बाबा केदारनाथ के दर्शन सिर्फ 36 मिनट में, अदाणी ग्रुप के रोपवे के बारे में जाने जरूरी सवालों के जवाब

अदाणी ग्रुप के केदारनाथ रोपवे की कुल लंबाई 12.9 किलोमीटर होगी जो सोनप्रयाग से श्रद्धालुओं को बाबा के दर्शन के लिए ले जाएगा. इससे श्रद्धालु केवल 36 मिनट में दर्शन करने पहुंच सकेंगे.

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  • केदारनाथ रोपवे की कुल लंबाई 12.9 किलोमीटर की होगी, जो सोनप्रयाग से बाबा केदारनाथ को जोड़ेगा.
  • केदारनाथ धाम की यात्रा का समय घटकर 36 मिनट रह जाएगा. ट्रॉली में बैठेंगे 35 लोग, हर घंटे 1800 लोग करेंगे सफर.
  • 4,081.28 करोड़ रुपये की लागत से बन रही इस परियोजना के तहत केदारनाथ में रोपवे छह साल में बन कर तैयार हो जाएगा.
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केदारनाथ की यात्रा को सुगम बनाने के लिए भारत सरकार वहां भारतमाला योजना के तहत रोपवे बनाने जा रही है. इसे बनाने का जिम्मा अदाणी ग्रुप को सौंपा गया है. अदाणी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अदाणी ने बुधवार को इसकी जानकारी देते हुए एक वीडियो भी साझा किया जिसमें इस रोपवे प्रोजेक्ट से जुड़ी अहम जानकारियां दी गई हैं. बता दें कि भारत सरकार के राष्ट्रीय राजमार्ग लॉजिस्टिक प्रबंधन लिमिटेड ने सितंबर के महीने में अदाणी एंटरप्राइजेज लिमिटेड (एईएल) को इस परियोजना का काम सौंपा था. यह रोपवे छह साल में बन कर तैयार होगा. रोपवे के शुरू होने के बाद अदाणी ग्रुप ही अगले 29 सालों के लिए इसका परिचालन करेगा. 

यह रोपवे कब बन कर शुरू होगा? इसमें कितनी लागत आएगी? कितने लोग सफर कर सकेंगे? कितनी देर में लोगों को बाबा केदारनाथ के दर्शन कराने पहुंचाएगी? चलिए जानते हैं ऐसे ही सभी अहम सवालों के जवाब.

रोपवे के बारे में सभी अहम जानकारियां

  • रोपवे की कुल लंबाई 12.9 किलोमीटर की होगी जो सोनप्रयाग से केदारनाथ को जोड़ेगा.
  • केदारनाथ की कठिन यात्रा का समय 8-9 घंटे से घटकर सिर्फ 36 मिनट रह जाएगा.
  • रोपवे की ट्रॉली (गोंडोला) में 35 लोगों के बैठने की व्यवस्था होगी.
  • रोपवे से हर घंटे 1800 यात्री दोनों दिशा में यात्रा कर सकेंगे
  •  यह भारत का पहला थ्रीएस (ट्राइकेबल) रोपवे बनेगा
  • इसे दुनिया की सबसे आधुनिक तकनीक की मदद से बनाया जाएगा.
  • रोपवे को बनाने में 4,081 करोड़ रुपये की लागत आएगी.
  • इससे पर्यटन और स्थानीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलेगा.
  • 6 साल में बन कर तैयार हो जाएगा सोनप्रयाग-केदारनाथ रोपवे.
  • अदाणी ग्रुप 29 साल तक करेगा रोपवे का परिचालन.

गौरीकुंड से 16 किलोमीटर की चढ़ाई होगी आसान

केदारनाथ मंदिर तक की यात्रा में गौरीकुंड से 16 किमी की चुनौतीपूर्ण चढ़ाई है. अभी इसे पैदल या टट्टू, पालकी और हेलीकॉप्टर द्वारा तय किया जाता है. प्रस्तावित रोप-वे की योजना मंदिर में आने वाले तीर्थयात्रियों को सुविधा प्रदान करने और सोनप्रयाग तथा केदारनाथ के बीच हर मौसम में कनेक्टिविटी सुनिश्चित करने के लिए बनाई गई है.

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