आईएएस अधिकारी रोहिणी सिंधुरी ने आईपीएस अधिकारी डी रूपा को उनके खिलाफ कथित रूप से 'झूठे और अपमानजनक पोस्ट' शेयर करने के लिए नोटिस भेजा है. उन्होंने 24 घंटे के भीतर लिखित में बिना शर्त माफी नहीं मांगने पर आपराधिक कार्यवाही करने की चेतावनी दी है. यह मामला आईपीएस अधिकारी डी रूपा द्वारा आईएएस अधिकारी पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाने के बाद सामने आया है. रूपा ने फेसबुक पर सिंधुरी की तस्वीरें भी पोस्ट की थीं और आरोप लगाया था कि उन्होंने उन्हें 2021 और 2022 में तीन आईएएस अधिकारियों के साथ साझा किया था.
रूपा ने दावा किया था कि सिंधुरी ने पुरुष आईएएस अधिकारियों को अपनी तस्वीरें भेजकर सेवा आचरण के नियमों का उल्लंघन किया है.
आरोपों के बाद आईएएस अधिकारी ने वकील सीवी नागेश के जरिए एक नोटिस भेजा और बिना शर्त माफी की मांग करते हुए कहा कि उनके खिलाफ "गंभीर आरोप" उनके "चरित्र" पर उंगली उठाने वाले हैं. सिंधुरी ने नोटिस में एक करोड़ रुपये के मुआवजे की मांग की है.
आईएएस अधिकारी ने डी रूपा से एक करोड़ रुपये का मुआवजा मांगा है. नोटिस में कहा गया है कि, "यह मानने का कारण है कि टिप्पणियां/बयान/आरोप झूठे हैं और सच्चाई से बहुत दूर हैं, आपने एक गंभीर अपराध किया है जो कि भारतीय दंड संहिता की धारा 500 के तहत दंडनीय है.“ वकील ने नोटिस में कहा है कि, "इस नोटिस के मिलने के 24 घंटों के भीतर, मानहानिकारक टिप्पणियां/बयान/आरोप पर हमारे मुवक्किल से लिखित में बिना शर्त माफी मांगें."
उन्होंने आगे आईपीएस अधिकारी द्वारा मांगों को पूरा करने में विफल रहने पर आपराधिक कार्यवाही की चेतावनी दी है. नोटिस में आगे कहा गया है कि सिंधुरी की "पेशेवर, व्यक्तिगत और सामाजिक छवि को खराब करने" के उद्देश्य से पोस्ट और आरोप लगाए गए थे.
नोटिस में कहा गया है कि, "यदि आप उक्त मांगों का पालन करने में विफल रहती हैं, तो हमारी मुवक्किल को भारतीय दंड संहिता की धारा 500 के तहत दंडनीय अपराध के लिए न्यायिक मजिस्ट्रेट के समक्ष उचित शिकायत दर्ज करके आपके खिलाफ उचित आपराधिक कार्यवाही शुरू करने के लिए बाध्य होना पड़ेगा."
गौरतलब है कि सोमवार को कर्नाटक की इन दो वरिष्ठ महिला अधिकारियों के सार्वजनिक रूप से एक-दूसरे के खिलाफ टीका-टिप्पणी करने पर राज्य के गृह मंत्री अरगा ज्ञानेंद्र ने उनके आचरण पर नाराजगी जताई थी. उन्होंने उन्हें सिविल सेवा संबंधी नियमों के उल्लंघन का हवाला देते हुए कार्रवाई करने की चेतावनी दी थी. कर्नाटक राज्य हस्तशिल्प विकास निगम की प्रबंध निदेशक डी रूपा और मुजराई विभाग की आयुक्त रोहिणी सिंधुरी के बीच यह विवाद चल रहा है.
ज्ञानेंद्र ने कहा था कि, ‘‘हम चुप नहीं बैठे हैं, उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. वे दोनों इतना बुरा व्यवहार कर रही हैं, जैसा कोई आम आदमी भी सड़क पर नहीं करेगा. चाहे उनके जो कुछ भी व्यक्तिगत मुद्दे हों, लेकिन (मामले का) मीडिया के सामने आना और इस तरह का व्यवहार करना सही नहीं है.''
उन्होंने बेंगलुरु में संवाददाताओं से कहा था कि, लोग आईएएस और आईपीएस अधिकारियों को बहुत ही सम्मान की नजरों से देखते हैं, लेकिन उनके व्यवहार और आचरण को देखकर ऐसा लगता है कि वे सिविल सेवा अधिकारियों का असम्मान और अपमान करा रही हैं.
डी रूपा ने सोशल मीडिया पर रोहिणी सिंधुरी पर कई गलत कार्यों में लिप्त होने का आरोप लगाया है. उन्होंने व्यक्तिगत टिप्पणी भी करते हुए सिंधुरी पर कदाचार का आरोप लगाया. साथ ही, उनकी निजी तस्वीरें जारी करते हुए आरोप लगाया कि इसे उन्होंने कुछ पुरुष अधिकारियों के साथ साझा किया था. आरोपों को बेबुनियाद करार देते हुए सिंधुरी ने कहा कि एक जिम्मेदार पद पर आसीन रूपा उनके खिलाफ व्यक्तिगत नफरत की भावना से इस तरह की टिप्पणियां कर रही हैं और ऐसा व्यवहार कर रही हैं जैसे कि उन्होंने अपना मानसिक संतुलन खो दिया हो.