केरल: बलि से पहले आरोपियों ने महिलाओं को दी थी अमानवीय यातनाएं- पुलिस

पुलिस गुमशुदा महिला की तलाश में उसके मोबाइल की लोकेशन के जरिए त्रिरुवल्ला पहुंची. वहां के CCTV फुटेज खंगालने के बाद महिला का डॉक्टर से संपर्क होने का पता चला. पुलिस ने डॉक्टर दंपति को हिरासत में लेकर पूछताछ की तो उन्होंने पूरा राज खोल दिया.

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केरल में 2 महिलाओं की नरबलि का मामला 11 अक्टूबर को सामने आया.


केरल में जादू-टोने के चक्कर में नरबलि (Human Sacrifice in Kerala)दिए जाने के मामले में पुलिस ने बुधवार को चौंकाने वाले खुलासे किए. पुलिस ने बताया कि बलि देने वाले डॉक्टर दंपति ने 2 महिलाओं को बांधकर पहले कई तरह की यातनाएं दी. पुलिस ने बताया कि आरोपियों ने दोनों महिलाओं की हत्या से पहले चाकू से उनके प्राइवेट पार्ट्स काट दिए थे. फिर उनका गला रेत दिया गया था. इसके बाद एक लाश के 56 टुकड़े किए गए. हालांकि, नरबलि के बाद आरोपियों के शव खाने (Cannibalism) की अभी पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन सबूत इस ओर भी इशारा कर रहे हैं. 

रिपोर्ट के मुताबिक, केरल में 2 महिलाओं की नरबलि का मामला 11 अक्टूबर को सामने आया. घटना 27 सितंबर की बताई जा रही है. रिपोर्ट के मुताबिक, केरल के त्रिरुवल्ला में अंधविश्वास के चलते डॉक्टर भगावल सिंह और उसकी पत्नी लैला ने 2 महिलाओं की गला रेतकर हत्या कर दी थी. दोनों शवों के टुकड़े करके उन्हें दफना दिया. आरोपियों को भरोसा था कि ऐसा करने से उनके घर में धन-दौलत आने लगेगा. इस काम में एक तांत्रिक मोहम्मद शफी ने उनकी मदद की थी. पुलिस ने 3 आरोपियों को मंगलवार को गिरफ्तार किया.

कोच्चि के पुलिस कमिश्नर सी नागराजू ने एनडीटीवी को बताया कि कुछ सबूत नरबलि के बाद आरोपियों द्वारा मानव मांस खाने की ओर इशारा करते हैं, लेकिन अभी तक उनकी पुष्टि नहीं हो पाई है. अधिकारियों ने कहा कि लैला सिंह ने दावा किया है कि उन्होंने महिलाओं का मांस खाया, लेकिन अभी तक इसका कोई ठोस सबूत नहीं मिला है.

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दरअसल, त्रिरुवल्ला के रहने वाले डॉक्टर भगावल काफी समय से आर्थिक तंगी से जूझ रहे थे. उनकी पत्नी लैला ने पेरुंबवूर में रहने वाले तांत्रिक शफी से संपर्क किया. उसने कहा- मानव बलि देने से ही भगवान खुश होंगे. उसने दो महिलाओं की बलि देने को कहा. साथ ही यह भी बताया कि वही बलि के लिए महिलाओं का इंतजाम भी कर देगा. पुलिस ने इस मामले में शफी को मुख्य आरोपी बनाया है.

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देश को स्तब्ध कर देने वाली इस जघन्य वारदात के मुख्य आरोपी ने दंपति को दो बार की कोशिश के बाद इस नरबलि के लिए मना लिया. उसने उनसे यह कहा कि वह यह पहली बार नहीं कर रहा है. कोच्चि के पुलिस कमिश्नर सीएच नागराजू ने कहा, "जहां तक इन आरोपियों के व्यवहार की बात है, तो हम समझ गए हैं कि उनका यह तरीका था कि पहले हत्या, फिर शव को टुकड़े-टुकड़े कर देना और फिर उन्हें दफना देना."

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उन्होंने कहा कि, "(मुख्य आरोपी मोहम्मद) शफी ने अन्य दो आरोपियों (भगवल सिंह और उनकी पत्नी लैला) को आश्वस्त किया कि पहली बलि दान से उनकी आर्थिक स्थिति में ज्यादा सुधार नहीं हुआ ... पहली बलि में कुछ 'अनुष्ठान संबंधी समस्याएं' थीं, इसलिए उन्हें एक और बलि देनी होगी." 

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हत्यारों के व्यवहार को "बहुत अधिक ही असामान्य" बताते हुए पुलिस अधिकारी ने कहा कि दो पीड़ितों के शवों पर दिखाई दिए घाव उस 75 वर्षीय महिला के समान हैं, जिनका दो साल पहले शफी ने यौन उत्पीड़न किया था. पुलिस प्रमुख ने कहा कि मानव मांस भक्षण के आरोप अभी साबित नहीं हुए हैं. नागराजू ने कहा, "जहां तक सबूत का सवाल है, यह मानव बलि का मामला है और नरभक्षण है या नहीं, यह अभी तक साबित नहीं हुआ है." 

पुलिस गुमशुदा महिला की तलाश में उसके मोबाइल की लोकेशन के जरिए त्रिरुवल्ला पहुंची. वहां के CCTV फुटेज खंगालने के बाद महिला का डॉक्टर से संपर्क होने का पता चला. पुलिस ने डॉक्टर दंपति को हिरासत में लेकर पूछताछ की तो उन्होंने पूरा राज खोल दिया। इसके बाद तांत्रिक शफी व डॉक्टर दंपति को गिरफ्तार कर लिया गया.

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