नफरती भाषण मामले में केरल हाईकोर्ट ने पीसी जॉर्ज को जमानत दी

तिरुवनंतपुरम और एर्नाकुलम में दर्ज नफरती भाषण के दो मामलों में गिरफ्तार वरिष्ठ नेता पीसी जॉर्ज को शुक्रवार को जमानत दे दी गई

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वरिष्ठ नेता पीसी जॉर्ज को केरल हाईकोर्ट ने जमानत दे दी है (फाइल फोटो).
कोच्चि:

केरल उच्च न्यायालय ने तिरुवनंतपुरम और एर्नाकुलम में दर्ज नफरती भाषण के दो मामलों में गिरफ्तार वरिष्ठ नेता पीसी जॉर्ज को शुक्रवार को जमानत दे दी. न्यायमूर्ति गोपीनाथ पी ने जमानत देते हुए जॉर्ज पर कड़ी शर्तें लगाईं, जिसमें दोनों मामलों में 50,000 रुपये का निजी मुचलका और दोनों मामलों में दो-दो जमानतदार पेश करना शामिल है. 

मुसलमानों के खिलाफ 29 अप्रैल को नफरती भाषण देने के मामले में आरोपी वरिष्ठ नेता को मिली जमानत को तिरुवनंतपुरम की एक मजिस्ट्रेट अदालत ने रद्द कर दिया था, जिसके बाद पुलिस ने बुधवार को 72 वर्षीय जॉर्ज को गिरफ्तार किया था. उन पर जमानत की शर्तों के उल्लंघन का आरोप था.

अदालत ने जमानत देते हुए अपने आदेश में कहा, “मेरी राय है कि याचिकाकर्ता को राहत दी जा सकती है. मेरा विचार है कि चूंकि याचिकाकर्ता के खिलाफ दर्ज दोनों अपराध के मामले में अधिकतम तीन साल तक के कारावास या जुर्माने की सजा का प्रावधान है (जब तक कि मामला धारा 153ए की उप-धारा (2) के भीतर नहीं आता है), याचिकाकर्ता की निरंतर हिरासत आवश्यक नहीं हो सकती है.”

उच्च न्यायालय ने जमानत अर्जी को यह कहते हुए स्वीकार कर लिया कि 70 वर्षीय नेता के कानून से भागने की संभावना नहीं है. अदालत ने जॉर्ज से कहा कि वह जांच में हस्तक्षेप न करें या तिरुवनंतपुरम अथवा एर्नाकुलम में किसी गवाह को प्रभावित करने या डराने की कोशिश न करें.

पुलिस ने 29 अप्रैल को यहां ‘अनंतपुरी हिंदू महा सम्मेलनम' को संबोधित करते हुए मुसलमानों के खिलाफ साम्प्रदायिक भाषण देने के आरोप में जॉर्ज के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज करने के बाद एक मई को उन्हें गिरफ्तार किया था. उन्हें हालांकि उसी दिन जमानत मिल गई थी.

पूर्व विधायक ने केरल में गैर-मुसलमानों को मुस्लिम समुदाय द्वारा संचालित रेस्तरां में खाने से बचने के लिए कहकर विवाद खड़ा कर दिया था.

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इसके बाद 10 मई को यहां एक अन्य कार्यक्रम में नफरती भाषण देने के आरोप में एर्नाकुलम के पलारीवट्टोम पुलिस थाने में उनके खिलाफ एक और मामला दर्ज किया गया था. उन्हें तिरुवनंतपुरम में दिये गए नफरती भाषण के मामले में जमानत की शर्तों का उल्लंघन करने के आरोप में 25 मई को गिरफ्तार किया गया था.

इस बीच, नफरत फैलाने वाले भाषणों के दो मामलों में केरल उच्च न्यायालय द्वारा जमानत दिए जाने के बाद शुक्रवार को जेल से रिहा हुए जॉर्ज ने कहा कि उनकी गिरफ्तारी राज्य के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन की साजिश का हिस्सा थी.

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पूजापुरा केंद्रीय कारागार के बाहर भाजपा कार्यकर्ताओं द्वारा किए गए स्वागत के बीच जॉर्ज ने कहा कि वह आगामी थ्रिक्काकारा उपचुनाव में भाजपा के लिए गंभीरता से काम करेंगे.

इस बीच, वहां जॉर्ज के स्वागत के लिए मौजूद भाजपा कार्यकर्ताओं द्वारा चार मीडियाकर्मियों की कथित तौर पर पिटाई किए जाने का मामला भी सामने आया है. जेल के सामने खड़े भाजपा की जिला इकाई के नेताओं ने कहा कि उन्हें मीडिया कर्मियों पर हमले का पता नहीं चल पाया.

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जॉर्ज ने मीडिया से बात करते हुए कहा, “मेरी गिरफ्तारी पिनराई विजयन की एक साजिश का हिस्सा थी. उन्होंने थ्रिक्काकारा में मेरे खिलाफ कुछ बयान दिए. दो दिनों में, मैं उन्हें थ्रिक्काकारा में ही जवाब दूंगा. मैं राज्य में कानून-व्यवस्था का पालन करूंगा. मैं आगामी थ्रिक्काकारा उपचुनाव में भाजपा के लिए ईमानदारी से काम करूंगा.”

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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