BS येदियुरप्पा पद जाने की अफवाहों के बीच लिंगायत नेताओं से बटोर रहे हैं समर्थन.
पद से हटाए जाने की अफवाहों के बीच कर्नाटक के मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा आजकल बहुत बिजी चल रहे हैं. पिछले हफ्ते उनकी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात हुई थी, जिसके बाद से ही पद जाने की अफवाहें तेज हुई हैं और उनकी कई मुलाकातों का सिलसिला शुरू हो गया है. उन्हें कई धार्मिक नेताओं, यहां तक कि कांग्रेस के एक पूर्व मंत्री से भी समर्थन मिलता दिखा है.
बड़ी बातें
- बीएस येदियुरप्पा बेंगलुरु में एक मठ के मठाधीशों से मिले थे, जिसके बाद एक शीर्ष धार्मिक नेता सिरीगेरे सनेहल्ली स्वामीजी ने केंद्र को मुख्यमंत्री बदलने को लेकर चेतावनी दी है. उन्होंने कहा कि 'किसी भी सरकार को स्वतंत्र होना चाहिए. लेकिन अगर केंद्र हस्तक्षेप करता रहेगा, तो कोई भी मुख्यमंत्री अपना बेहतर नहीं दे पाएगा. अगर बार-बार मुख्यमंत्री बदला जाएगा, तो अफसरों के लिए काम करना मुश्किल हो जाएगा. केंद्र सरकार को इसपर सोचना चाहिए और मुख्यमंत्री को काम करने देना चाहिए.' येदियुरप्पा मंगलवार को मठाधीशों से मिले थे. ये मठाधीश राज्य में बड़ा ओहदा रखते हैं, ऐसे में यह बीजेपी और आरएसएस को एक संदेश हो सकता है.
- वीरशैव-लिंगायत समुदाय के धार्मिक और राजनीतिक नेताओं को राज्य में बीजेपी का बड़ा समर्थक माना जाता है. इस समुदाय के लोगों की कुल जनसंख्या राज्य की जनसंख्या की 16 फीसदी है. इस समुदाय के नेता मुख्यमंत्री का समर्थन कर रहे हैं. इनमें से कईयों ने बीजेपी को चेतावनी दी है कि वो येदियुरप्पा के खिलाफ कोई कदम न उठाए. यहां यह बता दें कि येदियुरप्पा भी इसी समुदाय से आते हैं.
- आश्चर्यजनक रूप से येदियुरप्पा को विपक्षी पार्टी कांग्रेस के एक लिंगायत नेता से भी समर्थन मिला है. कांग्रेस नेता एमबी पाटिल ने एक ट्वीट कर कहा, 'बीजेपी ने अगर अपने बड़े नेता येदियुरप्पा से बुरा बर्ताव किया तो उसे लिंगायतों का गुस्सा झेलना पड़ेगा. बीजेपी को उनके योगदान का मोल समझना चाहिए और उन्हें सम्मान देना चाहिए.'
- उनके इस बयान पर कर्नाटक बीजेपी ने हमला करते हुए कहा, 'एमबी पाटिल और उनके गुरु सिद्धारमैया ने राज्य में वीरशैवों और लिंगायतों को अलग करने की पूरी कोशिश की. आज श्री पाटिल सपने देख रहे हैं कि वो लिंगायत समुदाय की ओर से झूठी फिक्र दिखाकर उनके नेता बन जाएंगे. लोग राहुल के स्वर्ग में नहीं जी रहे हैं, जो उनपर विश्वास करेंगे.
- एक लिंगायत नेता के तौर पर बीएस येदियुरप्पा कर्नाटक में एक मजबूत जाति का प्रतिनिधित्व करते हैं. यह जाति बीजेपी की वोट बैंक मानी जाती है. माना जाता रहा है कि इस वजह से उनका पार्टी में एकछत्र राज रहा है.
- बीजेपी दक्षिण भारत में अपना पहला और इकलौता मुख्यमंत्री हटाने जा रही है, ऐसी अटकलें तब लगनी शुरू हो गई थीं, जब पिछले हफ्ते येदियुरप्पा चार्टर्ड प्लेन लेकर पीएम मोदी और दूसरे बीजेपी नेताओं से मिलने पहुंचे थे. मुलाकात के बाद ऐसी खबरें आ रही थीं कि उन्होंने अपनी सेहत का हवाला देते हुए इस्तीफे की पेशकश की थी.
- हालांकि, मुख्यमंत्री ने सामने से इस्तीफे की बात से इनकार कर दिया था. वैसे 26 जुलाई को उनका ऑफिस में दो साल पूरा हो रहा है और उन्होंने उस दिन विधायक दल की एक बैठक बुलाई है.
- कर्नाटक बीजेपी के विधायकों का एक धड़ा येदियुरप्पा और उनके बेटे विजयेंद्र की आलोचना करता रहा है. हालांकि, पार्टी ने उन्हें चुप कराने की कोई कोशिश नहीं की है, ऐसे में यह सवाल उठते रहे हैं कि आखिर पार्टी का समर्थन किसको है.
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