरती थी.''

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उन्होंने संवाददाताओं से कहा, "लेकिन मेरी बेटी ने कभी शिकायत नहीं की. वह चुपचाप सब कुछ सहती रही क्योंकि वह नहीं चाहती थी कि हम चिंता करें. मुझे यकीन है कि जब वे इंग्लैंड गए तो उसकी क्रूरता जारी रही."

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उन्होंने यह भी कहा कि सजू सऊदी अरब में नौकरी करता था, लेकिन वह इंग्लैंड में रहते हुए बेरोजगार था. इस पर भी वह पैसा अपने पास रखता था और शायद ही कभी उन्हें कोई पैसा भेजता था. अंजू अशोक की मां ने दावा किया, "वह तय करता था कि हम अपनी बेटी और पोते को वीडियो कॉल के जरिए कब देख सकते हैं."

उसने यह भी कहा कि कन्नूर में रहने वाला उसके दामाद का परिवार उसकी बेटी और पोते से प्यार करता था और उन्हें अंजू अशोक के बारे में कभी कोई शिकायत नहीं थी.

अंजू अशोक के पिता ने कहा कि उनकी बेटी जब बेंगलुरु में नर्सिंग की पढ़ाई कर रही थी और वहां काम कर रही थी तब उसकी मुलाकात सजू से हुई थी. सजू एक ट्रैवल एजेंसी में काम करता था. उन्होंने कहा कि, "यह एक प्रेम विवाह था. जब उसने हमें सूचित किया, तो हम झिझक रहे थे. लेकिन वे दोनों वयस्क और पढ़े-लिखे थे.'' 

उन्होंने कहा, "मेरी बेटी ने कहा था कि अगर हम उनकी शादी के लिए मना करते हैं तो वह इसे स्वीकार कर लेंगी, लेकिन उसने यह भी कहा था कि किसी और से शादी करने पर जोर न दें. इसलिए, हम उनकी शादी के लिए राजी हो गए."

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