केरल के मुख्यमंत्री पिनारायी विजयन ने शनिवार को कहा कि राज्य सरकार अंधविश्वास और काले जादू जैसी प्रथाओं से निपटने के लिए एक कानून लाने पर विचार कर रही है, जिनका इस्तेमाल समाज को पिछड़ा बनाने के लिए कुछ लोगों द्वारा किया जा रहा है. विजयन ने यहां शिवगिरी मठ तीर्थ सम्मेलन के उद्घाटन के अवसर पर कहा कि प्रसिद्ध समाज सुधारक श्री नारायण गुरु के समय में अंधविश्वास और गलत कर्मकांड काफी प्रचलित थे, इसलिए नारायण गुरु ने जागरूकता पैदा करके ऐसी प्रथाओं को खत्म करने की कोशिश की थी.
मुख्यमंत्री ने इस कार्यक्रम में कहा, ‘‘लेकिन, ऐसी प्रथाओं और अंधविश्वासों को बुरी एवं असामाजिक ताकतों द्वारा पुनर्जीवित किया जा रहा है. इसका एक ताजा उदाहरण एलंथूर में नर बलि का मामला था. इसने संकेत दिया कि किस हद तक अंधविश्वास लोगों को क्रूर और अपराधी प्रवृत्ति का बना सकता है.''
उन्होंने कहा कि इस तरह की प्रथाओं का सभी को विरोध करना चाहिए, लेकिन कुछ मीडिया संगठन काले जादू जैसी चीजों का विज्ञापन बिना इसके प्रभाव पर विचार किए राजस्व अर्जित करने के लिए करते हैं.
विजयन ने कहा कि कुछ बुरी ताकतें केरल में समाज की प्रगतिशील प्रकृति को पिछड़े स्वरूप में बदलने की कोशिश कर रही हैं, जिसे रोका जाना चाहिए. उन्होंने कहा, ‘‘इसलिए, सरकार इस तरह के अंधविश्वास और गलत कर्मकांड से संबंधी प्रथाओं को रोकने या उनसे निपटने के लिए कानून लाने पर विचार कर रही है.''
गौरतलब है कि राज्य के पठानमथिट्टा जिले में एक काले जादू की रस्म के तहत दो महिलाओं की कथित तौर पर बलि दी गई थी. इस घटना के सिलसिले में 11 अक्टूबर को हत्या का विवरण सामने आने के बाद तीन लोगों भगवल सिंह (68), लैला (59) और मोहम्मद शफी (52) को गिरफ्तार किया गया था.