कर्नाटक सरकार ने नए स्ट्रेन 'ओमिक्रॉन' की चिंताओं के बीच राज्य में COVID-19 एहतियाती कदम उठाए हैं. हवाई अड्डों पर अंतरराष्ट्रीय यात्रियों की स्क्रीनिंग तेज की जाएगी और महाराष्ट्र और केरल से आने वाले यात्रियों के लिए अब आरटी-पीसीआर परीक्षण अनिवार्य होगा. यह कदम आज शाम को मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय बैठक के बाद सामने आया है.
राज्य के राजस्व मंत्री आर अशोक ने कहा कि सरकार ने सरकारी कार्यालयों, मॉल, होटल, सिनेमा हॉल, चिड़ियाघर, स्विमिंग पूल और पुस्तकालयों में काम करने वालों के लिए दूसरी खुराक अनिवार्य करने का भी फैसला किया है. उन्होंने आगे कहा, "बैठक में स्कूलों और कॉलेजों में सांस्कृतिक कार्यक्रमों पर अस्थायी प्रतिबंध लगाने का फैसला किया गया."
बता दें कि वैज्ञानिकों ने कोरोना के 'ओमिक्रॉन' वेरिएंट में म्यूटेशन की एक बड़ी संख्या की बात कही है. कोरोना के इस खतरनाक वैरिएंट के बारे में पहली बार दक्षिण अफ्रीका में पिछले सप्ताह पता चला था. विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के एक पैनल ने इसे चिंता के एक अत्यधिक संक्रामक संस्करण के रूप में वर्गीकृत किया है. डेल्टा वैरिएंट को भी इसी श्रेणी में शामिल किया गया था.
इसमें कहा गया कि केरल के जिन छात्रों की आरटी-पीसीआर टेस्ट रिपोर्ट निगेटिव आई है, उन्हें पहली रिपोर्ट के सातवें दिन दूसरा टेस्ट करवाना होगा. यह केवल उन छात्रों के लिए है जो पिछले 16 दिनों में राज्य में पहुंचे हैं. सरकार ने कहा कि मेडिकल और नर्सिंग कॉलेजों में छात्रों के लिए स्क्रीनिंग प्रक्रिया तेज होगी.
यह कदम कर्नाटक में मेडिकल छात्रों के लिए हाल के कई कोरोना संक्रमण के मामलों को देखते हुए लिया गया है. बेंगलुरु के एक नर्सिंग कॉलेज के बारह छात्र शुक्रवार को कोरोना संक्रमित पाए गए थे. यहां तक कि कर्नाटक के धारवाड़ में मेडिकल कॉलेज को भी एक COVID-19 क्लस्टर घोषित करना पड़ा था. यहां कोरोनो संक्रमित छात्रों और कर्मचारियों की संख्या एक दिन में 66 से 182 पर पहुंच गई थी.